Defence Flats Scheme: चंडीगढ़: हरियाणा हाउसिंग बोर्ड द्वारा 2014 में शुरू की गई डिफेंस फ्लैट्स स्कीम 10 साल बाद भी सिरे नहीं चढ़ पाई। इस योजना में हजारों सैनिकों और उनके परिवारों के 110 करोड़ रूपये फंसे हुए हैं। योजना के तहत जमीन का अधिग्रहण भी नहीं हुआ और पिछले साल फरवरी में इसे रद्द कर दिया गया।
अब तक 2618 अलॉटीज अपने फ्लैट के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि 1791 अलॉटीज ने निर्माण कार्य में देरी के कारण अपनी आवेदन राशि सरेंडर कर दी। बोर्ड ने केवल 50 करोड़ की राशि वापस की है, जबकि 110 करोड़ अभी भी बकाया हैं।
Defence Flats Scheme Cancel: रद्द की गई योजनाएं
डिफेंस फ्लैट्स स्कीम के तहत कुल 4409 फ्लैट्स आवंटित किए गए थे। रद्द की गई योजनाओं में ये शामिल हैं:
सेक्टर-9 और 10 (पिंजौर)
सेक्टर-28 (झज्जर)
रेवाड़ी सेक्टर-18 और 19
गुरुग्राम सेक्टर-102 और 106
फरीदाबाद सेक्टर-65
महेंद्रगढ़ सेक्टर-5 और 6
पलवल और सांपला फ्लैट्स स्कीम।
सैनिकों की मांग और आंदोलन की चेतावनी
ऑल सेक्टर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष कुलदीप वत्स ने इस मुद्दे पर बताया:
1. हाउसिंग बोर्ड की लापरवाही:
बिना जमीन अधिग्रहण के योजना शुरू की गई।
सैनिक परिवारों से एडवांस किश्त के रूप में करोड़ों रुपये वसूल लिए गए।
2. रिफंड में देरी:
जमा राशि के साथ 15% ब्याज सहित रिफंड की मांग। सरकार को विशेष बजट का प्रावधान करना चाहिए।
वत्स ने चेतावनी दी कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो राज्य स्तर पर बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।

सैनिकों का भरोसा टूटा
यह स्कीम सैनिकों और उनके परिवारों के लिए सस्ते घर का सपना लेकर आई थी, लेकिन 10 साल बाद भी न फ्लैट मिला और न ही उनकी राशि पूरी वापस हुई। पीड़ित सैनिक अपनी जमा पूंजी पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। सैनिक परिवारों को राहत देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

डिफेंस फ्लैट स्कीम का रद्द होना और सैनिकों की फंसी हुई रकम न केवल हाउसिंग बोर्ड की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि यह सैनिक परिवारों की उम्मीदों और उनके संघर्ष को भी उजागर करती है। अब सभी की नजरें सरकार के अगले कदम पर हैं।