JInd Election Duty : चुनावी ड्यूटी कटवाने के लिए हो रहे प्रयास, डीसी कार्यालय में आए 70 आवेदन में से 30 कर्मियों ने बताया दिल का मरीज,

Anita Khatkar
By Anita Khatkar
JInd Election Duty : चुनावी ड्यूटी कटवाने के लिए हो रहे प्रयास, डीसी कार्यालय में आए 70 आवेदन में से 30 कर्मियों ने बताया दिल का मरीज,
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JInd Election Duty : जींद : सरकारी कर्मचारी चुनावी ड्यूटी से बचना चाहते हैं। इनमें भी अधिकतर लोग मतदान के दौरान मतदान केंद्र पर लगने वाली ड्यूटी से छुटकारा चाह रहे हैं। इसके लिए अब तक जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में 70 से अधिक शिकायत (pretext of avoiding election duty) आ चुकी हैं। इनमें से 30 कर्मचारियों ने खुद को दिल की बीमारी से ग्रस्त बताया है।

हालांकि ऐसे कर्मचारी अपने मूल कार्यालय में नियमित काम कर रहे हैं। इसके आधार पर ही उनके आवेदन को रद किया जा रहा है। निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से (JInd Election Duty) स्वास्थ्य विभाग के पास 25 कर्मचारियों के मामले निरीक्षण के लिए आए हैं। इनमें से सात को ही चुनाव ड्यूटी नहीं करने के योग्य पाया गया है।

दरअसल कई सरकारी कर्मचारियों को चुनाव के दौरान विवाद होने का अंदेशा रहता है। ऐसे में वे चुनाव ड्यूटी से बचना चाहते हैं। इसके अलावा पांच अक्टूबर को होने वाले मतदान के लिए कर्मचारियों को एक दिन पहले ही पोलिंग पार्टी के साथ मतदान केंद्र पर जाना होगा। रात को वहीं रहेंगे और शाम को मतदान होने के बाद पूरी पोलिंग पार्टी वापस आएगी।

JInd Election Duty : इसके बाद ईवीएम जमा होंगी और तब ड्यूटी समाप्त होगी। सरकारी कर्मचारी इसे लंबी ड्यूटी मान रहे हैं। इससे बचने के लिए काफी संख्या में सरकारी कर्मचारी चुनाव ड्यूटी कटवाना चाहते हैं। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में आवेदन किए जा रहे हैं।

महिलाओं की भी लग रही ड्यूटी
लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान केंद्रों पर मतदान के लिए महिला कर्मचारियों की भी काफी संख्या में ड्यूटी लगाई गई। हालांकि महिला कर्मचारियों को (JInd Election Duty) रात को मतदान केंद्र पर रूकना जरूरी नहीं है, लेकिन सुबह मतदान शुरू होने से पहले केंद्र पर पहुंचना उनकी जिम्मेदारी होगी। ऐसे में कई महिला कर्मचारी भी अलग-अलग कारण बताकर चुनाव से ड्यूटी कटवाना चाहती हैं।

सिफारिश से भी नहीं बन रही बात
चुनाव से ड्यूटी कटवाने के लिए कर्मचारी बड़े अधिकारियों व नेताओं की सिफारिश भी लगवा रहे हैं, लेकिन इससे भी बात नहीं बन रही है। जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में जाते ही सीधा प्रश्न किया जाता है कि क्या वे अपने मूल विभाग में नियमित ड्यूटी कर रहे हैं। इस पर भी का उत्तर हां में होता है। इस पर कार्यालय की ओर से कहा जाता है कि यदि वे अपनी मूल ड्यूटी कर रहे हैं तो चुनाव ड्यूटी भी करनी पड़ेगी। पहले विभाग से लिखवाएं की यह कर्मचारी नौकरी करने में सक्षम नहीं है।

छोटे बच्चे के नाम पर भी (JInd Election Duty) चुनाव से राहत की चाह
जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों ने बताया कि कई महिला कर्मचारी बच्चा छोटा होने की बात कह कर चुनाव से ड्यूटी कटवाने आती हैं। हालांकि ऐसे मामले में परिवार की स्थिति के आधार पर ही फैसला लिया जाता है, लेकिन सबसे अधिक आवेदन स्वास्थ्य कारणों से ही आते हैं।

नागरिक अस्पताल में बनाया चिकित्सकों का पैनल
चुनाव से ड्यूटी कटवाने वाले कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच के लिए नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों का पैनल बनाया गया है। इसमें फिजीशियन,सर्जन व हड्डी रोग विशेषज्ञ शामिल हैं। इसके बाद यह रिपोर्ट अस्पताल के अधिकारियों के पास जाती है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जो लोग दुर्घटना या लकवा के कारण सक्षम नहीं हैं, उनको ही चुनावी ड्यूटी के लिए अयोग्य माना जाता है।

वर्जन….
चुनाव प्रक्रिया लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें ड्यूटी लगना गर्व की बात होती है। हां कुछ लोगों को वास्तविक रूप से दिक्कत हो सकती है, उनके मामले देखे जाएंगे। इसके लिए सिविल सर्जन कार्यालय की रिपोर्ट मंगवाई जाती है। वहां की रिपोर्ट के आधार पर ही फैसला लिया जाता है। ऐसे चुनाव ड्यूटी नहीं काटी जा सकती।
मोहम्मद इमरान रजा, जिला निर्वाचन अधिकारी।

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