Jind Politics : जींद में अब मचेगा राजनीतिक घमाशान, 13 उम्मीदवारों ने लिया नामांकन वापस, सबसे ज्यादा उचाना में 20 प्रत्याशी

Anita Khatkar
By Anita Khatkar
Jind Politics : जींद में अब मचेगा राजनीतिक घमाशान, 13 उम्मीदवारों ने लिया नामांकन वापस, सबसे ज्यादा उचाना में 20 प्रत्याशी
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Jind Politics : जींद जिले में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया में सोमवार उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आबंटित किए गए। सोमवार को नाम वापसी की प्रक्रिया भी हुई। इसमें जिला की पांचों विधानसभा सीट पर कुल 13 उम्मीदवारों ने नाम वापस लिए। अब जिला में सर्वाधिक उम्मीदवार उचाना में 20 व सफीदों में 17 मैदान में बचे हैं। ऐसे में दोनों ही जगह दो-दो बेल्ट यूनिट लगाई जाएंगी। एक बेल्ट यूनिट में 16 प्रत्याशियों के लिए विकल्प होते हैं। एक विकल्प नोटा का भी रहेगा।

Jind Politics:ऐसे में 15 तक उम्मीदवार होने पर एक बेल्ट यूनिट लगाई जाती है। वहीं उम्मीदवारों द्वारा नाम वापस लेने से अब जिला में चुनावी तस्वीर साफ हो गई है। अब निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न मिलने के साथ ही मंगलवार से चुनाव प्रचार तेज होगा। उचाना विधानसभा क्षेत्र के चुनाव पर सभी की नजर है। यहां जजपा से पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, कांग्रेस से पूर्व सांसद बृजेंद्र और भाजपा ने देवेंद्र अत्री को प्रत्याशी बनाया है।

Jind Politics:उचाना में अब तक बीरेंद्र सिंह व चौटाला परिवार के बीच ही मुकाबला रहता है लेकिन इस बार निर्दलीय विरेंद्र घोघड़ियां (Virender Ghoghrian) ने इस बार रानीतिक पारा चढ़ा दिया है और विधानसभा के सारे समीकरणों को ही उलट-पलट कर दिया है। विरेंद्र घोघड़ियां के समर्थन में किसान नेत्री सिक्किम सफाखेड़ी (Sikkim Safakheri) व आजाद पालवां ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इसका कितना असर पड़ता है, इसका पता (Jind Politics) चुनाव परिणाम में चलेगा। उचाना विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक दल के टिकट पर सात व 13 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं।

Julana Vidhansahba : जुलाना में नहीं हुई नाम वापसी 12 उम्मीदवार मैदान में
सोमवार को नाम वापसी के दिन जुलाना विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जुलाना में इस बार कांग्रेस पार्टी ने अंतरराष्ट्रीय पहलवान विनेश फोगाट को टिकट दिया है। साथ में आम आदमी पार्टी ने भी अंतरराष्ट्रीय डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर कविता दलाल को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में यह सीट चर्चित हो चली है। जुलाना में भाजपा से बगावत कर डा. सुरेंद्र लाठर इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं भाजपा ने कैप्टन योगेश को जुलाना से मैदान में उतारा है। ऐसे में राजनीतिक दल के छह और छह निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं।

Jind Vidhansabha : जींद में 13 उम्मीदवारों के बीच होगा मुकाबला
जींद विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मैदान में अब 13 प्रत्याशी मैदान में बचे हैं। इनमें पांच प्रत्याशी राजनीतिक दलों से हैं, जबकि आठ निर्दलीय हैं। जींद में चार प्रत्याशियों ने अपने नाम वापस लिए हैं। जींद में फिलहाल भाजपा के विधायक हैं और पार्टी ने उन्हें ही उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता के बेटे महावीर गुप्ता को मैदान में उतार रखा है।

जींद विधानसभा सीट पर कांग्रेस के बागी प्रदीप गिल (Pardeep Gill) चुनावी ताल ठोक रहे हैं। इसके अलावा सात अन्य भी निर्दलीय मैदान में हैं। आम आदमी पार्टी ने वजीर ढांडा को उम्मीदवार बनाया है, जबकि जजपा ने अहिरका गांव निवासी धर्मपाल तंवर को मैदान में उतारा है। अब जींद विधानसभा क्षेत्र में शहर व ग्रामीण मतों के बंटवारे के गणित पर चुनाव देखा जा रहा है।

Safidon Vidhansabha : सफीदों में एक निर्दलीय ने वापस लिया नाम
सफीदों विधानसभा क्षेत्र में कुल 18 प्रत्याशियों के आवेदन स्वीकार किए गए। इनमें से एक ने नाम वापस लिया है। अब सफीदों के मैदान में कुल 17 प्रत्याशी बचे हैं। सफीदों राजनीतिक दलों के सात प्रत्याशी हैं। इनमें भाजपा से रामकुमार गौतम व कांग्रेस से वर्तमान विधायक सुभाष गांगोली चुनाव लड़ रहे हैं। सफीदों में चुनावी मैदान में डटे 10 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

इनमें पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य व पूर्व विधायक जसबीर देशवाल पर सभी की नजर हैं। दोनों नेता सफीदों विधानसभा क्षेत्र में अपना-अपना प्रभाव रखते हैं। बेशक दोनों नेता भाजपा (Jind Politics) से बागी हैं, लेकिन दोनों के वोट बैंक का असर सभी राजनीतिक दलों पर पड़ेगा। सफीदों के चुनाव सफीदों व पिल्लूखेड़ा खंड की अपनी-अपनी भूमिका रहती है।

Narwana Vidhansahba : नरवाना में दस उम्मीदवार बचे मैदान में
नरवाना आरक्षित विधानसभा क्षेत्र में इस बार सबसे कम उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा। नरवाना में सिर्फ दस उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से सात राजनीतिक दलों के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि तीन निर्दलीय हैं। हालांकि नरवाना में निर्दलीय उम्मीदवारों के नाम वापसी के लिए बड़े स्तर पर प्रयास हुआ, लेकिन तीन ही नाम वापस हुए। नरवाना में कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला गुट के नेता सतबीर दबलैन को उम्मीदवार बनाया है तो भाजपा ने पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी को मैदान में उतारा है।

नरवाना से दो-दो चुनाव लड़ चुकी दोनों नेता विद्या रानी व संतोष दनौदा को इस बार उनकी पार्टियों ने टिकट नहीं दिया। ऐसे में दोनों दूसरे दलों से चुनाव लड़ा है। कांग्रेस में रही विद्या रानी इनेलो से तो भाजपा में रही संतोष दनौदा जजपा से चुनाव लड़ रही हैं। नरवाना में इस बार जपजा के ही रामनिवास विधायक रहे हैं। हालांकि रामनिवास सुरजाखेड़ा की आस्था लंबे समय से भाजपा के साथ रही।

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