Khadalwa village : हरियाणा के अनोखा गांव, जहां केवल 3 वोटर, बड़े-बड़े नेता यहां आकर झुकाते हैं शीश, जानें पूरी जानकारी

Anita Khatkar
By Anita Khatkar
Khadalwa village : हरियाणा के अनोखा गांव, जहां केवल 3 वोटर, बड़े-बड़े नेता यहां आकर झुकाते हैं शीश, जानें पूरी जानकारी
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Khadalwa village: हरियाणा के कैथल जिले में एक गांव है जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे। यह गांव न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश में एक मिसाल है। कैथल जिले के खडालवा गांव में न तो कोई घर है, न ही कोई स्थाई निवासी, फिर भी सरकारी दस्तावेज़ों में इसे पूर्ण गांव का दर्जा मिला हुआ है। और चौंकाने वाली बात यह है कि इस गांव में केवल तीन मतदाता हैं, लेकिन न कभी किसी चुनाव में इन्होंने मत का उपयोग किया और न ही यहां किसी चुनाव का आयोजन हुआ।

Khadalwa village:बिना आबादी का गांव, तीन मतदाता फिर भी गांव का दर्जा

खडालवा गांव में भले ही कोई स्थाई आबादी नहीं हो, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार यह गांव एक पूर्ण गांव है। इस गांव में सिर्फ तीन वोटर हैं — मंदिर के मुख्य पुजारी महंत रघुनाथ गिरी, उनके शिष्य लाल गिरी और आत्मा गिरी। यही तीन लोग यहां के आधिकारिक मतदाता हैं। लेकिन इस गांव की खासियत केवल इतनी ही नहीं है। इस गांव का अस्तित्व भगवान शिव के प्राचीन मंदिर से जुड़ा हुआ है, जिसे पातालेश्वर और खट्वांगेश्वर नाम से जाना जाता है।

महंत रघुनाथ गिरी के अनुसार, Khadalwa village का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। इसका संबंध श्रीराम के वंशजों से बताया जाता है। पुरातात्विक खोजों के दौरान यहां से मिट्टी के बर्तन, प्राचीन दीवारों के अवशेष, औजार और मानव जीवन से जुड़ी वस्तुएं मिली हैं, जो इस बात का प्रमाण हैं कि इस गांव में कभी एक समृद्ध संस्कृति बसी हुई थी।

Khadalwa village: शकों और हूणों के हमलों ने किया गांव को तबाह

महंत रघुनाथ गिरी बताते हैं कि किसी समय में यह गांव एक समृद्ध और विकसित बस्ती थी, लेकिन शकों और हूणों के हमलों के बाद यह गांव पूरी तरह से उजड़ गया और फिर कभी आबाद नहीं हुआ। अब इस गांव में बस एक प्राचीन शिव मंदिर है, जिसे हज़ारों वर्षों से पूजा जाता है। गांव के नाम 16 एकड़ कृषि और गैर-कृषि भूमि दर्ज है, जिसमें से ज्यादातर जमीन का उपयोग गोशाला और मंदिर के भंडारे के लिए किया जाता है।

Khadalwa village: मंदिर की विरासत, भगवान शिव हैं सरपंच

इस गांव का सबसे रोचक तथ्य यह है कि सरकारी रिकॉर्ड में गांव की समस्त भूमि भगवान शिव के नाम पर दर्ज है। यहां के लोग भगवान शिव को ही गांव का सरपंच और पंच मानते हैं। गांव में कभी कोई सरपंची चुनाव नहीं हुआ, और न ही किसी प्रकार का प्रशासनिक विवाद। गांव की सारी जिम्मेदारी मंदिर के पुजारी संभालते हैं, और जब किसी प्रशासनिक कार्य की जरूरत होती है, तो पास के मटौर गांव के नंबरदार को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाती है।

Khadalwa village: 16 एकड़ भूमि और सरकारी सुविधाएं

गांव की 16 एकड़ भूमि में से कुछ भाग को चारे के लिए और कुछ को गेहूं व धान की फसल उगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यहां स्थित धर्मशाला में कोई भी व्यक्ति तीन दिन तक मुफ्त में ठहर सकता है, हालांकि अधिक दिनों के लिए पुजारी की अनुमति लेनी होती है।

गांव में सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सहकारी बैंक, गोशाला, अस्थाई बस स्टैंड और दो सड़कें बनी हुई हैं। यह सभी सुविधाएं गांव की जमीन पर हैं। हालांकि गांव में एक भी निवासी नहीं है, फिर भी यह सभी सरकारी सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं।

Khadalwa village: स्कूल, जहां गांव के बच्चे नहीं पढ़ते

गांव का सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भी अपने आप में अनोखा है। इस स्कूल में गांव का कोई बच्चा नहीं पढ़ता, क्योंकि गांव में कोई आबादी ही नहीं है। यह स्कूल पूरी तरह से दूसरे गांवों के बच्चों के लिए है, और यहां के शिक्षकों के परिश्रम के कारण स्कूल का प्रदर्शन अन्य स्कूलों से बेहतर है।

Khadalwa village: प्रशासनिक सुविधाएं, फिर भी सरकारी योजनाओं से दूरी

महंत रघुनाथ गिरी बताते हैं कि गांव में भले ही कोई सरपंच और पंच न हो, फिर भी सभी प्रशासनिक व्यवस्थाएं पूरी तरह से सही ढंग से चल रही हैं। उनके पास वोटर कार्ड, आधार कार्ड और अन्य सभी जरूरी दस्तावेज़ मौजूद हैं। लेकिन उन्होंने आज तक किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं लिया।

Khadalwa village: इतिहास में दबा खडालवा गांव

खडालवा गांव का अस्तित्व केवल इतिहास में ही सीमित नहीं है, बल्कि यहां आज भी पुरानी सभ्यता के अवशेष देखे जा सकते हैं। खुदाई के दौरान यहां से मिट्टी की चूड़ियां, प्राचीन दीवारों के अवशेष और मानव जीवन से जुड़ी अन्य वस्तुएं मिली हैं। महंत रघुनाथ गिरी के अनुसार, यहां का शिव मंदिर लगभग पांच हजार साल पुराना है और यह प्राचीन संस्कृति का केंद्र रहा है।

Khadalwa village: नेताओं के लिए श्रद्धा का केंद्र

गांव में कोई स्थाई निवासी न होने के बावजूद, यह स्थान नेताओं और जनप्रतिनिधियों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। बड़े-बड़े नेता यहां आकर मंदिर में शीश झुकाते हैं और आशीर्वाद लेते हैं। गांव का यह अनोखा अस्तित्व और शिव मंदिर की मान्यता इसे धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाती है।

Kaithal जिले का खडालवा गांव न केवल अपने अद्वितीय इतिहास और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, बल्कि यह अपने आप में एक अनूठी मिसाल भी है। बिना आबादी के, बिना किसी घर के, और सिर्फ तीन मतदाताओं के बावजूद, यह गांव पूरी तरह से सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है। गांव के सारे प्रशासनिक कामकाज बिना किसी परेशानी के चल रहे हैं, और गांव का अस्तित्व शिव मंदिर के पवित्र आंचल में समाहित है।

Khadalwa village का अनोखापन इसे न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी एक अद्वितीय स्थान बनाता है।

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