Haryana Rajasthan Roadways Dispute Story: जयपुर/चंडीगढ़: महज 50 रुपये के टिकट के विवाद ने राजस्थान और हरियाणा के रोडवेज परिवहन निगमों के बीच बड़ा टकराव खड़ा कर दिया। 50 रूपये टिकट की मामूली राशि से शुरू हुई यह तनातनी इतनी बढ़ी कि दोनों राज्यों की 150 से अधिक रोडवेज बसों का चालान कर दिया गया, जिससे लाखों रुपये का जुर्माना लगा। हालांकि, अब बातचीत के जरिए मामले को सुलझा लिया गया है।
Haryana Rajasthan Roadways Dispute Story:50 रुपये के टिकट से विवाद की शुरुआत
कुछ दिनों पहले, एक घटना के दौरान हरियाणा पुलिस की एक महिला सिपाही राजस्थान रोडवेज की बस में सफर कर रही थी। जब कंडक्टर ने उनसे टिकट के पैसे मांगे, तो उन्होंने यह कहकर देने से मना कर दिया कि पुलिसकर्मियों के लिए सफर मुफ्त होता है। कंडक्टर ने जोर देकर टिकट खरीदने को कहा और इस दौरान उनकी बातचीत सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इस वीडियो में कंडक्टर महिला सिपाही से कहता दिखाई दे रहा है कि अगर सफर करना है तो 50 रुपये का टिकट लेना ही होगा।
Haryana Rajasthan Roadways Dispute Story:हरियाणा पुलिस की कार्रवाई और राजस्थान की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद हरियाणा पुलिस ने राजस्थान रोडवेज की बसों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी। अगले कुछ दिनों में हरियाणा में प्रवेश करने वाली राजस्थान रोडवेज की करीब 90 बसों का चालान काटा गया। अचानक से इतने चालान काटे जाने पर राजस्थान रोडवेज प्रशासन में हलचल मच गई। यह मामला बढ़ते हुए राजस्थान सरकार तक जा पहुंचा।
हरियाणा पुलिस की इस कार्रवाई का जवाब देने के लिए राजस्थान पुलिस भी तत्पर हो गई। उन्होंने भी अगले दिन ही हरियाणा रोडवेज की 26 बसों का चालान काट दिया, जिनमें सिंधी कैंप से हरियाणा के लिए चलने वाली 9 बसें और सड़वा मोड़ पर 17 बसें शामिल थीं। इसके बाद आगामी दिनों में दोनों तरफ लगातार चालान होते रहे।
Haryana Rajasthan Roadways Dispute Story:लाखों के चालान के बाद सुलह का प्रयास
इस 50 रुपये के टिकट विवाद के कारण दो राज्यों के परिवहन निगमों के बीच लाखों रुपये के चालान कट चुके थे। इस तनावपूर्ण स्थिति को सुलझाने के लिए दोनों राज्यों के परिवहन मंत्रियों और अधिकारियों ने आपस में बातचीत की। हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल ने बयान दिया कि अधिकारियों के साथ बैठकर मामला सेटल कर लिया गया है और अब आगे बदले की भावना से कोई चालान नहीं काटा जाएगा।
Haryana Rajasthan Roadways Dispute Story:नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश
बातचीत के बाद यह सहमति बनी कि अब दोनों राज्य अपनी-अपनी बसों के चालान नियमों के तहत ही करेंगे और अनावश्यक दंडात्मक कार्रवाई से बचेंगे। दोनों राज्यों के परिवहन निगमों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे कानून का सही पालन सुनिश्चित करें और किसी भी पुलिसकर्मी या अन्य यात्री से संबंधित नियमों का पालन करवाएं।
क्या यह घटना रोडवेज के लिए सबक बनी?
महज 50 रुपये के टिकट से शुरू हुए विवाद ने राज्य परिवहन निगमों को यह संदेश दिया है कि सामान्य प्रक्रिया और नियमों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है। यह घटना भी बताती है कि किस तरह एक मामूली मुद्दा भी, बिना उचित संवाद के, बड़े टकराव का रूप ले सकता है। ऐसे मामलों में स्थानीय और राज्य स्तर पर बातचीत के माध्यम से समाधान निकालना चाहिए ताकि यात्री और परिवहन निगम दोनों के हित सुरक्षित रह सकें।
यह विवाद न केवल दोनों राज्यों के बीच आपसी टकराव का कारण बना, बल्कि यह रोडवेज सेवा के प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता का भी संकेत देता है। अब उम्मीद की जा रही है कि इस सुलह के बाद दोनों राज्यों के बीच परिवहन सेवाएं सुचारू रूप से चलेंगी और अनावश्यक चालान या टकराव से बचा जाएगा।