जींद रेलवे जंक्शन पर सुविधाओं का लगातार (railway news) विस्तार हो रहा है। अब जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक व दो के बीच में वाटर हाइड्रेंट का काम शुरू हो गया है। वाटर हाइड्रेंट के अलावा कुछ और मेंटेनेंस के कार्यों पर करीब एक करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी।
वाटर हाइड्रेंट (water hydrant) बनने के बाद भविष्य में बिना अनुरक्षण के दिल्ली में खड़ी ट्रेनों के जींद तक विस्तार की संभावना बनेगी। इससे यात्रियों को काफी फायदा होगा। दैनिक रेलयात्री वेलफेयर एसोसिएशन पिछले काफी समय से इसके लिए प्रयास कर रही थी।
फिलहाल रेलवे जंक्शन के प्लेटफार्म पर वाटर हाइड्रेंट (jind railway station water hydrant) की काेई सुविधा नहीं थी। मिल्ट्री ट्रेनों समेत जिन ट्रेनों में पानी भरवाना होता तो उन ट्रेनों को प्लेटफार्म के ट्रैक से हटाकर वाशिंग लाइन पर लेकर जाना पड़ता और इसके बाद उनमें पानी भरा जाता। इससे रेलवे पर वित्तीय असर पड़ रहा था तो वहीं समय भी ज्यादा लग जाता।
अब प्लेटफार्म नंबर एक व चार के बीच वाटर हाइड्रेंट का काम शुरू हो गया है। इसके तहत प्लेटफार्म नंबर एक व दो के बीच नीचे भूमिगत पाइप लाइन दबाकर उनके ऊपर स्टैंड बनाए जाएंगे। उन स्टैंड पर (railway news) हुक हाेगा, जिसके जरिये सीधे ट्रेन में पानी भरा जा सकेगा।
ये स्टैंड पिल्लर टाइप के होंगे। उत्तर रेलवे पीआरओ अजय माइकल का कहना है कि जंक्शन पर कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इनमें वाटर हाइड्रेंट का काम भी शामिल है।

Railway news : तीन साल से प्रयास कर रही एसोसिएशन
दैनिक रेलयात्री वैलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सुरेश पांचाल, सचिव सुरेंद्र कुमार, सुरेंद्र शाहपुर, विनोद गर्ग ने बताया कि तीन साल पहले उन्होंने जंक्शन पर वाटर हाइड्रेंट बनाने की मांग की थी और इसे लेकर डीआरएम दिल्ली डिवीजन कार्यालय में मांग पत्र दिया था।
सुरेंद्र कुमार ने बताया कि उनकी मांग पर रेल अधिकारियों का सकारात्मक रवैया रहा। इसके बाद लगातर पत्राचार के बाद आखिरकार उनकी मांग पूरी हो गई। सुरेंद्र कुमार ने बताया कि जंक्शन पर वाटर हाइड्रेंट बनने के बाद दिल्ली में जो गाड़ियां बिना अनुरक्षण के खड़ी हैं और सिर्फ पानी भरने के बाद वापस अपने गंतव्य को जाती हैं उनका जींद तक विस्तार होने की संभावना बनेगी।