ताजा मंथली रिपोर्ट में, मेटा के स्वामित्व वाले इस इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ने 1 जनवरी से 30 जनवरी के बीच भारत में 99 लाख से ज्यादा अकाउंट्स को बैन कर दिया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी बैन किए गए अकाउंट्स में से 13.27 लाख अकाउंट्स को यूजर रिपोर्ट्स मिलने से पहले ही प्रोएक्टिवली बैन कर दिया गया था।
प्रोएक्टिव बैन के अलावा, वॉट्सऐप को भारत में यूजर्स से इसके आधिकारिक शिकायत चैनलों के जरिए 9,474 शिकायत रिपोर्ट्स मिलीं। हालांकि, इन शिकायतों के आधार पर केवल 239 अकाउंट्स पर कार्रवाई की गई।
बैन अपील्स ने सबसे ज्यादा रिपोर्ट्स (4,212) का हिस्सा बनाया, जिनमें से 111 अकाउंट्स को रिव्यू के बाद बहाल किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, वॉट्सऐप ने इन अकाउंट्स को इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम, 2021 के नियम (1)(d) और नियम 3A(7) के तहत कुछ नीतियों का उल्लंघन करने के लिए बैन किया है।
वॉट्सऐप अपने टर्म्स ऑफ सर्विस का उल्लंघन करने वाले अकाउंट्स का पता लगाने और उन पर कार्रवाई करने के लिए ऑटोमेटेड सिस्टम्स और यूजर फीडबैक का इस्तेमाल करता है।
प्लेटफॉर्म स्पैम, गलत जानकारी, फ्रॉड एक्टिविटीज और अब्यूज जैसी वजहों से अकाउंट्स को बैन करता है। कंपनी का डिटेक्शन तीन लेवल पर काम करता है: रजिस्ट्रेशन के समय, मैसेजिंग के दौरान, और यूजर रिपोर्ट्स और ब्लॉक्स के जवाब में।
अनचाहे या बल्क मैसेज भेजना: ऑटोमेटेड या मास मैसेजिंग मना है और इससे तुरंत सस्पेंशन हो सकता है।
अनऑथोराइज्ड कॉन्टैक्ट लिस्ट शेयर करना: बिना सहमति लोगों को ग्रुप्स में जोड़ना या अवैध सोर्सेज से डेटा का इस्तेमाल करना वॉट्सऐप की नीतियों का उल्लंघन है।
ब्रॉडकास्ट लिस्ट का ओवरयूज: बार-बार ब्रॉडकास्ट मैसेज भेजने से रिपोर्ट्स और बैन ट्रिगर हो सकते हैं।
वॉट्सऐप के टर्म्स ऑफ सर्विस का उल्लंघन: गलत जानकारी फैलाना, नफरत भरे भाषण, या अवैध गतिविधियों में शामिल होना स्थायी बैन का कारण बन सकता है।