हरियाणा के जींद जिले का छोटा सा गांव नंदगढ़ बास्केटबॉल का हब (Basketball hub Haryana) माना जाता है । यहां आठ साल पहले तक बच्चों व युवाओं को बास्केटबाल, नेटबाल, कोर्फबाल जैसे खेल के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन आज नंदगढ गांव से 100 से ज्यादा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर बास्केटबॉल में चमक चुके हैं।
इस सब का श्रेय जाता है कोच अनिल आर्य (Anil Arya Nandgarh) को। अनिल आर्य ने सरकार और ग्रामीणों के सहयोग से नंदगढ़ गांव को बास्केटबाल, नेटबाल व कोर्फबाल का हब बना दिया है। वर्तमान में भी यहां करीब 120 खिलाड़ी बास्केटबाल, नेटबाल का अभ्यास करने आते हैं।
करीब आठ वर्ष पहले भंभेवा निवासी कोच अनिल आर्य ने नंदगढ़ गांव की खेल नर्सरी में बच्चों को खिलाने के लिए अभ्यास शुरू किया था। उस समय बच्चों को न तो बास्केटबाल और न ही नेटबाल तथा कोर्फबाल के बारे में कुछ पता था। लड़कियां तो किसी भी खेल में आगे नहीं आ रही थी। कोच अनिल आर्य बच्चों के माता-पिता, दादा से मिले और खेलों के महत्व के बारे में बताया। छोटे बच्चों को खेलना शुरू करवाया।
Basketball hub Haryana: कोच अनिल आर्य ने तैयार की खिलाड़ियों की पौध
बच्चे कुछ दिन खेलने के लिए आते लेकिन फिर छोड़ जाते। इस पर अनिल आर्य बच्चों को घर से बुलाकर लाते। खिलाड़ियों को खेल की बारीकियां बताते। धीरे-धीरे बच्चे खेल में रूचि लेने लगे और उनके पास बच्चों की संख्या बढ़ने लगी। इसके बाद लड़कियों ने भी बास्केटबाल, नेटबाल और कोर्फबाल खेलना शुरू कर दिया।
शुरूआत में खेल मैदान में लड़कियों के पिता या दादा भी साथ आते लेकिन इसके बाद कोच पर विश्वास हुआ। कोच अनिल ने भी ग्रामीणों के विश्वास पर खरा उतरते हुए खिलाड़ियों की फौज खड़ी कर दी।
एशियय चैंपियनशिप में भाग ले चुके खिलाड़ी
कोच अनिल आर्य का कहना है कि उनकी खिलाड़ी अमन, तन्नू, तुषार कोर्फबाल एशियन चैंपियनशिप में भाग ले चुकी हैं तो वहीं मधु, नेहा, तन्नू, पूजा, निकिता, दिव्या, रौनक, तन्नू राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। इसके अलावा राज्य स्तर तक 60 से ज्यादा पहुंच चुके हैं। वर्तमान में उनके पास 120 से ज्यादा खिलाड़ी (Basketball hub Haryana jind village )अभ्यास कर रहे हैं। इनमें बास्केटबाल, नेटबाल व कोर्फबाल के खिलाड़ी हैं।
जिले में एक खेल के सबसे ज्यादा खिलाड़ी यहीं पर हैं। अनिल आर्य (Coach Anil arya jind) ने कहा कि सरकार की तरफ से खेलों में सुधार के लिए पूरी सहायता मिली। ग्रामीणों का साथ मिला, जिसके बल पर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।
अनिल ने बताया कि शुरूआत में उनके पास केवल नंदगढ़ के खिलाड़ी आते थे लेकिन अब साथ लगते गांव सिरसा खेड़ी से भी खिलाड़ी अभ्यास के लिए आने लगे हैं।