Cold wave : जींद : मौसम में लगातार बढ़ रही ठंड के चलते ठिठुरन बढ़ रही है। पशुपालन विभाग ने पशुओं को ठंड से बचाने के लिए भी एडवाइजरी जारी की है। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डा. सुरेंद्र आर्य ने कहा कि ऐसे मौसम में पशुओं का ध्यान रखना जरूरी है।
शीत लहर (cold wave) की अवस्था में पशुओं को शेड के अंदर ही रखना चाहिए। धूप निकलने के बाद ही पशुओं को बाहर खुले में बांधना चाहिए। पशुओं पर कंबल या बोरी जरूर डालें। अत्यधिक ठंड की अवस्था में पशु को गुनगुना पानी ही पिलाएं।
खनिज मिश्रण एवं गुड़ नियमित रूप से पशुओं को खिलाएं। पशुओं को बांधने और बैठने के स्थान पर सुखा तूड़ा डालें एवं उसे नियमित रूप से बदलते रहे। उन्होंने कहा कि पशुओं के लिए गद्दे का प्रयोग भी किया जा सकता है जो आजकल प्रचलन में है।

डा. सुरेंद्र आर्य ने कहा कि ठंड के मौसम में पशुओं के बीमारी होने का डर लगा रहता है। ठंड लगने पर पशुओं को सांस लेने में परेशानी भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में तुरंत अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करें और पशु चिकित्सक की सलाह अनुसार अपने पशुओं का इलाज करवाएं।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले निर्देशानुसार सभी पशुपालक अपने-अपने पशुओं को मुंह और खुर रोग एवं गलघोटू रोग का संयुक्त टीका वर्ष में दो बार जरूर लगवाएं।
Cold wave animal protect : ठंड के मौसम में इन बातों का रखें ध्यान
उपनिदेशक डा. सुरेंद्र आर्य ने कहा कि पशुओं के शेड को चारों तरफ से ढककर रखें ताकि उन्हें शीत लहर से बचाया जा सके। दुधारू पशुओं की नियमित तौर पर मालिस भी करें और खुरेरा भी करें ताकि रक्त संचालन बना रहे।
नवजात पशुओं और बीमार पशुओं का विशेष ध्यान रखें और समय-समय पर पशु चिकित्सक की सलाह लेते रहें। छह माह से अधिक समय के गर्भवती पशुओं को और दुधारू पशुओं की अधिक मात्रा में संतुलित आहार दें। रात्रि में पशुओं को बांधे जाने के स्थान पर धुआं नहीं करें।