CBSE: नई दिल्ली: CBSE (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) ने क्लास 10वीं के छात्रों के लिए पहले ही मैथ्स (स्टैंडर्ड और बेसिक) के 2 लेवल शुरू किए हैं, और अब बोर्ड जल्द ही क्लास 9वीं और 10वीं के लिए साइंस और सोशल साइंस को भी 2 लेवल में पेश करने की योजना बना रहा है। इस बदलाव से छात्रों को बेसिक और एडवांस्ड ऑप्शन चुनने का अवसर मिलेगा, जिसे 2026-27 अकादमिक वर्ष में लागू किया जा सकता है।
क्या है CBSE का नया स्ट्रक्चर?
अब तक, CBSE ने मैथ्स के लिए स्टैंडर्ड और बेसिक ऑप्शन शुरू किए थे, जिससे छात्रों के पास अपने स्तर के हिसाब से कोर्स चुनने की सुविधा थी। इसी तर्ज पर, जल्द ही Science और Social Science जैसे महत्वपूर्ण विषयों के लिए भी 2 लेवल का विकल्प देने की योजना बनाई जा रही है। इस बदलाव के बाद, छात्रों को अपने अध्ययन स्तर के अनुसार सब्जेक्ट चुनने का अवसर मिलेगा।
क्यों लाया जा रहा है CBSE में यह बदलाव?
CBSE के इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करना है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, 2020 (NEP 2020) के तहत यह पहल की जा रही है, ताकि छात्र अपनी सुविधानुसार सब्जेक्ट चुन सकें और कोचिंग का दबाव भी कम हो सके। इसके अलावा, यदि कोई छात्र पहले बेसिक स्तर पर पढ़ाई कर रहा है, तो उसे स्टैंडर्ड स्तर पर स्विच करने का ऑप्शन भी मिलेगा।
CBSE में कैसे होगा ये बदलाव?
यदि इस प्रस्ताव पर साइंस और सोशल साइंस के लिए स्वीकृति मिलती है, तो छात्रों को दोनों स्तरों के लिए अलग-अलग स्टडी मटेरियल मिलेगा और एग्जाम में सवाल भी अलग होंगे। स्टैंडर्ड लेवल में अधिक एडवांस्ड कोर्स सामग्री होगी, जबकि बेसिक लेवल में अपेक्षाकृत आसान प्रश्न पूछे जाएंगे।
मैथ्स में पहले ही हो चुका है बदलाव
CBSE ने 2019-20 में Math (बेसिक और स्टैंडर्ड) के 2 लेवल शुरू किए थे। 2024-25 के बोर्ड एग्जाम में दोनों स्तरों के लिए एक ही विषय के प्रश्नपत्र होंगे, लेकिन प्रश्नों का लेवल अलग होगा। 15 लाख से अधिक छात्रों ने मैथ्स (स्टैंडर्ड) को चुना है, जबकि बेसिक लेवल के लिए 6.79 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
CBSE के इस कदम से छात्रों को मिलेगा ये फायदा
इस कदम का उद्देश्य छात्रों के लिए कोर्स को प्रवेशनीय और समझने में आसान बनाना है। इसके साथ ही, स्टैंडर्ड लेवल को चुनने वाले छात्रों को एडवांस लर्निंग का अवसर मिलेगा, जिससे उनके करियर की दिशा भी बेहतर हो सकेगी।
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो छात्रों को सब्जेक्ट चॉइस (CBSE 9TH 10TH Subject Choice) के लिए समयसीमा दी जाएगी, जिससे वे अपने इच्छानुसार बेसिक या स्टैंडर्ड लेवल को सिलेक्ट कर सकेंगे। यह बदलाव छात्रों के एकेडमिक प्रेसर को कम करने में मदद करेगा।