Farmer Protest Again: किसानों की नई हुंकार: क्या 6 दिसंबर बनेगा किसान आंदोलन का टर्निंग पॉइंट? हरियाणा पुलिस के सामने फिर से चुनौती !

Farmer Protest Again: किसानों ने 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करने की योजना बनाई है, जिससे हरियाणा और केंद्र सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों ने यह निर्णय लिया कि वे ट्रैक्टर-ट्रॉली के बिना समूहों में दिल्ली जाएंगे। किसान नेताओं का कहना है कि पिछले 9 महीनों से उनकी मांगे अनसुनी की जा रही हैं और अब सरकार को उनकी बात सुननी होगी।

Farmers Demands: किसानों की प्रमुख मांगें

1. प्रदर्शन के लिए जगह:
किसान नेताओं ने सरकार से जंतर-मंतर और रामलीला ग्राउंड में प्रदर्शन के लिए जगह की मांग की है, ताकि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख सकें।

2. मांगें पूरी करने का अल्टीमेटम:
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार के पास 6 दिसंबर तक का समय है। अगर उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, तो किसान जत्थों में दिल्ली कूच करेंगे।

3. शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच:
किसानों का कहना है कि वे शंभू बॉर्डर पर लगी दीवार को पार कर दिल्ली जाएंगे और प्रदर्शन करेंगे।

Challenge before Haryana Police: हरियाणा पुलिस के सामने चुनौती

हरियाणा पुलिस को एक बार फिर किसानों को रोकने के लिए तैयारी करनी होगी। पिछली बार की तरह पुलिस को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर बैरिकेडिंग और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ सकता है। लेकिन इस बार किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली के बिना आने का फैसला किया है, जिससे उनकी रणनीति में बदलाव आया है और यह पुलिस के लिए नई चुनौती पेश करेगा।

Possible strategy of police:सरकार और पुलिस की संभावित रणनीति:

1. बैरिकेडिंग:
हरियाणा पुलिस दिल्ली जाने वाले सभी प्रमुख रास्तों जैसे सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी बैरिकेडिंग कर सकती है।

2. प्रदर्शन रोकने के प्रयास:
प्रशासन किसानों से बातचीत कर प्रदर्शन को रोकने की कोशिश कर सकता है। साथ ही, प्रदर्शन को किसी सीमित स्थान तक सीमित करने की कोशिश होगी।

3. कानूनी कार्रवाई:
अगर किसान कानून-व्यवस्था तोड़ते हैं, तो पुलिस गिरफ्तारी या अन्य कानूनी कार्रवाई का सहारा ले सकती है।

Role of United Kisan Morcha: संयुक्त किसान मोर्चा की भूमिका

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 26 नवंबर से भूख हड़ताल शुरू करने की घोषणा की है। इससे आंदोलन को और धार मिल सकती है। संयुक्त किसान मोर्चा और गैर-राजनीतिक किसान संगठन सरकार के रवैये को लेकर नाराज हैं और जल्द समाधान की मांग कर रहे हैं।

सरकार के सामने विकल्प

1. किसानों को प्रदर्शन के लिए अनुमति देकर आंदोलन को नियंत्रित किया जा सकता है।

2. किसानों की मांगों को लेकर वार्ता की प्रक्रिया शुरू करनी होगी।

3. अगर सरकार सख्ती करती है, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।

6 दिसंबर को दिल्ली कूच किसानों का बड़ा प्रदर्शन हो सकता है। सरकार और पुलिस को इस बार संवेदनशील और रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाना होगा, ताकि किसानों के साथ टकराव की स्थिति न बने और समाधान का रास्ता निकले।

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