Parle-G: आखिर ‘G’ का मतलब क्या है? जानें इस आइकॉनिक बिस्किट से जुड़ी रोचक कहानियां

Anita Khatkar
By Anita Khatkar
Parle-G: आखिर 'G' का मतलब क्या है? जानें इस आइकॉनिक बिस्किट से जुड़ी रोचक कहानियां
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Parle-G: जब भी भारत में बिस्किट की बात होती है, तो सबसे पहला नाम Parle-G का ही आता है। यह एक ऐसा बिस्किट है जिसे पीढ़ियों से लोग खा रहे हैं और आज भी उसकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। चाहे वो चाय के साथ हो या बच्चों की भूख मिटाने के लिए, Parle-G बिस्किट हर भारतीय के घर का हिस्सा बन चुका है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि Parle-G में ‘G’ का मतलब क्या है? ज्यादातर लोग इसे ‘Genius’ मानते हैं, लेकिन असल में इसका मतलब कुछ और ही है। आइए जानते हैं इस बिस्किट से जुड़ी दिलचस्प कहानियां और इसका असली मतलब।

Parle-G: बदलते समय के बावजूद स्वाद कायम

Parle-G न सिर्फ एक बिस्किट है, बल्कि यह कई भारतीयों की भावनाओं और यादों से जुड़ा हुआ है। यह बिस्किट 90 के दशक के बच्चों के लिए चाय के साथ सबसे पसंदीदा स्नैक था। समय के साथ इस बिस्किट के साइज में बदलाव आए, लेकिन इसका स्वाद आज भी वैसा ही है। यही वजह है कि यह पीढ़ियों से लोगों की पसंद बना हुआ है।

Second world war,द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जब राशन और अन्य जरूरी चीजों की कमी थी, यह बिस्किट भारतीय और ब्रिटिश सैनिकों का पसंदीदा (Parle-G)स्नैक बन गया था। यह सिर्फ एक साधारण बिस्किट नहीं है, बल्कि भारत के इतिहास का भी एक हिस्सा है।

Parle-G के साथ जुड़ी कहानियां

Parle की शुरुआत 1929 में मुंबई के विले-पार्ले इलाके में हुई थी। कंपनी का नाम भी इसी इलाके से लिया गया है। इसके बाद 1938 में Parle-Gluco नाम से बिस्किट का उत्पादन शुरू हुआ। उस समय इसका नाम Glucose Biscuit था, जो इसके प्रमुख element ग्लूकोज को दर्शाता था। आजादी से पहले यह Biscuit काफी लोकप्रिय था, लेकिन आजादी के बाद इसे बंद करना पड़ा, क्योंकि देश में अनाज की कमी हो गई थी।

जब अनाज संकट खत्म हुआ, तो कंपनी ने इसे दोबारा बाजार में लॉन्च किया। लेकिन तब तक कई कंपनियां इस सेक्टर में आ चुकी थीं, जिनमें प्रमुख रूप से (Parle-G)ब्रिटानिया की Glucose-D भी शामिल थी। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण Parle ने अपने बिस्किट को दोबारा ब्रांड किया और इसे Parle-Gluco नाम दिया, जिसे बाद में शॉर्ट करके Parle-G कर दिया गया।

Parle-G में ‘G’ का मतलब

हालांकि 2000 के दशक में Parle-G के प्रमोशन में ‘G’ को ‘Genius’ के रूप में प्रचारित किया गया था, लेकिन वास्तव में इसका मतलब Glucose है। यह नाम तब दिया गया था जब मार्केट में ग्लूकोज बिस्किट की डिमांड बढ़ रही थी। Parle-G नाम रखने का मकसद अपनी पहचान को बरकरार रखना था और इस नाम ने ब्रांड को इतनी लोकप्रियता दिलाई कि यह आज भी उसी नाम से पहचाना जाता है।

Parle-G के पैकेट पर छपी लड़की की कहानी

Parle-G के पैकेट पर जो छोटी लड़की की तस्वीर छपी (Parle-G)होती है, उसे लेकर भी कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं। कई लोग मानते हैं कि वह लड़की किसी मॉडल की तस्वीर है, लेकिन कंपनी ने कभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की। इस छवि को लेकर कई मिथक और कहानियां हैं, लेकिन कंपनी ने इसे हमेशा एक रहस्य ही बनाए रखा है।

प्रतिस्पर्धा के बावजूद Parle-G का दबदबा

आज भारत का बिस्किट मार्केट काफी बड़ा हो चुका है। Britannia Biscuit, ITC और अन्य कई कंपनियों ने अपने बिस्किट्स के जरिए बाजार में अपनी जगह बना ली है। लेकिन Parle-G अभी भी बाजार में अपने आप को सबसे ऊपर बनाए हुए है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2020 में जब Corona महामारी के चलते lockdown हुआ, तब Parle-G की बिक्री ने पिछले 8 दशकों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। Corona के समय ज्यादातर समाजसेवियों ने अपने आस-पास के लोगों में इस बिस्किट को बांटने का काम किया था ।

कंपनी ने दावा किया कि उस दौरान उनकी बिक्री सबसे ज्यादा रही, जो यह दिखाता है कि आज भी Parle-G भारतीयों के दिलों में अपनी खास जगह बनाए हुए है।

Parle-G और भारतीय संस्कृति

Parle-G सिर्फ एक बिस्किट नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। इसका नाम भारत के हर छोटे-बड़े घर में जाना जाता है। इसका सिंपल स्वाद, किफायती दाम और सभी के लिए उपयुक्तता इसे एक आइकॉनिक बिस्किट बनाती है। चाहे गांव हो या शहर, चाय हो या दूध, Parle-G हर जगह अपनी खास पहचान रखता है।

Parle-G का भविष्य

आज भी Parle-G अपनी साख बनाए हुए है और भविष्य में भी इस बिस्किट की लोकप्रियता कम होने की संभावना नहीं है। कंपनी ने लगातार अपने उत्पाद को बाजार की मांग के हिसाब से एडजस्ट किया है और यही वजह है कि यह बिस्किट पीढ़ियों से लोगों की पहली पसंद बना हुआ है।

कंपनी ने समय के साथ अपने प्रमोशनल कैंपेन में भी बदलाव किए हैं, लेकिन ब्रांड की असली पहचान कभी नहीं बदली। इस बात से साफ है कि Parle-G की सफलता उसके गुणवत्ता और भारतीय लोगों के साथ उसके भावनात्मक जुड़ाव में छिपी हुई है।

Parle-G सिर्फ एक बिस्किट नहीं, बल्कि भारतीयों के दिलों में बसे बचपन की यादें और भावनाएं हैं। इसका ‘G’ भले ही Genius न हो, लेकिन इसके पीछे की कहानी और इसके महत्व को समझना निश्चित रूप से एक ‘जीनियस’ कदम है। चाहे समय कितना भी बदल जाए, Parle-G की लोकप्रियता और मांग कभी खत्म नहीं होगी।

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