UGC: नई दिल्ली: अब युवाओं का किसी भी क्षेत्र का अनुभव बेकार नहीं जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने नए मसौदे के तहत अनुभव को डिग्री और डिप्लोमा में क्रेडिट के रूप में शामिल करने की योजना पेश की है। किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रमाणित अनुभव के आधार पर छात्र कोर्स में दाखिला ले सकेंगे और यह अनुभव उनके क्रेडिट अंकों में भी जोड़ा जाएगा।
पढ़ाई में अनुभव का लाभ
यदि छात्र के अनुभव के क्रेडिट अंक किसी कोर्स के लिए आवश्यक क्रेडिट अंकों का 50% से अधिक होते हैं, तो उन्हें कोर्स के दौरान केवल बाकी 50% क्रेडिट अंक जुटाने होंगे। यह सुविधा स्नातक और परास्नातक दोनों स्तरों की पढ़ाई के लिए लागू होगी। इसके साथ ही, पूर्व अनुभव और पढ़ाई के साथ के अनुभव दोनों को मान्यता दी जाएगी।
नई शिक्षा नीति का हिस्सा
UGC ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा को लचीला बनाने की दिशा में यह कदम उठाया है। यह पहल छात्रों के अनुभव को पढ़ाई से जोड़ने पर जोर देती है और उन्हें कोर्स में दाखिला लेने और बाहर निकलने के कई विकल्प देती है।
क्रेडिट फ्रेमवर्क की शर्तें
स्नातक स्तर: 120 क्रेडिट अंक
स्नातक डिप्लोमा: 80 क्रेडिट अंक
सर्टिफिकेट कोर्स: 40 क्रेडिट अंक
दुनियाभर में अनुभव आधारित शिक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है, और यह पहल भारत में उच्च शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव लाएगी।