Haryana Politics: बंसी लाल! हरियाणा के निर्माता या नसबंदी के विलेन? ताऊ देवी लाल को बीच रास्ते उतारने का भी चर्चित किस्सा

Anita Khatkar
By Anita Khatkar
Haryana Politics: बंसी लाल! हरियाणा के निर्माता या नसबंदी के विलेन? ताऊ देवी लाल को बीच रास्ते उतारने का भी चर्चित किस्सा
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Haryana Politics: हरियाणा में विधानसभा चुनावों की सरगर्मी के बीच एक खास सीट पर बंसी लाल की विरासत की जंग छिड़ी है। तोशाम विधानसभा से उनके पोते अनिरुद्ध चौधरी और पोती श्रुति चौधरी आमने-सामने हैं। किरण चौधरी के भाजपा में शामिल होने और अपनी बेटी श्रुति को चुनावी मैदान में उतारने के बाद इस पारिवारिक लड़ाई ने राजनीतिक रंग ले लिया है। कांग्रेस ने अनिरुद्ध को टिकट देकर इस मुकाबले को और भी दिलचस्प बना दिया है। यह महज चुनावी जंग नहीं, बल्कि बंसी लाल की सियासी धरोहर का संघर्ष बन गया है।

Haryana Politics: हरियाणा के भगीरथ या इमरजेंसी के विलेन?

चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री और दो बार केंद्रीय मंत्री रहे बंसी लाल को आधुनिक हरियाणा का निर्माता कहा जाता है। उन्होंने नहरों का जाल बिछाया और हर गांव में बिजली पहुंचाई। उन्हें हरियाणा की महिलाओं ने भगीरथ कहकर पुकारा। उनके नेतृत्व में हरियाणा विकास के पथ पर अग्रसर हुआ, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें और आधारभूत ढांचा मजबूत हुआ।

हालांकि, इमरजेंसी के दौरान बंसी लाल का नाम नसबंदी अभियान से जोड़ा गया। कहा जाता है कि पुलिस ने कई नौजवानों को जबरन नसबंदी के लिए पकड़ा, जिससे उनके खिलाफ गुस्सा भड़का। 1977 में एक पंचायत में, एक युवक ने भरी सभा में अपनी धोती खोलकर बंसी लाल को यह कहते हुए शर्मिंदा किया कि उसकी नसबंदी कर दी गई, जबकि वह अविवाहित था। उस वक्त यह नारा भी गूंजा: नसबंदी के तीन दलाल: इंदिरा, संजय, बंसीलाल।

Haryana Politics: ताऊ देवी लाल को कार से उतारने का किस्सा

Haryana Politics: बंसी लाल!  हरियाणा के निर्माता या नसबंदी के विलेन? ताऊ देवी लाल को बीच रास्ते उतारने का भी चर्चित किस्सा
Haryana Politics: बंसी लाल! हरियाणा के निर्माता या नसबंदी के विलेन? ताऊ देवी लाल को बीच रास्ते उतारने का भी चर्चित किस्सा

बंसी लाल और चौधरी देवी लाल के बीच खटास का एक और चर्चित किस्सा है, जब बंसी लाल ने बीच रास्ते में देवी लाल को अपनी कार से उतार दिया। दोनों एक बार दिल्ली जा रहे थे और रास्ते में देवी लाल बार-बार सलाहें दे रहे थे। इस पर चिढ़कर बंसी लाल ने ड्राइवर से कहा कि कहीं पेड़ देखकर गाड़ी रोक दे। उन्होंने ताऊ देवी लाल को कार से उतार दिया और बिना कुछ कहे आगे बढ़ गए। हालांकि, बाद में इमरजेंसी के बाद देवी लाल ने बंसी लाल को गिरफ्तार करवा दिया था।

Haryana Politics: बंसी लाल की विरासत पर छिड़ी सियासी जंग

आज, बंसी लाल की यही सियासी विरासत उनके परिवार में जंग का कारण बनी हुई है। तोशाम विधानसभा सीट पर उनके पोते अनिरुद्ध और पोती श्रुति आमने-सामने हैं। यह मुकाबला केवल चुनावी नहीं, बल्कि एक ऐसे नेता की विरासत की लड़ाई है, जिसने हरियाणा को आधुनिक राज्य के रूप में खड़ा किया।

बंसी लाल की यह कहानी बताती है कि कैसे एक व्यक्ति को उसकी उपलब्धियों और विवादों के लिए याद किया जाता है। अब देखना यह होगा कि बंसी लाल की सियासी धरोहर को उनके वंशज किस दिशा में लेकर जाते हैं।

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