Vinesh Phogat : विनेश फोगाट की जुलाना विधानसभा से राजनीति में एंट्री, पहलवानों के आंदोलन के बाद ओलिंपिक फाइनल में पहुंच आई लाइम लाइट में

Sonia kundu
By Sonia kundu
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Vinesh Phogat political entry : जीन्द जिले के जुलाना विधानसभा क्षेत्र के खेड़ा बख्ता गांव की बहू विनेश फौगाट को कांग्रेस पार्टी से विधानसभा की टिकट मिली है। कांग्रेस पार्टी की जुलाना विधानसभा की सेफ सीट मानी जा रही थी। शुक्रवार को ओलंपियन और जुलाना ​विधानसभा के गांव खेड़ा बख्ता की बहू विनेश फौगाट अब कुश्ती के बाद राजनीति में दांव पेंच लड़ाती नजर आएगी।

 

विनेश फौगाट की शादी (vinesh marriage) जुलाना विधान सभा 13 दिसंबर 2018 में शादी हुई थी।विनेश फौगाट की शादी अंतरराष्ट्रीय ​खिलाड़ी सोमबीर फौगाट से हुई है। शादी समारोह में ​खिलाड़ियों के अलावा राजनैतिक लोगों ने भी भाग लिया था और विनेश फौगाट को आशीर्वाद ​​दिया था।

विनेश के ससुर राजपाल राठी पूर्व सैनिक ने 2000 से 2005 तक गांव के सरपंच रहे। राजपाल राठी ने कहा कि उनकी बहू विनेश फौगाट को कांग्रेस पार्टी ने टिकट दिया है तो शीर्ष नेत्तृत्व का धन्यवाद। जुलाना की जीत होगी और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी।

वविनेश फोगाट को ससुराल से मिली 20240906 230715 0000

विनेश फोगाट की उपल​ब्धियां (vinesh achievement) 

जन्म की तारीख और समय: 25 अगस्त 1994 (आयु 30 वर्ष),
गांव बिलाली
पति: सोमवीर राठी
इनाम: अर्जुन पुरस्कार – कुश्ती, Major Dhyan Chand Khel Ratna Award for Wrestling
वज़न: 50 kg
माता-पिता: राजपाल फोगाट
बहन: प्रियंका फोगाट
कोच: ओ० पी० यादव.

विनेश फोगाट, एक भारतीय पहलवान हैं। वे हरियाणा के चरखी दादरी ज़िले से आती हैं। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली विनेश फोगाट पहली महिला भारतीय पहलवान हैं। वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत कर।

भारत की बेहतरीन पहलवानों में से एक मानी जाने वाली विनेश फोगाट (best wrestler of india)  के पीछे कुश्ती की एक मजबूत विरासत है। तीन बार की ओलंपियन विनेश फोगाट के पास कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन स्वर्ण, वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक और एशियन गेम्स और एशियन चैंपियनशिप में एक-एक स्वर्ण पदक है। वह पेरिस 2024 ओलंपिक के फाइनल में भी पहुंची लेकिन स्वर्ण पदक मैच की सुबह वेट-इन में विफल होने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।

25 अगस्त 1994 को जन्मी विनेश फोगाट अपनी चचेरी बहनों गीता फोगाट और बबीता कुमारी के नक्शेकदम पर चलती हैं और भारत के सबसे प्रसिद्ध कुश्ती परिवारों में से एक से आती हैं। उन्हें बहुत कम उम्र में उनके चाचा महावीर सिंह फोगाट ने इस खेल से परिचित कराया था। हालांकि, जब विनेश फोगाट ने कुश्ती शुरू की तो गीता धीरे-धीरे खुद को राष्ट्रीय मंच पर स्थापित कर रही थीं, लेकिन उन्हें सामाजिक बाधाओं और कई असफलताओं को भी पार करना पड़ा।

विनेश को उन ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा जो कुश्ती को पुरुषों का खेल मानते थे और महिलाओं को उनके घरों तक ही सीमित रखने की बात करते थे। महज नौ साल की उम्र में विनेश फोगाट को अपने पिता की असामयिक मृत्यु का भी सामना करना पड़ा।

पिछले साल खेल प्रणाली के खिलाफ किया था आंदोलन

पिछले साल यानी 2023 में 18 जनवरी को जब विनेश समेत भारत के कुछ दिग्गज पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे तो पूरा देश हिल गया। महिला खिलाड़ियों ने तब कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मामला बढ़ा तो बृजभूषण को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। भारतीय कुश्ती संघ में चुनाव का एलान हुआ और बृजभूषण के करीबी संजय सिंह 21 दिसंबर को अध्यक्ष चुने गए।

 

संजय सिंह (sanjay singh wfi)  के अध्यक्ष बनते ही विनेश की साथी पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का एलान कर दिया। उनके बाद बजरंग पूनिया ने पद्मश्री लौटा दिया और पैरा पहलवान वीरेंद्र सिंह (गूंगा पहलवान) ने भी पद्मश्री लौटाने की बात की। इसके बाद खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया। तदर्थ समिति बनाई गई तो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया।

 

हालांकि, संजय सिंह को पहलवान अध्यक्ष मानने को तैयार हुए और आईओसी ने निलंबन हटा लिया। हालांकि, बृजभूषण पर आरोप तय होने के बाद सजा नहीं मिली तो विनेश ने भी खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटाने का एलान कर दिया।

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