Mera ration : जन पोषण केंद्रों की शुरुआत,अब राशन में मिलेंगे दाल, बाजरा और दूध भी,उचित मूल्य की राशन दुकानों में बड़ा उलटफेर

Parvesh Malik
By Parvesh Malik
Starting of Jan Poshan Kendras, now pulses, millet and milk will also be available in ration, big upheaval in fair price ration shops.
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Mera ration Fair price shop updates 2024 : देश में उचित मूल्य की राशन दुकानों (FPS) की सूरत बदलने के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। अब ये दुकानें सिर्फ गेंहू और चावल तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि दाल, बाजरा, दूध और अन्य दैनिक जरूरत के सामान भी यहां मिलेंगे। इस बदलाव की शुरुआत 60 पायलट प्रोजेक्ट के तहत उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और तेलंगाना में की गई है।

खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को इन राज्यों में 60 उचित दर की दुकानों को जन पोषण केंद्र में बदलने के लिए पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इसका उद्देश्य इन दुकानों की व्यवहार्यता और पोषण युक्त खाद्य पदार्थों की उपलब्धता को बढ़ाना है।

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SARKARI mera ration SHOP UPDATES : सरकारी राशन की दुकानों में क्या-क्या मिलेगा?

पायलट प्रोजेक्ट के तहत, अब सरकारी राशन की दुकानों पर गेंहू और चावल के अलावा बाजरा, दालें, डेयरी उत्पाद, और अन्य आवश्यक खाद्य सामग्री भी उपलब्ध होगी। इस कदम से न केवल ग्राहकों को अधिक विकल्प मिलेंगे, बल्कि दुकानदारों की आय के भी नए स्रोत खुलेंगे।

सरकारी राशन की दुकानें, जिन्हें आमतौर पर FPS (Fair Price Shop) कहा जाता है, अब नए रंग-रूप में नज़र आएंगी। इन दुकानों को जन पोषण केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां ग्राहकों को एक ही स्थान पर कई पोषणयुक्त खाद्य पदार्थ मिल सकेंगे।

 

 

Mera ration Jan Poushan Kendra ,क्यों है जन पोषण केंद्र की जरूरत?

सरकार का मानना है कि मौजूदा एफपीएस डीलर को दिए जाने वाले कमीशन से उनका खर्चा भी ठीक से नहीं निकल पाता। इससे निपटने के लिए सरकार ने इन्हें सब्सिडी वाले अनाज के साथ-साथ अन्य उत्पाद बेचने की अनुमति दी है। इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और वे अपनी दुकान को पूरे समय खोल सकेंगे।

Starting of Jan Poshan Kendras, now pulses, millet and milk will also be available in ration, big upheaval in fair price ration shops.
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कुछ क्षेत्रों में देखा गया है कि एफपीएस fps दुकानें केवल 9-10 दिन ही खुली रहती हैं, जबकि कुछ जगहों पर ये तीन महीने में सिर्फ एक बार खुलती हैं। बाकी समय, ये दुकानें बंद रहती हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए इन दुकानों को वैकल्पिक रूप से इस्तेमाल करने की आवश्यकता महसूस की गई, जिसके तहत जन पोषण केंद्र का कांसेप्ट लाया गया।

 

Mera Ration 2.0 launched, Mera ration मेरा राशन ऐप का उन्नत संस्करण भी हुआ लॉन्च :

इस मौके पर खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने ‘मेरा राशन’ ऐप के उन्नत संस्करण को भी पेश किया। यह ऐप उपभोक्ताओं के लिए राशन से संबंधित जानकारी को आसान बनाता है। ऐप के जरिए उपभोक्ता अपनी नजदीकी राशन दुकान का पता लगा सकते हैं, अपने राशन कार्ड की स्थिति देख सकते हैं, और जरूरत पड़ने पर शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं।

 

Public Nutrition Center India 2024-2025 , कैसे होगी जन पोषण केंद्र की स्थापना?

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि एफपीएस डीलरों के लिए आसान ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सिडबी (SIDBI) के साथ सहयोग किया गया है। साथ ही, उद्यमिता प्रशिक्षण देने के लिए कौशल विकास मंत्रालय के साथ साझेदारी की गई है।

देशभर में करीब 5.38 लाख राशन की दुकानों को धीरे-धीरे ‘जन पोषण केंद्र’ में बदला जाएगा। इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद, इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा।

Starting of Jan Poshan Kendras, now pulses, millet and milk will also be available in ration, big upheaval in fair price ration shops.
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Mera ration 2.0 Jan poshan kendra : क्या होगा जन पोषण केंद्र का प्रभाव?

1. विविधता और पोषण में बढ़ोतरी:
अब राशन की दुकानों पर केवल गेंहू-चावल तक सीमित रहने के बजाय, बाजरा, दाल और डेयरी उत्पाद भी मिलेंगे। इससे ग्राहकों को पोषण युक्त विकल्प मिलेंगे।

2. डीलरों की आय में वृद्धि:
दुकानदारों को अन्य उत्पाद बेचने की अनुमति मिलने से उनकी आय बढ़ेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

3. दुकानों की संचालन क्षमता में सुधार:
इस पहल से दुकानें सालभर खुली रहेंगी और ग्राहकों की सेवा में वृद्धि होगी।

 

 

भविष्य की योजना :

सरकार इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है, तो देशभर की 5.38 लाख राशन की दुकानों को ‘जन पोषण केंद्र’ में बदलने की योजना है। इससे न केवल ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी, बल्कि डीलरों की आमदनी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

सरकारी राशन की दुकानों में किए जा रहे इन बदलावों से उपभोक्ताओं को अधिक पोषण युक्त और विविधतापूर्ण खाद्य पदार्थ मिलेंगे। इसके साथ ही दुकानदारों के लिए नए अवसर पैदा होंगे, जिससे उनकी आय में सुधार होगा। सरकार का यह कदम एफपीएस डीलरों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

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