Masoom sharma singer : हरियाणा सरकार द्वारा गन कल्चर (gun culture) को बढ़ावा देने वाले गानों को यूट्यूब पर भारत में बैन करना शुरू कर दिया है। हरियाणवी कलाकार जींद जिले के जुलाना से मासूम शर्मा के गानों को भी डिलीट किया जा रहा है। इस पर मासूम शर्मा का दर्द छलका है।
मासूम शर्मा (masoom sharma singer) ने अपने सोशल मीडिया पेज पर लाइव आकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगर सरकार चाहती है कि ऐसे गानें न बनें तो वह सरकार के साथ हैं लेकिन इस मामले में कार्रवाई बिना भेदभाव के होनी चाहिए। उसे टारगेट करते हुए केवल उसके गानों को ही डिलीट किया जा रहा है, जबकि यूट्यूब पर हजारों इस तरह के गानें हैं।
मासूम शर्मा ने कहा कि अगर सरकार गन कल्चर को बढ़ावा देने वाले गानों की सफाई कर रही है तो फिर छांट-छांटकर नहीं, एक समान कार्रवाई करे। किसी एक व्यक्ति विशेष के कहने पर उनके सबसे ज्यादा हिट गानों को डिलीट करवाया जा रहा है। यह व्यक्ति विशेष हरियाणा के कलाकारों को आगे बढ़ते नहीं देख सकता। सूरजकुंड मेले में इस व्यक्ति ने केडी दनौदा का शो कैंसिल करवा दिया था।

मासूम शर्मा ने कहा कि उसके टयूशन बदमाशी का, 60 मुकदमे, खटोला गाने को यूट्यूब पर बैन करवा दिया गया। जानबूझकर उसे टारगेट किया जा रहा है। हालांकि नरेंद्र भगाना और अंकित बालियाण के भी एक-एक गाने को हटाया गया है, ताकि ये न लगे कि केवल उसी के गाने हटाए जा रहे हैं।
मासूम ने कहा कि इन सबसे ज्यादा हिट गानों को ही बैन करवाया गया, उसके तो और भी सैकड़ों गाने हैं, बेशक उन्हें भी हटा दिया जाए लेकिन उनके गानों को तो बदमाशी का गाना बोलकर हटवाया जा रहा है जबकि कुछ कलाकार फॉक गाने बोलकर अश्लीलता परोस रहे हैं, उन पर भी तो रोक लगे।
अगर उनके गानों से हरियाणवी युवा दिशा भ्रमित हो रहा है तो भाभियों, बहुओं, लड़कियों पर जो कलाकार गाने बना रहे हैं, उनसे भी तो समाज पर दुष्प्रभाव पड़ता है। क्या ये गाने सही हैं, उन पर किसी को दिक्कत क्यों नहीं है। मासूम ने कहा कि न जाने कितने डबल मिनिंग गाने चल रहे हैं। वह भजन गाकर अपना काम चला लेंगे लेकिन सरकार सफाई करना चाहती है तो ढंग से करे।
मासूम ने कहा, अगर हरियाणवी बंद होंगे तो यूथ पंजाबी गाने सुनेगी
मासूम शर्मा ने कहा कि आज से 10-12 साल पहले तक हरियाणा के लोग पंजाबी गाने सुनते थे। उनमें भी गन कल्चर है। हरियाणवी इंडस्ट्री को विकसित करने के लिए उन समेत हरियाणा के कलाकारों ने जी-जान से मेहनत की और आज पंजाब के बराबर हरियाणा की इंडस्ट्री को खड़ा किया। अब अगर हरियाणवी गाने बैन कर देंगे तो यूथ पंजाबी गाने सुनेगी। उन्हें तो सुनना है।
अब हरियाणवी फिल्में कम हैं तो युवा साउथ की फिल्में देख रहे हैं। ऐसे ही हमारे गाने बैन हुए तो युवा पंजाबी सुनेंगे। सरकार को पंजाबी समेत दूसरे गन कल्चर को बढ़ावा देने वाले गाने भी बैन करने चाहिएं। केवल हरियाणावी कलाकारों के पेट पर लात नहीं मारनी चाहिए।
कलाकार बिरादरी के ही कुछ गंदे लोग करवा रहे
मासूम शर्मा ने कहा कि कलाकार बिरादरी से ही कुछ गंदे लोग सरकार में जाकर ऐसे पद पर बैठ गए हैं, जिन्हें न तो कलाकार की कद्र है और न ही कलाकारी की। आज तक इन्होंने हरियाणवी इंडस्ट्री के लिए कुछ नहीं किया।

ये कुछ लोग सरकार को लिस्ट बनाकर देते हैं कि इन गानों को डिलीट करो। मासूम शर्मा ने कहा कि उसका सरकार में एक पद पर बैठे उस व्यक्ति के साथ 36 का आंकड़ा है, इसलिए केवल उसी के गानों को टारगेट किया जा रहा है।
सरकार को बिना भेदभाव के करनी चाहिए कार्रवाई
मासूम शर्मा ने कहा कि सरकार में बैठे कुछ गंदे लोग उसके कुछ गाने डिलीट करवाकर सरकार के गुमराह कर रहे हैं। सीएम और आईएएस को इतनी फुर्सत नहीं है कि वह एक-एक गाना छांटें लेकिन इन गानों को छांटने के लिए ऐसे व्यक्ति की जिम्मेदारी लगानी चाहिए, जो नि:श्वार्थ भाव से काम करे। बड़े अधिकारियों को इसे समानता से देखना चाहिए। मासूम ने कहा कि उन्होंने जो गाने बनाए हैं, वह सरकार की पॉलिसी का वायलेंस नहीं कर रहे।
सैकड़ों लोगों को मिल रहा हरियाणवी इंडस्ट्री से रोजगार
मासूम शर्मा ने कहा कि हरियाणवी इंडस्ट्री से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिल रहा है। जब गाने की शूटिंग होती है तो कैमरा टीम, स्टंट वाला, स्पॉट ब्वाय, लाइट ब्वाय समेत 100 से ज्यादा लोगों को काम मिलता है।
महीने में 25 दिन शूटिंग चलती है तो इन्हें प्रतिदिन 800 से 1000 रुपए का मेहनताना मिलता है। अगर उनका काम बंद हो गया तो क्या सरकार इन लोगों को रोजगार दे देगी। मासूम शर्मा ने कहा कि अगर सरकार बिना किसी भेदभाव के काम करती है तो उन्हें किसी तरह का ऐतराज नहीं है। वह बदमाशी के गाने छोड़ भजन तक गा लेंगे। लाइव शो कर लेंगे।