shimla mirch ki kheti: छत्तीसगढ़ के बेमित्रा के किसान पवन ने पारंपरिक धान,गन्ने, कॉटन और गेहूं की खेती छोड़कर सब्जियों की खेती को अपनाया और इसमें उन्हें शानदार सफलता मिली। केवल 15,000 रुपये के शुरुआती निवेश से उन्होंने शिमला मिर्च की खेती शुरू की और जिससे उन्होंने 3 लाख रुपये से अधिक की कमाई की। आइए जानते हैं कि उन्होंने यह सफलता कैसे पाई और आप कैसे उनसे प्रेरणा ले सकते हैं।
shimla mirch ki kheti: शिमला मिर्च की बढ़ती मांग
कई किसान अब पारंपरिक खेती छोड़कर मुनाफा देने वाली सब्जियों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं। पवन ने भी शिमला मिर्च की खेती शुरू की, जो बाजार में हमेशा मांग में रहती है। हालांकि, इसकी खेती अभी भी कम किसान कर रहे हैं, जिससे इसकी बाजार कीमतें ऊंची रहती हैं और उत्पादन करने वाले किसानों को अधिक मुनाफा होता है। आजकल रेस्टोरेंट्स और पिज्जा शॉप आदि में शिमला मिर्च की काफी डिमांड रहती है और खासकर बारिश के मौसम में शिमला मिर्च की कमी से कीमतें और भी बढ़ जाती हैं, जिसका सीधा फायदा किसानों को मिलता है।
shimla mirch ki kheti: कम लागत में ज्यादा उत्पादन
पवन बताते हैं कि शिमला मिर्च की खेती में सबसे पहले खेत की गहरी जोताई की जाती है। मिट्टी को समतल करने के बाद मेड बनाकर बुवाई की जाती है। उन्होंने मल्चिंग विधि का उपयोग किया, जिससे खरपतवार की समस्या कम हो जाती है और ड्रिप सिंचाई करने से पानी की भी बचत होती है। यह तकनीक न केवल शिमला मिर्च के पौधों को सुरक्षित रखती है, बल्कि उत्पादन को भी बढ़ाती है।
shimla mirch ki kheti: कम जमीन में भी बंपर कमाई
पवन ने चार बीघा जमीन में शिमला मिर्च की खेती की, जिसमें प्रति बीघा केवल 15,000 रुपये का खर्च आया। लेकिन 4 बीघा की खेती से उन्होंने लगभग 2.5 से 3 लाख रुपये की कमाई की। उनके अनुसार, यह खेती कम निवेश में ज्यादा मुनाफा देने वाली है। उनका अनुभव यह साबित करता है कि थोड़ी सी समझदारी और सही तकनीक से किसान कम जमीन में भी बड़ी कमाई कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ के किसान पवन की कहानी उन किसानों के लिए प्रेरणा है, जो कम निवेश में ज्यादा मुनाफा कमाने की तलाश में हैं। shimla mirch ki kheti सही तकनीक और समय पर ध्यान देने से न केवल उत्पादन को बढ़ा सकती है, बल्कि बाजार में अधिक मांग के कारण यह बड़ी आमदनी का जरिया भी बन सकती है।