BKU : उचाना से कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन देने के मामले में भाकियू ने सोनू मालपुरिया को किया 6 साल के लिए निष्काषित

Anita Khatkar
By Anita Khatkar
BKU : उचाना से कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन देने के मामले में भाकियू ने सोनू मालपुरिया को किया 6 साल के लिए निष्काषित
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BKU : जींद : भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव सोनू मालपुरिया द्वारा उचाना से कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह को समर्थन दिए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद भाकियू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने एक्शन लिया है। भाकियू ने सोनू मालपुरिया को छह साल के लिए निष्काषित करते हुए कहा है कि उनका संगठन किसी भी राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं करता है और न ही किसी के साथ मंच सांझा करता करता है।

गौरतलब है कि किसान नेता सोनू मालपुरिया ने शनिवार को उचाना पहुंच कर कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह को समर्थन करने की घोषणा की थी। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन ने मालपुरिया के समर्थन से किनारा करते हुए इसे उनकी निजी राय बताया था और बाद में भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिला प्रवक्ता रामराजी ढुल ने वीडियो जारी किया था।

BKU :सात मिनट के वीडियो में रामराज ढुल ने बृजेंद्र सिंह व मालपुरिया के बारे में यूनियन द्वारा समर्थन नहीं देने की बात कही। ढुल ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि मालपुरिया को पानीपत जिला में यूनियन का अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन उनका कार्यकाल भी पूरा हो चुका है।

BKU :अब उनका यूनियन से और यूनियन का उनके समर्थन कोई संबंध नहीं है। रामराजी ने कहा कि पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह स्वयं कृषि कानूनों पर हस्ताक्षर करने वाले हैं। यहां तक कि उन्होंने कृषि कानूनों के पक्ष में हांसी में ट्रैक्टर यात्रा भी निकाली थी। इतना ही नहीं जब जींद जिला के किसान बृजेंद्र सिंह के सांसद रहते उन्हें ज्ञापन देने गए, उन्होंने किसानों का ज्ञापन तक नहीं लिया।

BKU :जींद जिले से किसान आंदोलन में 20 से ज्यादा किसानों ने जान गंवाई लेकिन किसी भी किसान की मौत पर बृजेंद्र सिंह सांत्वना देने तक नहीं गए। आज बृजेंद्र सिंह भाजपा से कांग्रेस में शामिल होकर कृषि कानूनों की खामियां बता रहे है, जब वह भाजपा में थे तो इनका बखान करते फिर रहे थे। रामराजी ढुल ने बताया कि भाकियू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने सोनू मालपुरिया को छह साल के लिए निष्काषित करते हुए कहा है कि भाकियू किसी भी राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं करती है।
विधानसभा चुनावों में कार्यकारिणी सदस्य स्वतंत्र रूप से अपना मत डाल सकते हैं।

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