Health insurance in India : भारत में हेल्थ इंश्योरेंस में 1986 से आज तक के बदलाव,नवंबर में आएगा बड़ा फैसला

Anita Khatkar
By Anita Khatkar
Health insurance in India : भारत में हेल्थ इंश्योरेंस में 1986 से आज तक के बदलाव,नवंबर में आएगा बड़ा फैसला
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Health insurance in India : आजकल मिडिल क्लास में भी हेल्थ इंश्योरेंस चर्चा में है, खासकर इसके प्रीमियम पर लगने वाले GST को लेकर। हाल ही में GST Council Meeting में इस पर कोई ठोस फैसला नहीं हो पाया, और अब नवंबर में इस पर निर्णय की संभावना है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में हेल्थ इंश्योरेंस की शुरुआत कब और कैसे हुई थी?

Health insurance in India : मेडिक्लेम पॉलिसी का आगाज़

भारत में हेल्थ इंश्योरेंस की शुरुआत 1986 में हुई थी जब भारतीय सरकार ने पहली मेडिक्लेम पॉलिसी (Mediclaim Policy) लॉन्च की थी । 1986 में यह हेल्थ पॉलिसी 15,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक के कवर के साथ आई थी। यह भारतीय हेल्थ इंश्योरेंस का पहला कदम था और इसके बाद से इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं।

Health insurance in India : आजादी से पहले और बाद की स्थितियाँ

स्वतंत्रता के बाद 1948 में Employees State Insurance Scheme (ESIS) की शुरुआत हुई, जिसका उद्देश्य संगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना था। हालांकि, उस समय इसका उपयोग सिर्फ डॉक्टर (Health insurance in India)की सलाह और दवा तक सीमित था। इसके बाद 1986 में भारत सरकार ने मेडिक्लेम पॉलिसी लॉन्च की, जो व्यापक स्तर पर हेल्थ इंश्योरेंस की शुरुआत थी।

Health insurance in India : 1990 के दशक में महत्वपूर्ण बदलाव

1991 में केंद्र सरकार ने नई आर्थिक नीति के तहत इंश्योरेंस सेक्टर को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोल दिया। इसके साथ ही, संसद में Insurance Regulatory and Development Authority of India (IRDAI) बिल पास किया गया, जिसका उद्देश्य इंश्योरेंस कंपनियों की गतिविधियों की निगरानी और समस्याओं का समाधान था। 1999 में IRDAI का गठन हुआ, जिसने इंश्योरेंस क्षेत्र में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Health insurance in India : हाल के वर्षों में विकास

2001 में Insurance Regulatory and Development Authority (IRDA) ने थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (TPA) की शुरुआत की, जिसने अस्पतालों और Insurance Companies के बीच लिंक का काम किया। इससे Cashless claim की सुविधा शुरू हुई, जिसने health insurance को और अधिक सुलभ और सुविधाजनक बना दिया। COVID-19 महामारी के बाद, हेल्थ इंश्योरेंस में तेजी आई और कई नई पॉलिसीज और कवर से संबंधित सुविधाएं पेश की गईं।

Health insurance in India : आज की स्थिति

आज भारत में हेल्थ इंश्योरेंस का क्षेत्र काफी बड़ा हो चुका है। जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन , HDFC ERGO, STAR HEALTH जैसी 20 से अधिक प्राइवेट सेक्टर इंश्योरेंस कंपनियां इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। वर्तमान में, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज में मिनिमम सम एश्योर्ड 50,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक होता है, जबकि online health insurance policies में यह राशि 3 लाख रुपये तक हो सकती है। Healthcare की लागत में भी भारी वृद्धि हुई है, और जो मेडिकल सुविधाएं 80 के दशक में 10,000 रुपये में होती थीं, आज वे 50,000 रुपये से भी अधिक की हो सकती हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस के क्षेत्र में पिछले तीन दशकों में कई बदलाव आए हैं। अब यह क्षेत्र न केवल व्यक्तिगत और पारिवारिक सुरक्षा की गारंटी देता है, बल्कि बीमारियों के व्यापक कवर और Cashless claim सुविधाएं भी प्रदान करता है। इनमें पहले से ही चुकी (Health insurance in India)बीमारियों, प्रेग्नेंसी आदि को कवर नहीं किया जाता था, अब यह सब सामान्य हो चुका है। हेल्थ इंश्योरेंस की बढ़ती लोकप्रियता और इसकी आसान पहुंच ने इसे आज के समय में एक जरूरी सुरक्षा उपकरण बना दिया है।

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