वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन: अप्रैल 2025 से छात्रों और शोधकर्ताओं को मिलेगा One Nation One Subscription का फ्री एक्सेस

Anita Khatkar
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One Nation One Subscription: नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शिक्षा और शोध के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए “वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन” योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत, देशभर के 1.8 करोड़ छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों को 13,000 वैश्विक वैज्ञानिक जर्नल्स का फ्री एक्सेस मिलेगा। यह सुविधा यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) के इन्फ्लिबनेट नेटवर्क के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।

क्या है योजना?

वैश्विक जर्नल्स का असीमित एक्सेस: सरकार दुनिया के 85% जर्नल प्रकाशित करने वाले 30 प्रमुख प्रकाशकों के साथ करार कर चुकी है। अन्य प्रकाशकों से बातचीत जारी है।

फ्री एक्सेस: इस योजना के तहत सभी छात्रों, शोधकर्ताओं और फैकल्टी को फ्री में जर्नल्स का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी।

कैसे मिलेगा लाभ?

योजना 3 चरणों में लागू होगी:

1. पहला चरण: अप्रैल 2025 से केंद्रीय और राज्य स्तर के उच्च शिक्षण संस्थानों और केंद्रीय अनुसंधान संस्थानों को शामिल किया जाएगा।

2. दूसरा चरण: अप्रैल 2026 में अन्य संस्थानों को जोड़ा जाएगा।

3. तीसरा चरण: अप्रैल 2027 तक सभी लाइब्रेरी और संस्थानों में यह सुविधा उपलब्ध होगी।

One Nation One Subscription: लागत और प्रभाव

सरकार ने 2025-27 के लिए इस योजना पर 6,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया है, जिसमें हर साल 2,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। IIM-मुंबई के अध्ययन के अनुसार, इस योजना से शोध लागत में 18% तक की कमी आएगी। पायलट प्रोजेक्ट में देखा गया कि जहां पहले केवल 56.7 लाख छात्र जर्नल्स का उपयोग कर रहे थे, वहीं योजना लागू होने के बाद यह संख्या 177.82 लाख हो गई। पहले 2,360 संस्थानों में 8,079 जर्नल्स पढ़े जा रहे थे।एक्सेस मिलने के बाद 6,316 संस्थानों में 12,957 जर्नल्स तक पहुंच बढ़ गई।

कौन होगा लाभार्थी?

PHD छात्र और शोधकर्ता: जो वेब ऑफ साइंस जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं।

शिक्षक और फैकल्टी: जो अध्यापन और शोध कार्य में लगे हैं।

वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन: अप्रैल 2025 से छात्रों और शोधकर्ताओं को मिलेगा One Nation One Subscription का फ्री एक्सेस
वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन: अप्रैल 2025 से छात्रों और शोधकर्ताओं को मिलेगा One Nation One Subscription का फ्री एक्सेस

शोध और शिक्षा को नई दिशा

इस योजना से वैज्ञानिक शोध में गति मिलेगी, रिसर्च की लागत कम होगी और छात्रों व शोधकर्ताओं को नवीनतम ज्ञान तक पहुंचने में आसानी होगी। “वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन” भारतीय शिक्षा और शोध क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।

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