pager explosion: लेबनान पेजर विस्फोट: इजरायली खुफिया एजेंसी की चाल, हिजबुल्लाह पर पेजर का इस्तेमाल पड़ा भारी,अब तक 18 से अधिक लोगों की मौत, 3000 से अधिक घायल

Anita Khatkar
By Anita Khatkar
pager explosion: लेबनान पेजर विस्फोट: इजरायली खुफिया एजेंसी की चाल, हिजबुल्लाह पर पेजर का इस्तेमाल पड़ा भारी,अब तक 18 से अधिक लोगों की मौत, 3000 से अधिक घायल
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pager explosion: लेबनान में हुए पेजर विस्फोट ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित कर लिया है। इस घटना में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ होने की बात कही जा रही है, जिसने हिजबुल्लाह के हजारों पेजरों में विस्फोट कर बड़ी संख्या में लड़ाकों को घायल कर दिया। इस हमले में अब तक 18 लोगों की मौत हो गई है और 3000 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। सवाल यह उठता है कि स्मार्टफोन के युग में हिजबुल्लाह ने पेजर जैसे पुराने उपकरण का इस्तेमाल क्यों किया, और कैसे इस टेक्नोलॉजी ने इजरायल को मौका दिया कि वह इस घातक हमले को अंजाम दे सके।

pager explosion : पेजर विस्फोट: क्या हुआ?

रिपोर्ट्स के अनुसार, hijbullah ने ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी (gold apolo) से 5,000 पेजर खरीदे थे, जिन्हें फरवरी 2024 में डिलीवर किया गया। इन पेजरों में प्रत्येक में 3 ग्राम तक विस्फोटक सामग्री छुपाई गई थी, और इन्हें रेडियो सिग्नल के माध्यम से एक्टिव किया गया। जब पेजरों पर एक विशेष कोडेड संदेश भेजा गया, तो पेजरों में एक साथ विस्फोट हो गए। इस हमले में हिजबुल्लाह के लड़ाके और ईरान के कुछ अधिकारी भी हताहत हुए हैं।

मोसाद (mosad) ने पेजरों के भीतर एक सर्किट बोर्ड लगाया था, जिसमें विस्फोटक फिट किए गए थे। इसे डिटेक्ट करना लगभग असंभव था, क्योंकि न तो किसी स्कैनर और न ही डिवाइस के माध्यम से इसकी पहचान हो सकी। पेजर के माध्यम से संचार का तरीका अपनाने वाली हिजबुल्लाह को इजरायल की इस खुफिया चाल का अनुमान भी नहीं था।

pager explosion : हिजबुल्लाह ने पेजर क्यों चुना?

हिजबुल्लाह ने स्मार्टफोन के बजाय पेजर का उपयोग इसलिए किया ताकि इजरायली जासूसी और ट्रैकिंग से बचा जा सके। पेजर बिना GPS और IP एड्रेस के काम करता है, जिससे लोकेशन ट्रेस करना कठिन हो जाता है। इसके अलावा, pager की Battery Life भी लंबी होती है, जिससे यह दुर्गम इलाकों में उपयोग के लिए आदर्श साबित होता है।

1990 के दशक में भारत समेत कई देशों में पेजर का उपयोग लोकप्रिय था, लेकिन मोबाइल फोन के आगमन के बाद इसका उपयोग धीरे-धीरे कम हो गया। आज भी अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा जैसे देशों में पेजर का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं सहित अन्य क्षेत्रों में किया जाता है। हिजबुल्लाह ने इजरायली ट्रैकिंग से बचने के लिए इसे एक सुरक्षित माध्यम माना, लेकिन यह कदम उनके लिए घातक साबित हुआ।

pager explosion: कैसे हुआ विस्फोट?

विस्फोट के पीछे दो प्रमुख थ्योरीज सामने आ रही हैं। पहली थ्योरी के मुताबिक, ऐसा हो सकता है कि पेजरों की बैटरियों को हैक कर उन्हें ओवरहीट किया गया हो, लेकिन विशेषज्ञ इसे कम संभावना वाला तरीका मानते हैं। दूसरी थ्योरी, जिसे अधिकतर विशेषज्ञ समर्थन दे रहे हैं, यह है कि पेजरों में पहले से ही विस्फोटक लगाए गए थे, जो एक विशेष कोडेड मैसेज प्राप्त करने पर pager एक्टिव हो गए और ब्लास्ट हो गया।

रिपोर्ट्स के अनुसार मोसाद ने इन पेजरों में हाई-ग्रेड मिलिट्री विस्फोटक सामग्री फिट की थी, और जब ये पेजर हिजबुल्लाह के पास पहुंच गए, तो इजरायल ने एक कोडेड सिग्नल भेजकर उनमें विस्फोट किया। इस घटना को इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (electronic warfare) का एक उन्नत उदाहरण माना जा रहा है, जिसमें रेडियो वेव के माध्यम से दुश्मनों पर हमला किया गया।

pager explosion: इजरायल की रणनीति

इस हमले के पीछे इजरायल का उद्देश्य हिजबुल्लाह को मानसिक रूप से कमजोर करना था। Israel ने इस हमले से यह संदेश देने की कोशिश की है कि उसकी खुफिया तंत्र और तकनीक इतनी उन्नत है कि वह कहीं भी अपने दुश्मनों को मात दे सकता है।

Lebanon की कमजोर होती अर्थव्यवस्था और अस्पतालों में संसाधनों की कमी के बीच, यह हमला हिजबुल्लाह के खिलाफ नकारात्मक भावना पैदा कर सकता है। इस हमले ने लेबनान के नागरिकों में हिजबुल्लाह के प्रति नाराजगी बढ़ा दी है, और यह इजरायल की एक बड़ी रणनीतिक जीत मानी जा रही है।

pager explosion: जंग में इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर का इस्तेमाल

पेजर विस्फोट को इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर कहा जा रहा है क्योंकि इसमें रेडियो वेव (radio wave) का उपयोग कर हमला किया गया। इस तकनीक के माध्यम से इजरायल ने एक कोडेड संदेश भेजा, जिससे हजारों पेजर में विस्फोट हो गए। इस प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से उपयोग में है, और हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध में भी इसका व्यापक उपयोग हुआ।

2022 में यूक्रेन ने भी इसी तकनीक का उपयोग कर रूस के 500 से अधिक सैनिकों को मार गिराया था, जब उन सैनिकों की लोकेशन मोबाइल सिग्नल से ट्रेस की गई थी।

Lebanon pager explosion: लेबनान में पेजर विस्फोट ने हिजबुल्लाह के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। स्मार्टफोन से बचने के लिए पेजर का उपयोग उनके लिए घातक साबित हुआ, और इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने इसे एक घातक हथियार के रूप में उपयोग किया। इस घटना ने न केवल हिजबुल्लाह की कमजोरियों को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखाया कि आधुनिक युद्ध में इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर कितना प्रभावी हो सकता है।

इस हमले ने इजरायल-हिजबुल्लाह ( Israel-hijbullah) के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है और यह देखना होगा कि आने वाले समय में हिजबुल्लाह कैसे इस हमले का जवाब देता है?

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