Indian Economy Boost:नई दिल्ली: भारत की मजबूत आर्थिक बुनियाद और इसकी तेज वृद्धि दर ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। जापान टाइम्स के एक हालिया लेख के अनुसार, 2025 तक भारत जापान को पछाड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। यह बात कैपिटल इकोनॉमिक्स के एशिया-प्रशांत क्षेत्र प्रमुख मार्केल थिलिएंट और अन्य अर्थशास्त्रियों के विश्लेषणों के आधार पर कही गई है।
IMF और S&P का सकारात्मक अनुमान
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अनुमान लगाया है कि 2025 के अंत तक भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 4.339 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा, जो जापान की 4.310 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से अधिक होगा। इसके साथ ही, रेटिंग एजेंसी S&P ग्लोबल रेटिंग्स का अनुमान है कि 2027 तक भारत की वार्षिक वृद्धि दर 6.5-7 प्रतिशत रहेगी, जो देश में बुनियादी ढांचे में सुधार और बढ़ती निजी खपत के कारण संभव हो सकेगा।
2030 तक भारत का और मजबूत स्थान
S&P का मानना है कि भारत की यह बढ़ती आर्थिक ताकत 2030 तक जारी रहेगी, जिससे वह वैश्विक परिदृश्य में प्रमुख स्थान प्राप्त करेगा। भारत के विभिन्न देशों के साथ अपने रुपये में व्यापार करने से इसका प्रभाव और भी मजबूत हो रहा है, जो इसे एक नई व्यापारिक शक्ति के रूप में स्थापित कर रहा है।
एशिया पावर इंडेक्स में जापान से आगे निकला भारत
एशिया पावर इंडेक्स में भारत पहले ही जापान को पछाड़ते हुए तीसरी सबसे बड़ी शक्ति बन चुका है। भारत के बढ़ते भू-राजनीतिक कद को दर्शाते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि भारत ने आर्थिक, सैन्य और कूटनीतिक प्रभाव के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। यह वैश्विक स्तर पर भारत की मजबूत स्थिति को दर्शाता है, जिससे यह अन्य विकसित देशों के बराबर अपनी पहचान बना रहा है।

बढ़ती आर्थिक क्षमता का संकेत
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारत ने वर्ष 2000 के बाद से लगातार आर्थिक सुधारों और विकास के माध्यम से अपनी आर्थिक क्षमता में बढ़ोतरी की है। वर्ष 2022 में भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया था, और अब 27 देशों के साथ रुपये में व्यापार करते हुए इसका वैश्विक व्यापारिक कद बढ़ रहा है। भारत की आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता के साथ ही वैश्विक स्तर पर बढ़ती महत्ता इसे एक प्रमुख शक्ति बनाने की ओर अग्रसर कर रही है।