राजस्थान में स्थित मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर भारत के प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है, यहां भगवान हनुमान अपने बाल स्वरुप में विराजमान हैं।
यहां की मान्यता है कि, इस मंदिर में भूत-प्रेत और अन्य अलौकिक शक्तियों से पीड़ित लोगों का उपचार होता है। कहा जाता है कि यहां कि पूजा और अनुष्ठानों से इन समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
इस मंदिर में झाड़-फूंक के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। यह प्रक्रिया काफी जटिल और लंबी होती है। विशेषकर मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
इस मंदिर में एक अनोखी मान्यता ये भी कि, इस मंदिर के प्रसाद को भक्तजन अपने साथ लेकर घर नहीं आ सकते हैं।
इस मंदिर में या तो लोग प्रसाद खरीदते नहीं हैं, यदि खरीदते हैं तो उस प्रसाद को घर साथ नहीं लाते हैं। लेकिन इस मंदिर में आखिर ये अनोखी परंपरा क्यों है, आईए जानते हैं।
मेहंदीपुर बालाजी के मंदिर में भूत-प्रेत और अन्य नकारात्मक अलौकिक शक्तियों से मुक्ति दिलाई जाती है। कहा जाता है कि यहां का प्रसाद खाने से ये सब नकारात्मक शक्तियां व्यक्ति को प्रभावित कर सकती हैं।
मंदिर से प्रसाद या पानी घर लाना, नकारात्मक शक्तियों को अपने साथ घर लेकर आना माना जाता है। इस कारण ही लोगों का मानना है कि इस मंदिर में मिलने वाले प्रसाद को खाया नहीं जाता है और न ही घर लाया जाता है।