Election News :जींद जिले में नामांकन प्रक्रिया संपन्न होने के (Jind Election news) बाद जिले की पांचों विधानसभा सीटें पर मुकाबले की तस्वीर स्पष्ट हो गई है। प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ मैदान में उतरे कई निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं। जुलाना और उचाना पर पूरे प्रदेश के लोगों की नजर रहेगी तो सफीदों में रामकुमार गौतम के भाजपा की ओर से मैदान में उतरने से यह सीट भी चर्चाओं में आ गया है। यहां बागी प्रत्याशी मैदान में रहते हैं तो समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं।
उचाना में पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह मैदान में होने से यह चर्चित सीट बन गई है। यहां दुष्यंत और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बीच पिछले पांच साल के दौरान राजनीतिक बयानबाजी व तल्खी रही है। इस कारण उचाना का रण दिलचस्प हो(Election News) सकता है। यहां से भाजपा के देवेंद्र अत्री भी मुकाबले को त्रिकोणीय बना सकते हैं। जुलाना में दो महिला खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान विनेश फोगाट व डब्ल्यूडब्ल्यूई की पहलवान कविता दलाल मैदान में हैं।
उचाना में रोमांचक होगा मुकाबला (Brijender vs Dushyant)
उचाना से पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं तो पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला जजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों उम्मीदवारों की टक्कर में भाजपा ने जातीय समीकरण बैठाते हुए देवेंद्र अत्री को मैदान में उतारा है। उचाना में अभी तक बीरेंद्र सिंह व चौटाला परिवार के बीच ही राजनीतिक लड़ाई रही है, लेकिन इस बार भाजपा ने अपने संगठन के दम पर इस लड़ाई में एंट्री मारी है। भाजपा ने जिस प्रकार जातीय समीकरण बैठाए हैं। इसके अलावा विरेंद्र घोघड़ियां ने निर्दलीय नामांकन भरा है और इंसाफ रैली में भीड़ जुटाकर दूसरे उम्मीदवारों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। यहां परिणाम चौकाने (Election News)वाला हो सकता है। कई और निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन भरा है।
जुलाना : दो महिला पहलवानों के साथ (Vinesh Vs Kavita) भाजपा के कैप्टन चुनावी मैदान में
जुलाना में हालांकि चुनाव हमेशा ही रोमांचक रहा है, लेकिन इस बार कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को मैदान में उतारा है। विनेश फोगाट बख्ता खेड़ा में शादीशुदा हैं। ऐसे में उन पर बाहरी होने की बात भी लागू नहीं होती। वहीं भाजपा ने कैप्टन योगेश को मैदान में उतारा है। कैप्टन योगेश मूल रूप से पलवल के रहने वाले हैं, लेकिन वे करीब छह महीने पहले ही सफीदों विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक रूप से सक्रिय हुए।
फिलहाल उनका वोट भी सफीदों में है और वहीं रहते हैं। हालांकि कैप्टन योगेश स्वयं को सफीदों के पाजू कलां गांव से बताते हैं। कैप्टन योगेश के आने से जुलाना क्षेत्र में भी जातीय समीकरण रोचक हो गए हैं। इसके अलावा जुलाना पहले लोकदल का गढ़ रहा है। ऐसे में भाजपा का टिकट नहीं मिलने के बाद सुरेंद्र लाठर ने अब इनेलो के टिकट पर नामांकन भर दिया है। साथ ही आम आदमी पार्टी ने भी अंतरराष्ट्रीय डब्ल्यूडब्ल्यूई पहलवान कविता दलाल को मैदान में उतारा है। जुलाना में लाठर व दलाल खाप का अपना महत्व है।
ऐसे में जुलाना का चुनाव इस बार खापों के वर्चस्व के बीच हो सकता है। ऐसे में विनेश फोगाट के ससुराल राठी खाप का महत्व (Election News)भी बढ़ृ जाता है। वहीं जजपा ने वर्तमान विधायक अमरजीत ढांडा को मैदान में उतारा है। अमरजीत ढांडा अपने पिछले कार्यों के दम पर ही चुनाव में उतरे हैं।
