Jind News:जींद जिले के घिमाना गाँव के सरकारी स्कूल में दशवीं की छात्रा के प्रयास से NCC शुरू हो गई है l आपको खबर पढ़कर विश्वास नही हुआ होगा कि दशवीं की छात्रा के प्रयास से NCC कैसे शुरू हो सकती है लेकिन यह सच है l स्कूल में विभाग की तरफ से बच्चों को टैब के बारे में समझाने के लिए कोई टीचर आया था जिसके साथ दशवीं की छत्राओं ने NCC के बारे में बात की थी और उसके बाद वो छात्राएं स्कूल में कार्यरत भूतपूर्व सैनिक सुरेश कुमार हिस्ट्री लेक्चरर के पास NCC के बारे में विस्तार से जानने के लिए गई।
Jind News:भूतपूर्व सैनिक ने छात्राओं को NCC के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि NCC की सख्त ट्रेनिंग होती है तथा कैम्प में बाहर भी जाना पड़ेगा। सुरेश कुमार ने NCC के B और C सर्टिफिकेट के फायदे भी बताए और कहा कि अपने माता-पिता से पूछ लो, जो बच्चे NCC लेना चाहते हैं, उनकी सूची बना लो। उसके बाद प्रिसिपल मैडम से मिल लेना क्योंकि NCC शुरू करवाने के लिए प्रिसिपल मैडम ने ही NCC के अधिकारी के पास लिखना पड़ेगा।
Jind News:छात्राओं ने यह सारा काम किया और प्रिसिपल मैडम से मिली। उसके बाद छात्राएं भूतपूर्व सैनिक सुरेश कुमार हिस्ट्री लेक्चरर से मिली और स्कूल में NCC शुरू करवाने का तरीका पूछा । भूतपूर्व सैनिक ने छात्राओं को कहा कि इन्टरनेट पर NCC जींद का पता और फोन नम्बर सर्च करो तथा NCC जींद के ऑफिस में बात करो वो सब कुछ बता देंगे। दशवीं की छात्रा नूर गिल ने इन्टरनेट से NCC जींद का फोन नम्बर सर्च करके उनसे बात की तो उन्होंने जवाब दिया कि आपके स्कूल की प्रिंसिपल छात्र संख्या लेकर NCC ऑफिस में आ जाए उसके बाद आपके स्कूल में NCC शुरू हो जाएगी।
Jind News:छात्राओं ने स्कूल में दूसरे टीचर्स से भी सम्पर्क किया और निवेदन किया कि प्रिसिपल मैडम से निवेदन करें ताकि स्कूल में NCC शुरू हो सके। स्कूल में NCC शुरू करवाने के लिए स्कूल स्टाफ ने भूतपूर्व सैनिक सुरेश कुमार हिस्ट्री लेक्चरर से सहयोग करने को कहा। सुरेश कुमार ने कहा NCC का इंचार्ज कौन बनेगा। प्रिसिपल मैडम ने सुरेश कुमार को कहा कि आपको ही NCC का इंचार्ज बनना पड़ेगा। सुरेश कुमार ने जवाब दिया, मैं तो डेपुटेशन पर हूँ ट्रांसफर ड्राइव शुरू होते ही मेरी बदली हो जाएगी। इस पर प्रिसिपल मैडम ने कहा ट्रांसफर ड्राइव शुरू होने तक NCC इंचार्ज बन जाओ।
भूतपूर्व सैनिक सुरेश कुमार हिस्ट्री लेक्चरर ने NCC जींद के नाम एक पत्र ड्राफ्ट किया जिसमें नीचे अपना नाम लिखकर हस्ताक्षर कर दिए और अपना मोबाइल नम्बर लिखा दिया क्योंकि भूतपूर्व सैनिक को मालूम था कि सेना में तुरन्त कार्यवाही होती है। प्रिसिपल मैडम के हस्ताक्षर करवाकर 7 नवम्बर को NCC जींद के ऑफिस में ईमेल से पत्र भेज दिया और कुछ ही मिनट बाद NCC जींद से सुरेश कुमार के पास फोन आ गया और कहा कि आठवीं और नौवीं की छात्र संख्या बताओ क्योंकि पहले NCC के A सर्टिफिकेट के लिए शुरू करेंगे।
आठवीं और नौवीं की छात्र संख्या लेकर दोपहर में सुरेश कुमार जींद में NCC के प्रशासनिक अधिकारी कर्नल के.के. गोयत साहब से मिले और शाम 5 बजे कर्नल के.के. गोयत ने सुरेश कुमार के पास फोन करके कहा कि आपके पास एक फोर्मेट भेज दिया है, उस फोर्मेट में बच्चो की डिटेल बनाकर हमारे पास भेज दो, कल ही काम शुरू करना है।
अगले दिन दोपहर तक बच्चों की डिटेल की लिस्ट जैसे ही भेजी उसके कुछ मिनट बाद ही NCC जींद की टीम ने फोन पर कहा कि हम रास्ते में हैं, स्कूल बताओ कहाँ है और इस तरह से 2 दिन के अन्दर ही 8 नवम्बर को शाम 4 बजे तक घिमाना के सरकारी स्कूल में NCC में चयन के लिए छात्र तथा छात्राओं का निरिक्षण करके फिजिकल और लिखित परीक्षा का काम पूरा कर लिया गया।