हरियाली तीज क्यों मनाई जाती है ? आए जानें मुख्य कारण

हरियाली तीज

हिंदू धर्म में सावन का माह ज्यादा पवित्र माना जाता है। इस माह में कई त्यौहार भी आते हैं। इनमें से एक है हरियाली तीज।

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पूजा

हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं सुखी दांपत्य जीवन और पति की लंबी उम्र के लिए भगवान शिव और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा करती हैं।

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प्रतीक

कहते हैं कि हरियाली तीज के दिन भगवान शिव शंकर और मां पार्वती के मिलन का प्रतीक है और इसे सावन की तीज भी कहा जाता है।

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सोलह श्रृंगार

इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और हाथों में महेंदी भी लगाती हैं। चलिए आपको बताते हैं डेट और शुभ मुहूर्त।

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तृतीया तिथि

हर वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है।

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व्रत की तारीख

इस वर्ष यानि 2024 में हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त को रखा जाएगा।

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महत्व

सावन के माह में ही मां पार्वती ने भगवान शिव को वर रुप में प्राप्त करने के लिए रेत का शिवलिंग बनाकर कठोर तपस्या की और निर्जला व्रत किया था।

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प्रसन्न

इसके बाद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन ही मां पार्वती से प्रसन्न होकर भगवान शिव उनके सामने साक्षात प्रकट हुए थे।

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पत्नी के रुप में स्वीकार

मां पार्वती की कठोर तपस्या को देख भगवान शिव ने उन्हें पत्नी रुप में स्वीकार किया था।

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नोट

यह सूचनाएं सिर्फ लोक मान्यताओं, धार्मिक ग्रथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी सूचना को मानने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।

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