BLB Treatment In Paddy : किसानों की सरदर्दी खत्म : एक स्प्रे से धान की फसल में BLB,सूखे और गलन से मिलेगी राहत

Parvesh Malik
By Parvesh Malik
Farmers' headache ends: One spray will provide relief from BLB, drought and rot in paddy crop.
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BLB Treatment In Paddy : मानसून का मौसम किसानों के लिए वरदान के साथ-साथ चुनौती भी लेकर आता है। धान की फसल के लिए यह समय अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इस मौसम में अचानक से धान की पत्तियों का ऊपर से सूखना किसानों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। यह समस्या अक्सर एक बैक्टीरिया के कारण होती है, जिससे धान की फसल को BLB (Bacterial Leaf Blight) या पत्ती झुलसा रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।

इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे मात्र 1 ग्राम दवाई का छिड़काव करके किसान अपनी धान की फसल को इस गंभीर बीमारी से बचा सकते हैं। इसके अलावा, इस दौरान फसल में गलन की समस्या भी उत्पन्न होती है, जिसका समाधान भी हम यहां बताएंगे ।

 

BLB in paddy crop : धान की पत्तियों के सूखने की मुख्य वजह

धान की फसल में BLB रोग, जिसे पत्ती झुलसा रोग भी कहा जाता है, एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होता है। बारिश के मौसम में अत्यधिक नमी और तापमान के कारण यह बैक्टीरिया तेजी से फैलता है। पत्तियों के ऊपरी हिस्से से यह रोग शुरू होता है और धीरे-धीरे पूरी पत्ती को प्रभावित करता है, जिससे फसल की उपज पर गंभीर असर पड़ता है।

Farmers' headache ends: One spray will provide relief from BLB, drought and rot in paddy crop.
Farmers’ headache ends: One spray will provide relief from BLB, drought and rot in paddy crop.

 

कैसे करें BLB और गलन की समस्या का समाधान ?

1. Kasugamycin 5% spraying : कासुगामाइसिन का छिड़काव: एक कारगर उपाय

धान की फसल में इस समस्या से निपटने के लिए सबसे प्रभावी उपाय कासुगामाइसिन ( Kasugamycin) दवाई का उपयोग है। किसानों को 1 ग्राम कासुगामाइसिन को 1 लीटर पानी में मिलाकर धान की फसल पर छिड़काव करना चाहिए। इससे न केवल BLB रोग से राहत मिलेगी, बल्कि फसल में sheath blight (गलन) की समस्या भी दूर हो जाएगी। यह दवाई दोनों बीमारियों के लिए प्रभावी मानी जाती है।

 

2. Copper oxychloride 45% WP : कॉपर ऑक्सिक्लोराइड: एक वैकल्पिक उपाय

यदि किसी कारणवश कासुगामाइसिन का उपयोग नहीं कर सकते हैं, तो कॉपर ऑक्सिक्लोराइड (Copper Oxychloride ) भी एक अच्छा विकल्प है। किसान 2 ग्राम कॉपर ऑक्सिक्लोराइड को 1 लीटर पानी में मिलाकर धान की फसल पर छिड़काव कर सकते हैं। यह उपाय भी फसल को सूखने और गलने की समस्या से निजात दिलाने में प्रभावी है।

Farmers' headache ends: One spray will provide relief from BLB, drought and rot in paddy crop.
Farmers’ headache ends: One spray will provide relief from BLB, drought and rot in paddy crop.

 

when to spray,कब करें छिड़काव ?

इस तरह की समस्याओं से बचाव के लिए मानसून के दौरान नियमित रूप से फसल की जांच करें और जैसे ही सूखने या गलने के लक्षण दिखाई दें, तुरंत दवाई का छिड़काव करें। बेहतर परिणामों के लिए सुबह या शाम के समय छिड़काव करना अधिक कारगर होता है, क्योंकि इस समय नमी अधिक होती है और दवाई पत्तियों पर ठीक से चिपकती है।

कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों के अनुसार, BLB और शीथ ब्लाइट जैसी बीमारियों के नियंत्रण के लिए सही समय पर दवाई का छिड़काव बेहद जरूरी है। किसान फसल में नमी का ध्यान रखें और खेत में जलभराव न होने दें। साथ ही, रोग प्रतिरोधी किस्मों (Disease resistant paddy crop varieties) का चयन करना भी इन समस्याओं से बचाव में सहायक होता है।

बीमारी का नामउपचारछिड़काव की मात्रा
BLB (Bacterial Leaf Blight)कासुगामाइसिन या कॉपर ऑक्सिक्लोराइड1 ग्राम या 2 ग्राम प्रति लीटर पानी
शीथ ब्लाइट (गलन)कासुगामाइसिन1 ग्राम प्रति लीटर पानी

 

Farmers' headache ends: One spray will provide relief from BLB, drought and rot in paddy crop.
Farmers’ headache ends: One spray will provide relief from BLB, drought and rot in paddy crop.

 

precautions in paddy crop : धान की फसल में अन्य सावधानियां

1. फसल की नियमित निगरानी: बरसात के मौसम में फसल की नियमित जांच करें ताकि समय रहते बीमारियों का पता लगाया जा सके।
2. खेत में जलनिकासी: खेत में जलभराव से बचें, क्योंकि यह बैक्टीरिया के फैलने का मुख्य कारण होता है।
3. पौधों के बीच दूरी: पौधों के बीच पर्याप्त दूरी रखें ताकि वेंटिलेशन ठीक से हो और नमी न जमे।

 

धान की फसल में BLB और गलन जैसी समस्याएं किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन सकती हैं, लेकिन सही जानकारी और समय पर किए गए उपायों से इन बीमारियों से फसल को बचाया जा सकता है। कासुगामाइसिन और कॉपर ऑक्सिक्लोराइड ( Kasugamycin 5% + Copper Oxychloride 45% ) जैसी दवाइयों का सही तरीके से उपयोग करके किसान अपनी फसल को नुकसान से बचा सकते हैं और उपज को बढ़ा सकते हैं।

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