शैंपन एक तरह से स्पार्कलिंग वाईन होती है। शैंपेन को रेड ग्रपेस से तैयार किया जा सकता है। इसमें 11 फीसदी तक एल्कोहल की मात्रा होती है।
लाल और काले अंगूर से तैयार रेड वाईन बने जाती है। रेड वाईन एक तरह से फर्मेंटेड ग्रेप जूस है। कुचले हुए अंगूरों को ओक बैरल में एक से लेकर दो सप्ताह के लिए फर्मेंट किया जाता है।
ओक बैरल में एज्ड करने के बाद रेड वाईन तैयार की जाती है। रेड वाईन में 14 फीसदी तक अल्कोहल की मात्रा होती है।
रेड वाईन में अल्कोहल
सर्दी के मौसम में गर्मी का एहसाहस दिलाने वाली रम डिस्ट्रिल्ड ड्रिंक है। फर्मेंटेड गन्ने से रम बनाई जाती है। रम में 40 फीसदी तक अल्कोहल होता है।
ग्रेन को फर्मेंट करने के बाद उसे डिस्टिल्ड कर निकाला जाता है। डिस्टिल्ड करने के टाइम पर इसमें जुनिपुर बेरिज मिलाए जाते हैं।
जिन में बेरिज मिलाने के बाद इसमें कई बोटैनिकल डाला जाता है। जीन भी एक तरीके से वोदका ही है। जिन में 35 से लेकर 55 फीसदी तक अल्कोहल होता है।
फल और साबुत अनाज के रस से बीयर बने जताई है। बियर में 4 से लेकर 8 फीसदी तक ही अल्कोहल की मात्रा होती है।
फ्लेवर के हिसाब से बाजार में वोदका आती है। वोदका में अल्कोहल की मात्रा 40 से लेकर 60 फीसदी होती है।
गेहूं और जौ से बनी व्हिस्की में अल्कोहल की आत्रा ज्यादा होती है। व्हिस्की में 30 से लेकर 65 फीसदी तक अल्कोहल होता है।
भिन्न-भिन्न ब्रांड की व्हिस्की में अल्कोहल की मात्रा भी भिन्न-भिन्न होती है। व्हिस्की को बनाने के लिए गेहूं और बारली फर्मेंट करने के बाद कुछ समय के लिए ओट कास्क में रखा जाता है।