Jind Illegal Colonies list : जींद जिला नगर योजनाकार विभाग ने नियंत्रित क्षेत्र में अवैध कालोनी और खसरा नंबर को सार्वजनिक कर दिया है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि इन कालोनियों में जमीन न खरीदें, क्योंकि यह डीटीपी नियंत्रित क्षेत्र है और यहां निर्माण किया गया तो विभाग द्वारा तोड़फोड़ की कार्रवाई की जाएगी।
जींद में भिवानी रोड बाईपास, सफीदों रोड बाईपास निर्जन के पास, नए बस अड्डे के पास, नरवाना, उचाना में पालवां रोड, सफीदों में सिंघपुरा रोड, खेड़ा खेमावती समेत कई जगह पर जमीन जिला नगर योजनाकार विभाग के नियंत्रित क्षेत्र में आती है। इन जगहों पर विभाग की अनुमति के बिना निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता।
Jind Illegal Colonies list : जीन्द जिले की अवैध कॉलोनी की लिस्ट व खसरा नम्बर
जींद भिवानी रोड बाईपास पर यहां हैं अवैध कालोनी
भिवानी रोड बाईपास पर खसरा नंबर 294//19, 20, 21, 22, 295//16, 17, 24, 25 तथा 296//4, 5, 6, 7, 15 और 297//1 अवैध है।
जलालपुर खुर्द के पास वीटा बूथ के पीछे खसरा नंबर 16//21/2, 22/2, 25//1,2, 9/1, 10/1 अवैध हैं और यह जमीन जिला नगर योजनाकार का नियंत्रित क्षेत्र है। सफीदों रोड बाईपास पर निर्जन के पास खसरा नंबर 58//17/1, 23/2, 24 तथा 72//2/1, 2/2,3 अवैध है। इसके अलावा खसरा नंबर 58//3, 4,5,6,7, 13/2, 14, 15 भी अवैध हैं। जींद में ही खसरा नंबर 224//7/3, 14/1, 224//17/2, 224//4, 5, 6/1, 7/1, 224//6/2, 7/2, 14/2, 16, 17/1 हैं।
नरवाना में ये हैं अवैध कालोनी
नरवाना में खसरा नंबर 263//6, 7, 8, 9, 262//9,10 है। खसरा नंबर 368//6/2, 15, 16, 345//8,7, 13, 14, 15,16, 17, 18, 24, 25, 369//1/2, 4,5,6,7,8,9,10,12, 13 भी अवैध हैं।
सफीदों में ये कालोनी है और खसरा नंबर हैं अवैध
सफीदों में सिंघपुरा के पास खसरा नंबर 18//1/1,2/1/1, 26/1, 10/1/1/2, 10/1/2/2, 10/2/2, 26/4/1, 10/1/2/1, 10/2/1, 26/4/3, 2/2/1, 3/1, 26/2, 19//5/2,6, 18//1/2/2/1/2, 2/2/2, 3/2, 26/3 अवैध हैं। खेड़ा खेमावती के पास खसरा नंबर 80//1/1, 10, 81//4,5,6,7 अवैध हैं।
उचाना कलां में खसरा नंबर 176//12/2/2, 8/2/2, 13/1 अवैध हैं। पालवां के पास खसरा नंबर 88//14, 15/1, 15/2, 17/1, 16, 89//11,12,19, 20/1, 20/2 खसरा नंबर अवैध हैं।
जिला नगर योजनाकार गुंजन वर्मा ने कहा कि भू-माफिया विभाग की अनुमति के बिना अवैध कालोनी काटकर लोगों को बेच देते हैं। इससे बाद में लोगों को निर्माण कार्य में दिक्कत आती है। भू-माफियाओं के चक्कर में लाेग अपनी मेहनत की जमापूंजी गंवा बैठते हैं। इसलिए जमीन की खरीद-फरोख्त से पहले विभाग कार्यालय में आकर पता कर लें कि कालोनी वैध है या अवैध है।