भारतीय घरों में खाना बने और उसमें रोटी शामिल न की जाए, ऐसा संभव ही नहीं, न जाने कब से रोटियां हमारे भोजन का अहम हिस्सा रही हैं। लेकिन क्या इन्हें यूं ही खाते रहना सही है?
इसे लेकर आपको कई तरह की राय देखने और सुनने को मिलती होंगी। इसमें से ही एक डॉक्टर हेगड़े की भी है। इन्होंने कुछ समय पहले रोटी को लेकर चौंकाने वाली बात कही थी।
डायबिटीज पर एक सेमिनार में बात करते हुए डॉक्टर बी.एम. हेगड़े ने कहा था कि कई डॉक्टर्स एक तमिल व्यक्ति को रोटी खाने के लिए कहते हैं।
डॉक्टर ने कहा कि ऐसा लोगों को डायबिटिक बनाए रखने के लिए किया जाता है।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए डॉक्टर हेगड़े ने कहा, गेहूं में ग्लूटेन होता है। ये पैनक्रीयाज में मौजूद बीटा सेल्स को सीधे तौर पर निशाना बनाता है।
ग्लूटन आपको हमेशा के लिए डायबिटीक पेशेंट बनाए रखता है तो आपका चपाती खाना आपको मधुमेह का मरीज बनाया हुआ है।
डॉ. हेगड़े ने कहा कि बेस्ट ऑप्शन मिलेट्स खाना है। इनमें विटामिन बी17 होता है, जो गुणों की खदान है।
मिलेट्स को लैट्रल इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है और कैंसर से लेकर कॉमन कोल्ड तक से लड़ने में सहायक है।
डॉक्टर ने लोगों को ज्वार, बाजरा, रागी जैसे मिलेट्स खाने और गेहूं की चपाती से दूर रहने की सलाह दी।