Uchana Politics : उचाना में हुए 10 चुनाव में से 6 बार बीरेंद्र सिंह परिवार का रहा कब्जा, 4 बार देवीलाल परिवार के उम्मीदवार व पार्टी रही विजेता, प्रेमलता ने खिलाया कमल

Sonia kundu
By Sonia kundu
Uchana Politics Out of 10 elections held in Uchana, Birendra Singh family won 6 times, 4 times the candidate of Devi Lal family and party was the winner, Premlata bloomed the lotus
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Uchana Politics : उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र अब प्रदेश की हाट सीट में शामिल है। उचाना विधानसभा क्षेत्र पहली बार 1977 में अस्तित्व में आई। इससे पहले उचाना क्षेत्र नरवाना व सफीदों विधानसभा क्षेत्र में बंटा हुआ था। 1977 में पहली बार उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र बनते ही कांग्रेस के बीरेंद्र सिंह विधायक बने। उन्होंने जनता पार्टी के रणबीर सिंह को हराया। अब तक हुए दस चुनाव में पांच बार बीरेंद्र सिंह स्वयं और एक बार उनकी पत्नी प्रेमलता चुनाव जीती हैं। वहीं चार बार या तो देवीलाल परिवार का सदस्य या उनकी पार्टी से उम्मीदवार जीते हैं।

 

उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र (Uchana Vidhansabha) में बेशक चुनावी माहौल बीरेंद्र सिंह के पक्ष में रहा, लेकिन जब उचाना की जनता ने अपना मन बदला तो बीरेंद्र सिंह को करारा झटका भी दिया। बीरेंद्र सिंह ने स्वयं व उनके परिवार ने छह चुनाव तीन राजनीतिक दलों के टिकट पर जीते हैं। बीरेंद्र सिंह ने स्वयं चार चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीते, जबकि एक चुनाव कांग्रेस तिवारी के टिकट पर जीता।

वहीं उनकी पत्नी प्रेमलता ने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत कर पहली बार उचाना (Uchana Politics) में कमल खिलाया। अब बीरेंद्र सिंह कांग्रेस पार्टी में आ गए हैं। उचाना में ओमप्रकाश चौटाला ने बीरेंद्र सिंह को हराया तो अगले ही चुनाव में बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता (EX MLA Premlata)  ने इनेलो के दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) को हरा दिया।

 

Uchana Politics Out of 10 elections held in Uchana, Birendra Singh family won 6 times, 4 times the candidate of Devi Lal family and party was the winner, Premlata bloomed the lotus
Uchana Politics Out of 10 elections held in Uchana, Birendra Singh family won 6 times

2019 के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला ने फिर से (Uchana Politics) प्रेमलता को हरा दिया। ऐसे में यहां बीरेंद्र सिंह व चौटाला परिवार के बीच राजनीतिक लड़ाई चल रही है। ऐसे में यहां से पहले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे कांग्रेसी नेता मायूस हैं। इसके बावजूद 17 नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया है। इनमें बीरेंद्र सिंह के बेटे व पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह, कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे और पिछला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ चुके बलराम कटवाल,

मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन विरेंद्र घोघड़ियां (Virender Ghogrian), युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दिनेश डाहौला, महिला जिलाध्यक्ष लाजवंती ढिल्लों,  लंबे समय से चुनाव की तैयारी कर रहे दिलबाग संडील जैसे लोग हैं। हालांकि बीरेंद्र सिंह परिवार के कांग्रेस में आने के बाद अन्य नेताओं को टिकट कटने की पूरी उम्मीद है। आवेदन करने वाले कुछ नेता तो दूसरे राजनीति दलों से भी संपर्क कर रहे हैं।

 

वर्ष- विजेता- दल- मिले मत- हारे- दल- अंतराल

1977- बीरेंद्र सिंह- कांग्रेस- 12120- रणबीर सिंह- जनता पार्टी- 1632
1982- बीरेंद्र सिंह- कांग्रेस- 30031-देसराज – आजाद – 9806

1987- देसराज- लोकदल- 55361- सूबे सिंह- कांग्रेस- 45248
1991- बीरेंद्र सिंह- कांग्रेस- देसराज- 31937- जनता पार्टी- 8844

 

1996- बीरेंद्र सिंह- कांग्रेस तिवारी- 21755- भागसिंह- समता पार्टी – 3912
2000- भागसिंह छातर- इनेलो- 39715- बीरेंद्र सिंह- कांग्रेस- 6942

 

2005- बीरेंद्र सिंह- कांग्रेस-47590 – देसराज- इनेलो- 12832
2009- ओमप्रकाश चौटाला – इनेलो- 62669- बीरेंद्र सिंह- कांग्रेस- 621

2014- प्रेमलता- भाजपा- 79674 – दुष्यंत चौटाला- इनेलो- 7480
2019- दुष्यंत चौटाला- जजपा- 92504- प्रेमलता- भाजपा- 45052 – 47,452

 

Share This Article