Country Wise Work Hours: भारतीयों के काम करने के घंटे सबसे ज्यादा: वर्क-लाइफ बैलेंस पर पड़ रहा असर, ILO रिपोर्ट में खुलासा,देखें अन्य देशों में काम के घंटे

Anita Khatkar
By Anita Khatkar
Country Wise Work Hours: भारतीयों के काम करने के घंटे सबसे ज्यादा: वर्क-लाइफ बैलेंस पर पड़ रहा असर, ILO रिपोर्ट में खुलासा,देखें अन्य देशों में काम के घंटे
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Country Wise Work Hours: हाल के दिनों में बड़ी कंपनियों में छंटनी की खबरें आम हो गई हैं। कुछ कंपनियां आर्थिक संकट या अन्य कारणों से कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही हैं, तो कुछ जगह कर्मचारियों से जबरन इस्तीफे की मांग की जा रही है। ऐसे माहौल में, नौकरी बचाए रखने के लिए कर्मचारी अपनी क्षमता से अधिक काम कर रहे हैं, जिससे उनके वर्क-लाइफ बैलेंस के साथ-साथ सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

महाराष्ट्र में 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट की दुखद मौत ने इस विषय को और गहरा कर दिया है। चार्टर्ड अकाउंटेंट की मां ने बेटी की मौत का कारण काम का अत्यधिक दबाव बताया, जिसके बाद से देशभर में वर्किंग प्रोफेशनल्स के काम के घंटे और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बहस तेज हो गई है।

Country Wise Work Hours: ILO की रिपोर्ट में भारतीय सबसे ज्यादा काम करने वाले

इसी बीच इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) की लेटेस्ट रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि दुनिया की 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारतीय सबसे ज्यादा काम करते हैं। भारतीय कर्मचारियों के काम करने के औसत घंटे अमेरिका, चीन, जापान, UK जैसे बड़े देशों से भी ज्यादा हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय औसतन हर हफ्ते 46.7 घंटे काम करते हैं, जबकि चीन में यह आंकड़ा 46.1 घंटे, अमेरिका में 38 घंटे और जापान में 36.6 घंटे है। इस सूची में भारत शीर्ष पर है, जो यह दिखाता है कि यहां कर्मचारियों पर काम का कितना दबाव है।

Country Wise Work Hours: मॉनिटरिंग की कमी

भारत में अधिकांश ऑफिसों में काम के घंटे निर्धारित होते हैं। कर्मचारी आमतौर पर 8-10 घंटे काम करते हैं, लेकिन काम का बोझ, छुट्टी के दिन काम करने की मजबूरी और ओवरटाइम जैसी चीजों की कोई सटीक मॉनिटरिंग नहीं होती। कई कंपनियों में कर्मचारियों की कमी के कारण मौजूदा कर्मचारियों पर काम का प्रेशर और बढ़ जाता है, जिससे उनकी उत्पादकता और मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

Country Wise Work Hours:
दुनिया के अन्य देशों की स्थिति

ILO की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के अन्य बड़े देशों में काम के औसत घंटे भारत से काफी कम हैं। भारत में प्रति सप्ताह औसत वर्किंग आवर्स 46.7 घंटे हैं, जबकि चीन में यह 46.1 घंटे है। ब्राजील में लोग हर हफ्ते 39 घंटे काम करते हैं, वहीं अमेरिका में यह आंकड़ा 38 घंटे है। जापान में प्रति सप्ताह 36.6 घंटे काम होता है, इटली में भी 36.3 घंटे, और यूके में 35.9 घंटे। फ्रांस में भी औसतन 35.9 घंटे काम किया जाता है, जबकि जर्मनी में यह 34.2 घंटे है। कनाडा में सबसे कम, प्रति सप्ताह 32.1 घंटे काम किया जाता है।

Work Hours Problem: क्या होना चाहिए समाधान?

यह जरूरी है कि कंपनियां अपने कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक बोझ न डालें और एक स्वस्थ कार्य वातावरण का निर्माण करें। काम के घंटे और मानसिक स्वास्थ्य का संतुलन बनाए रखना आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती है। कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कर्मचारी केवल ऑफिस में ही नहीं, बल्कि घर और निजी जीवन में भी संतुलन बनाए रख सकें।

वर्क-लाइफ बैलेंस को बनाए रखने और कर्मचारियों की सेहत का ख्याल रखना अब कंपनियों के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। अन्यथा, इससे न केवल कर्मचारी की सेहत पर असर पड़ेगा, बल्कि कंपनी की उत्पादकता और सफलता पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव दिखेगा।

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