तारीख का कन्फ्यूजन खत्म, अक्टूबर के आखिरी दिन नहीं मनेगी दीपावली

दीपावली की तारीख को लेकर चल रहा कन्फ्यूजन अब खत्म हो गया है। उत्तराखंड ज्योतिष परिषद ने दिवाली की तिथि की घोषणा कर दी है।

उत्तराखंड ज्योतिष परिषद कार्यालय में आयोजित बैठक में आचार्य रमेश सेमवाल ने कहा कि निर्णय सिंधु, धर्म सिंधु एवं मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार एक नवंबर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राजधानी पंचांग, वाणी भूषण पंचांग, देवी दयाल पंचांग, मार्तंड पंचांग, उत्तराखंड विद्वत परिषद का पंचांग आदि सब ने एक स्वर में इसे स्वीकार किया है।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए आचार्य रमेश सेमवाल ने कहा कि दीपावली के त्योहार की तिथि को लेकर लोगों में दुविधा देखने को मिल रही है। उन्होंने बताया कि सभी पंचांगों में एक नवंबर को दीपावली का पर्व मनाए जाने को स्वीकार किया गया है।

आचार्य रजनीश शास्त्री ने कहा कि 29 अक्टूबर को धन त्रयोदशी का त्योहार मनाया जाएगा। 30 अक्टूबर को हनुमान जयंती, 31 अक्टूबर को छोटी दीपावली और एक नवंबर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा।

राजकुमार शास्त्री, ओमजी वैदिक महाराज, आचार्य रोहित शास्त्री और आचार्य सचिन शास्त्री ने भी एक नवंबर को दीपावली का त्योहार मनाने को शास्त्र सम्मत बताया।

नेहरू नगर में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए राजपाल सिंह ने कहा कि हम सभी को सारे त्योहार आपसी सद्भावना के साथ मिल-जुलकर मनाने चाहिए।

त्योहार हमेशा हमें समाज से जोड़ने एवं संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम करते हैं। यही हमारे त्योहारों का विशेष महत्व है।

कैलाश चंद्र सुंदरियाल ने कहा कि दीपावली पर बच्चों के द्वारा उत्साह में कई बार पटाखे चलाते वक्त लापरवाही के कारण बड़ी दुर्घटनाएं घटित हो जाती हैं। इससे बचने के लिए बड़ों का दायित्व है कि बच्चों के साथ रहकर उनका ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी सावधानी से बड़ी दुर्घटनाओं से बचकर त्योहार का आनंद लें।