Mnrega me kam kaise paye: हरियाणा समेत देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के अवसर बढ़ाने और विकास को प्रोत्साहित करने हेतु सरकारी द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत विभिन्न रोजगार योजनाएं चलाई जा रही हैं। मनरेगा का उद्देश्य प्रत्येक परिवार को एक साल में 100 दिनों का काम उपलब्ध कराना है जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके।
Mgnrega me kam kaise paye: मनरेगा योजना के उद्देश्य
1. रोजगार सुनिश्चित करना – ग्रामीण परिवारों को उनकी मांग के अनुसार एक साल में 100 दिनों तक का रोजगार उपलब्ध कराना।
2. अजीविका संसाधनों का विकास – गरीब परिवारों के आर्थिक आधार को सुदृढ़ करना।
3. सामाजिक समावेश – सभी वर्गों को रोजगार प्रदान कर सामुदायिक समावेश को सुनिश्चित करना।
4. पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाना – योजना के कार्यान्वयन में पंचायती राज संस्थाओं की प्रमुख भूमिका सुनिश्चित करना।
मनरेगा योजना की मुख्य विशेषताएं
1. अधिकार आधारित ढांचा
Mnrega job card का अधिकार – प्रत्येक ग्रामीण परिवार जॉब कार्ड प्राप्त करने का पात्र है। इस कार्ड में परिवार के सभी 18 साल से ऊपर के सदस्यों के नाम और फोटो शामिल होते हैं और यह मनरेगा के तहत कार्य करने के लिए आवश्यक कानूनी दस्तावेज है।
Mnrega me kam kaise mange: कार्य की मांग – नरेगा/ मनरेगा जॉब कार्डधारक परिवार को काम के लिए आवेदन करने का अधिकार है। जब कोई काम की मांग करता है तो उसे तारीख और समय लिखी हुई रसीद दी जाएगी और उसके 15 दिनों के भीतर काम उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी एजेंसी की होगी।
बेरोजगारी भत्ता – यदि नरेगा में 15 दिन में काम नहीं मिल पाता, तो 15 दिनों के बाद बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने का अधिकार है।
Mnrega me kam kaise paye: मशीनों और ठेकेदारों का उपयोग निषेध – नरेगा के काम में किसी भी प्रकार की मशीनरी या ठेकेदार का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
3. Mnrega me kam kaise paye: पंचायतों की भूमिका ( nrega me panchayato ki bhumika)
ग्राम पंचायत की भूमिका – मनरेगा/ नरेगा योजना निर्माण, निगरानी और कार्यान्वयन में ग्राम पंचायत की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ग्राम सभा की सिफारिश के आधार पर ही कार्यों की शुरुआत होती है।
4. Mnrega me kam kaise paye: नरेगा में काम के स्थान पर मिलेंगी ये सुविधाएं (nrega me kam k sath suvidhaye)
सभी कार्यस्थलों पर साफ पीने का पानी, प्राथमिक चिकित्सा किट और छाया की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, 6 वर्ष से कम उम्र के 5 या अधिक बच्चों की देखभाल के लिए आया की व्यवस्था भी उपलब्ध है।
5. नरेगा में महिला सशक्तिकरण (nrega/ mgnrega me mahila)
महिलाओं की भागीदारी – योजना के तहत लाभार्थियों में कम से कम एक तिहाई महिलाओं का शामिल होना आवश्यक है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सशक्त किया जा सके।
Mnrega panjikaran/nrega panjikaran kaise kare: पंजीकरण प्रक्रिया
पंजीकरण आवेदन – मनरेगा में काम के लिए पंजीकरण का आवेदन स्थानीय ग्राम पंचायत में किया जा सकता है। आवेदन इकाई के रूप में पूरे घर के लिए होता है और पंचायत द्वारा मांग आधारित कार्यों की सूची तैयार की जाती है।
Mnrega me kaam ka adhikar: काम का अधिकार – प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को 5 किलोमीटर के भीतर कार्य प्राप्त करने का अधिकार है।
Mnrega me workers ke adhikar: नरेगा में श्रमिकों के अधिकार
कार्यस्थल पर श्रमिकों को निम्नलिखित बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं:
सुरक्षित पेयजल – सभी कार्यस्थलों पर सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था।
छाया – श्रमिकों और उनके बच्चों के लिए छाया की सुविधा।
प्राथमिक चिकित्सा किट – मामूली चोटों के आपातकालीन उपचार के लिए प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध।
बच्चों की देखभाल – कार्य स्थल पर 6 वर्ष से कम आयु के 5 या अधिक बच्चों की देखभाल हेतु आया की व्यवस्था।
Mnrega me daily ki dihadi: देखिए किस राज्य में कितनी है डेली की दिहाड़ी
भारत में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दैनिक मजदूरी दरें अलग-अलग हैं। आंध्र प्रदेश में यह 300 रूपये, अरुणाचल प्रदेश में 234 रूपये, असम में 249 रुपये, बिहार में 245 और छत्तीसगढ़ में 243 रूपये है।
गोवा में 356, गुजरात में 280, हरियाणा में 374, हिमाचल प्रदेश के गैर-अनुसूचित क्षेत्रों में 236 रूपये और अनुसूचित क्षेत्रों में 295 रूपये है। जम्मू और कश्मीर व लद्दाख में 259 रूपये, झारखंड में 245, कर्नाटक में 349 और केरल में 346 रूपये है। वहीं मध्य प्रदेश में यह 243 रूपये, महाराष्ट्र में 297, मणिपुर में 272, मेघालय में 254, मिज़ोरम में 266, नागालैंड में 234, ओडिशा में 254, पंजाब में 322, राजस्थान में 266 और सिक्किम में 249 रूपये हर रोज की दिहाड़ी मिलती है, जबकि सिक्किम के ग्यातांग, लाचुंग और लाचेन पंचायतों में 374 रूपये प्रतिदिन के काम के मिलते हैं।
तमिलनाडु और पुडुचेरी में 319, तेलंगाना में 300, त्रिपुरा में 242, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 237 और पश्चिम बंगाल में 250 रूपये एक दिन के काम के मिलते हैं। इसके अलावा अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में अंडमान जिले के लिए 329 रूपये और निकोबार जिले के लिए 374 रूपये प्रतिदिन के काम के मिलते हैं। चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में 324 रूपये जबकि लक्षद्वीप में 315 रूपये एक दिन के काम की दर है।
Mnrega me shikayat kaise kare: शिकायत निवारण के लिए टॉल-फ्री नंबर
यदि किसी भी प्रकार की समस्या या शिकायत होती है, तो ग्रामीण श्रमिक 1800-180-2288 पर कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा, संबंधित खंड विकास और पंचायत अधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सरकार इस दिशा में लगातार प्रयासरत है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के साधनों में वृद्धि हो और वहां के निवासियों का जीवन स्तर बेहतर हो सके।