डायबिटीज के रोगियों को तंत्रिका क्षति का सबसे ज्यादा खतरा होता है। वैसे ये डायबिटीज के अतिरिक्त कई अन्य बीमारियों का लक्षण भी हो सकता है।
यदि आपके पैरों के अतिरिक्त तलवे और एड़ियों में कुछ दिक्कत हो रही तो ये ब्लड शुगर बढ़ने का भी संकेत होता है।
डायबिटीज के मरीजों में यदि पैरों के तलवों में सूजन की समस्या देखी जाती है। यह लगातार उच्च मधुमेह के कारण हो सकता है।
उच्च रक्त शर्करा का स्तर तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। जिसके वजह से यह समस्या होती है। इससे तलवों और एड़ियों में जलन, झुनझुनी, पैरों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कुछ विटामिनों, विशेष रुप से विटामिन बी 12, विटामिन बी6 और फोलेट की कमी से तंत्रिका क्षति हो सकती है। जिससे पैरों के तलवों में जलन, दर्द, झुनझुनी होने लगती है।
प्लांटर फेशिआइटिस में, प्लांटर फेशिया पैरों के तलवों में ऊतकों, तंत्रिकाओं या कोशिकाओं की सूजन है। इससे एड़ी और तलवे में दर्द और सूजन हो सकती है।
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसके कारण लगातार पैर हिलाने की इच्छा हो सकती है। इससे तंत्रिका या तंत्रिका क्षति हो सकती है।
इससे पैरों के तलवों में जलन, झुनझुनी और असुविधा हो सकती है ! विशेषकर रात में, इसलिए यदि उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और उचित उपचार लें।
हाइपोथायरायडिज्म या थायरॉयड ग्रंथि या कम सक्रिय थायरॉयड ग्रंथि की समस्याएं भी तंत्रिका क्षति का कारण बन सकती हैं। जिससे पैरों के तलवों में जलन, सूजन हो सकती है।