Prepaid Bijli Meter: हरियाणा में प्रीपेड मीटर योजना पर मचा बवाल: सरकारी दफ्तरों से होगी शुरुआत, हरियाणा में भी लागू होगी नई योजना

Anita Khatkar
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Prepaid Bijli Meter: कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने देशभर में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने की योजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य बिजली बिलों में पारदर्शिता लाना और बिजली चोरी को रोकना था। लेकिन इस योजना के प्रति आम जनता के विरोध को देखते हुए केंद्र ने एक नया कदम उठाया है- अब सबसे पहले प्रीपेड मीटर सरकारी दफ्तरों में लगाए जाएंगे। हरियाणा में भी इस योजना को लागू करने की तैयारी हो रही है और बिजली विभाग इस पर तेजी से काम कर रहा है।

Prepaid Bijli Meter: हरियाणा में 30 लाख प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य

शुक्रवार को केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें बिजली विभाग की कई योजनाओं पर चर्चा की गई। इस दौरान हरियाणा में प्रीपेड मीटर लगाने के लक्ष्य पर भी बात हुई। प्रदेश में 30 लाख प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन लोगों के विरोध के चलते योजना अधर में लटक गई थी।

Prepaid Bijli Meter: पानीपत से गुरुग्राम तक विरोध का असर

हरियाणा के प्रमुख जिलों जैसे पानीपत, पंचकूला, करनाल, फरीदाबाद और गुरुग्राम में शुरूआत में 10 लाख प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। बजट भी जारी कर दिया गया था और प्रीपेड मीटर के इस्तेमाल पर बिजली दरों में 5% की रियायत देने का फैसला भी लिया गया था। इसके बावजूद, लोगों ने इस योजना का विरोध किया और इस कारण प्रोजेक्ट को रोकना पड़ा।

Prepaid Bijli Meter: हरियाणा में प्रीपेड मीटर योजना पर मचा बवाल: सरकारी दफ्तरों से होगी शुरुआत, हरियाणा में भी लागू होगी नई योजना
Prepaid Bijli Meter: हरियाणा में प्रीपेड मीटर योजना पर मचा बवाल: सरकारी दफ्तरों से होगी शुरुआत, हरियाणा में भी लागू होगी नई योजना

बिजली कंपनियों की होगी पब्लिक लिस्टिंग

अब सरकार का फोकस कमर्शियल और औद्योगिक संस्थानों के साथ शिक्षण संस्थानों में प्रीपेड मीटर लगाने पर होगा। उम्मीद है कि जब आम उपभोक्ताओं को इसके लाभ समझ आएंगे, तो वे स्वयं इन मीटरों की मांग करेंगे। इसके अलावा, प्रदेश की जिन बिजली कंपनियों की ग्रेडिंग ए-प्लस है, उनकी पब्लिक लिस्टिंग भी की जाएगी ताकि वित्तीय स्थिति को और मजबूत किया जा सके।

Prepaid Bijli Meter: मुख्यमंत्री रहते हुए मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में बिजली विभाग में बड़े सुधार हुए, जिससे लाइन लॉस 34% से घटकर 11% रह गया है। इससे बिजली कंपनियों का प्रदर्शन सुधरकर वे ए-प्लस श्रेणी में आ गई है।

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