Modi first visit Ukraine 2024 : प्रधानमंत्री मोदी का यूक्रेन दौरा: पुतिन को संदेश या कूटनीतिक संतुलन ? यूक्रेन युद्ध के समय भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा

Parvesh Malik
By Parvesh Malik
Prime Minister Modi's Ukraine visit: Message to Putin or diplomatic balance? First visit of Indian Prime Minister during Ukraine war
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Modi first visit Ukraine 2024 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रस्तावित यूक्रेन दौरा वैश्विक कूटनीति और भारतीय विदेश नीति के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। 23 अगस्त को होने वाले इस दौरे में पीएम मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब रूस-यूक्रेन युद्ध लगातार तीव्र होता जा रहा है और दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का अजरबैजान दौरा और भारतीय प्रधानमंत्री का यूक्रेन दौरा एक नए कूटनीतिक समीकरण का संकेत दे सकता है। गौरतलब है कि अजरबैजान और भारत के संबंधों में खटास रही है और ऐसे में पुतिन का वहां जाना एक अहम संदेश हो सकता है।

Prime Minister Modi's Ukraine visit: Message to Putin or diplomatic balance? First visit of Indian Prime Minister during Ukraine war
Prime Minister Modi’s Ukraine visit: Message to Putin or diplomatic balance? First visit of Indian Prime Minister during Ukraine war

 

Modi Ukraine visit importance : मोदी का दौरा: भारतीय दृष्टिकोण और महत्व

प्रधानमंत्री मोदी 21-22 अगस्त को पोलैंड दौरे पर होंगे, जिसके बाद 23 अगस्त को वे यूक्रेन पहुंचेंगे। विदेश मंत्रालय ने इस दौरे के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा है कि यह पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन की यात्रा करेगा। विदेश मंत्रालय के सचिव तन्मय लाल ने बताया कि इस दौरे में द्विपक्षीय संबंधों के अलावा यूक्रेन युद्ध पर भी गंभीर चर्चा हो सकती है।

भारत, यूक्रेन और रूस दोनों के साथ स्वतंत्र रिश्ते रखता है। इस दौरे के दौरान भारत का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय शांति की स्थापना और बातचीत के जरिए समाधान तलाशने का होगा। भारतीय दृष्टिकोण हमेशा से कूटनीति और संवाद पर आधारित रहा है, जो इस दौरे में भी परिलक्षित होगा।

 

 

Ukraine war: current situation 2024 ,यूक्रेन युद्ध: मौजूदा स्थिति

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा उस समय हो रहा है जब यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष लगातार बढ़ रहा है। यूक्रेन ने रूस के कुछ सीमावर्ती गांवों पर कब्जा कर लिया है, जिससे राष्ट्रपति पुतिन बेहद नाराज हैं और उन्होंने बदला लेने की चेतावनी दी है। दूसरी ओर, रूस के कुर्स्क इलाके पर हो रहे हमलों ने तनाव को और बढ़ा दिया है।

इस जटिल पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री मोदी का यूक्रेन दौरा कई दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता के अलावा, सीजफायर और शांति बहाली पर भी चर्चा हो सकती है। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वार्ता के विषयों के बारे में अभी कोई जानकारी साझा नहीं की जा सकती।

 

 

Can India play a mediating role ? क्या भारत मध्यस्थता की भूमिका निभा सकता है?

प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से यह सवाल भी उठता है कि क्या भारत युद्धविराम या शांति स्थापना के लिए कोई महत्वपूर्ण संदेश दे सकता है? विदेश मंत्रालय के सचिव तन्मय लाल ने कहा कि भारत का हमेशा से मानना रहा है कि बातचीत और कूटनीति ही वह रास्ता है जिससे इस संघर्ष का समाधान निकाला जा सकता है।

भारत पहले भी संयुक्त राष्ट्र में रूस से जुड़े कई प्रस्तावों पर अपनी तटस्थ स्थिति बनाए रखता आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन के साथ अपनी पिछली मुलाकात में भी यही संदेश दिया था कि युद्ध का समाधान केवल संवाद और शांति के माध्यम से ही संभव है।

Prime Minister Modi's Ukraine visit: Message to Putin or diplomatic balance? First visit of Indian Prime Minister during Ukraine war
Prime Minister Modi’s Ukraine visit: Message to Putin or diplomatic balance? First visit of Indian Prime Minister during Ukraine war

 

यूक्रेन में भारतीय छात्रों की स्थिति : Situation of Indian students in Ukraine updates 2024 :

यूक्रेन के विभिन्न विश्वविद्यालयों में वर्तमान में करीब 2100 भारतीय छात्र हैं, जिनमें से 1000 से अधिक अब भी यूक्रेन में ही हैं। भारतीय दूतावास लगातार इन छात्रों से संपर्क में है और उनकी सुरक्षा के उपाय कर रहा है। इस यात्रा में इस मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना है।

 

Diplomatic Balance: India’s Strategic Posture,कूटनीतिक संतुलन: भारत का रणनीतिक रुख

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का प्रतीक है, जो न तो रूस के प्रति पूरी तरह से झुकी है और न ही पश्चिमी ताकतों की ओर। रूस के राष्ट्रपति पुतिन President Putin और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की President Zelensky दोनों के साथ समान दूरी बनाए रखते हुए, भारत ने एक संतुलित कूटनीतिक नीति अपनाई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार सार्वजनिक मंचों से सीजफायर ceasefire की अपील की है, लेकिन उन्होंने रूस के हवाई हमलों की स्पष्ट निंदा कभी नहीं की। यह रुख बताता है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए अंतरराष्ट्रीय संबंधों International Relations में संतुलन बनाए रखना चाहता है।

 

 

क्या यूक्रेन दौरा रूस को संदेश देने के लिए है? Is Modi’s Ukraine visit to send a message to Russia?

रूस के राष्ट्रपति पुतिन का अजरबैजान दौरा ( Azerbaijan visit ) और पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा इस बात का इशारा कर सकते हैं कि दोनों देश अपनी-अपनी कूटनीतिक प्राथमिकताओं को ( Diplomatic priorities) संतुलित करने की कोशिश कर रहे हैं। भारत और रूस के संबंधों में भले ही तनाव न हो, लेकिन यह दौरा दर्शाता है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों के प्रति सजग रहते हुए स्वतंत्र विदेश नीति को आगे बढ़ा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी का यूक्रेन दौरा वैश्विक कूटनीति में भारत की बढ़ती भूमिका का संकेत देता है। यह यात्रा न केवल भारत-यूक्रेन संबंधों(India-Ukraine relations) को नया आयाम देगी बल्कि भारत की कूटनीतिक संतुलन नीति को भी मजबूती प्रदान करेगी। ऐसे समय में जब विश्व राजनीति में ध्रुवीकरण (Polarization in world politics) बढ़ रहा है, भारत की स्वतंत्र और संतुलित विदेश नीति एक उदाहरण प्रस्तुत करती है।

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