जींद : भाजपा पर जमीन बचाने तो कांग्रेस पर (Krishan Midha vs Mahavir Gupta) वापस लेने का दबाव
जींद विधानसभा क्षेत्र में हालांकि मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधा माना जा रहा है, लेकिन इसमें कई अन्य कारक भी काम करेंगे। कांग्रेस का टिकट महावीर गुप्ता को मिलने के साथ ही चुनाव में शहरी व ग्रामीण के साथ-साथ जातीय रंग भी आ गया है। भाजपा के वर्तमान विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा पंजाबी समुदाय से आते हैं, जबकि महावीर गुप्ता अग्रवाल समुदाय से हैं। दोनों ही समुदायों के बीच राजनीतिक संघर्ष रहा है। वहीं जींद में कांग्रेस से बागी होकर प्रदीप गिल ने नामांकन किया है।
बेशक जींद में 46 कांग्रेसी दावेदार हैं, लेकिन बगावत अभी तक सिर्फ प्रदीप गिल ने की है। आम आदमी पार्टी ने वजीर ढांडा को उम्मीदवार बनाया है। जजपा ने पूर्व मंत्री परमानंद के पुत्र इंजीनियर धर्मपाल प्रजापत को टिकट दिया है। धर्मपाल प्रजापत अहिरका गांव से हैं। पिछड़ा वर्ग से होने के (Election News)कारण उनके वोट जींद की राजनीतिक तस्वीर तय करेंगे।
सफीदों : भाजपा के बाकी बने निर्दलीय (Ramkumar gautam vs Subhash Gangoli)
सफीदों विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय प्रभावी रहे हैं। इस बार सफीदों से पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य व पूर्व विधायक जसबीर देशवाल आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि भाजपा ने सफीदों से नारनौंद से पूर्व विधायक रामकुमार गौतम व कांग्रेस ने वर्तमान विधायक सुभाष गांगोली को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन दोनों ही निर्दलीय भाजपा के नेता रहे हैं। टिकट कटने के बाद दोनों ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
साथ ही आम आदमी पार्टी ने सफीदों में कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष गांगोली के गांव से ही अपनी उम्मीदवार निशा देशवाल को मैदान में उतार दिया है। ऐसे में इसका राजनीतिक असर पड़ेगा। वहीं सफीदों में कांग्रेस के नेताओं की सबसे लंबी लाइन रही है। इनमें से किसी को भी टिकट नहीं मिला। हालांकि सफीदों में भाजपा नेता विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन उम्मीदवार के साथ भी नहीं खड़े दिख रहे।
नरवाना : पुराने धुरंधरों के साथ नए भी मैदान में
नरवाना आरक्षित विधानसभा क्षेत्र में इस बार पुराने व नए धुरंधर एक साथ आने से नए समीकरण बन रहे हैं। भाजपा ने अपने(Election News)बड़े नेता कृष्ण बेदी को नरवाना के रण में उतारा है। कृष्ण बेदी मूल रूप से नरवाना के कलौदा गांव से हैं, लेकिन उनकी राजनीति अब तक शाहबाद से रही है। अब उनके समक्ष यहां नई टीम व पुराने पार्टी कार्यकर्ताओं को साथ जोड़ना होगा। वहीं कांग्रेस ने पुराने कार्यकर्ता और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य सतबीर दबलैन को टिकट दिया है।
नरवाना रणदीप सुरजेवाला का प्रभाव क्षेत्र है और दबलैन भी उनके नजदीकी हैं। नरवाना के चुनाव में दो पुरानी महिला नेताओं की भूमिका खास रहेगा। विद्या रानी दनौदा व संतोष रानी इस बार नई पार्टियों से आई हैं। विद्या रानी दनौदा कांग्रेस से दो चुनाव लड़ चुकी हैं। दोनों बार तीसरे स्थान पर रही। अब वे इनेलो की उम्मीदवार हैं। संतोष रानी भाजपा से दो चुनाव लड़ कर लगातार दूसरे स्थान पर रही हैं और अब जजपा की उम्मीदवार हैं। ऐसे में यह दोनों महिला नेत्री नरवाना की रजनीतिक तस्वीर तय करेंगी।