Rohtak armour for helicopters: रोहतक: वायु सेना के हेलिकॉप्टर के लिए रोहतक की कंपनी को आर्मर बनाने का आदेश मिला है। सेना के हेलिकॉप्टर के ऑपरेशन में अब रोहतक का भी योगदान होगा, क्योंकि यहां के बने आर्मर का उपयोग वायु सेना के हेलिकॉप्टर में किया जाएगा। IMT की कंपनी को यह अनुबंध मिला है, जो कई विशेषताएं प्रदान करता है।
इस कंपनी में बनने वाले आर्मर में मिश्र धातु का प्रयोग किया जाता है और स्टील आर्मर को कंपोजिट आर्मर से बदलने के कारण इन आर्मर का वजन 40% तक कम हो जाता है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि हेलिकॉप्टर को उच्च पेलोड ले जाने में मदद मिलती है। इस बदलाव के चलते हेलिकॉप्टर में जरूरी सामग्री और जवानों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है।
इससे पहले कंपनी को अर्जुन टैंक के आर्मर बनाने का कार्य भी सौंपा गया था, जिसके लिए काम चल रहा है। इस काम को पूरा करने की निर्धारित अवधि तीन साल की है।
ईंधन की बचत और सुरक्षा
यह कंपोजिट आर्मर युद्ध या अभियान के दौरान छोटे हथियारों की आग से हेलिकॉप्टर के चालक दल को बचाने में भी मदद करता है। इसके वजन में कमी से हेलिकॉप्टर में ईंधन की भी बचत होगी। इसके अलावा, यहां बने आर्मर का समग्र कवच पैनल न केवल सुरक्षा में बेहतर होगा, बल्कि सुंदरता में भी श्रेष्ठ होगा। साथ ही, विदेशी आर्मर पैनल की तुलना में यह 35 प्रतिशत सस्ते हैं।
सेना को मिलेगी मजबूती
इस आर्मर के उपयोग से वायु सेना को काफी मजबूती मिलेगी। वायु सेना के हेलिकॉप्टरों के लिए आर्मर बनाने के इस अनुबंध के बारे में मिधानी के सेल्स मैनेजर एस. कैरे ने बताया कि यह आर्मर वायु सेना के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगे।
वायु सेना के हेलिकॉप्टर के लिए आर्मर बनाने का यह कार्य सेना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल उनकी सुरक्षा बढ़ाएगा, बल्कि संचालन में भी सुविधा प्रदान करेगा।