हरियाणा का गुरुग्राम आज देश की आर्थिक ताकत का प्रतीक बन चुका है। मात्र ढाई दशक में इस शहर ने विकास की ऐसी रफ्तार पकड़ी कि अब यह देश के अरबपतियों की सूची में नौवें स्थान पर पहुंच गया है।
हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार, गुरुग्राम में अब 38 अरबपति रह रहे हैं, जबकि करोड़पतियों की संख्या सैकड़ों में पहुंच चुकी है।
वर्ष 2000 के बाद से गुरुग्राम ने आईटी, टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट, गारमेंट्स और मेडिकल सेक्टर में जबरदस्त विकास किया है।
डीएलएफ ग्रुप के चेयरमैन राजीव सिंह की संपत्ति 1.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है, जबकि यूनो मिंडा ग्रुप के सीएमडी एनके मिंडा की संपत्ति 40 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है।
इनके अलावा जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल और गावर कंस्ट्रक्शन के चेयरमैन रविंद्र कुमार जैसी कई हस्तियों ने भी गुरुग्राम को वैश्विक पहचान दिलाई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि गुरुग्राम की सफलता के पीछे इसकी अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी, निवेश के अनुकूल माहौल और आधुनिक शहरी ढांचा है।
अब यह शहर न केवल राष्ट्रीय बल्कि वैश्विक निवेशकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गया है। गुरुग्राम की यह सफलता कहानी बताती है कि सही दिशा और अवसर मिलने पर विकास की नई ऊंचाइयां हासिल की जा सकती हैं।