Bhu-Aadhar card 2024 : देश में नागरिकों के बनेंगे जमीन के आधार कार्ड, जानें भू-आधार के लाभ

Parvesh Malik
By Parvesh Malik
Bhu Aadhaar cards will be made for citizens in the country, know the benefits of Bhu Aadhaar.
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23 जुलाई 2024 को नवनिर्वाजित केंद्र सरकार ने आम बजट केंद्रीय वित्त मंत्री के अगुवाई में (Bhu-Aadhar Card 2024) संसद में पेश किया गया। इस आम बजट में ग्रामीण और शहरी इलाकों में भूमि सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने अहम फैसला लिया है। इस फैसले के तहत ग्रामीण इलाकों में भूमि के लिए विशेष रुप से पहचान संख्या या भू-आधार और सभी शहरी भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण का प्रस्ताव ऱखा है।

सरकार अगले तीन सालों के अंदर ही इन भूमि सुधारों को पूरा करने के लिए राज्यों को वित्तिय सहायता करेगी। ताकि इस फैसले के तहत भू-आधार से जमीन का मालिकाना हक क्लियर होगा और ना ही भूमि से जुड़े नागरिकों में मतभेद औऱ झगड़े होंगे।

भू-आधार (Bhu-Aadhar Card) के बारें में जानें

  • इस केंद्रीय सरकार योजना के तहत ग्रामीण इलाकों की सभी भूमि को 14 अंकों की विशेष पहचान संख्या मिलेगी।
  • पहचान के रुप से भू-आधार के (ULPIN) के नाम से भी पहचाना जाता है।
  • बता दें कि इस योजना में भूमि की पहचान संख्या के साथ सर्वे, मानचित्रण व स्वामित्व और किसानों का पंजीकरण किया जाएगा।

 

  • इस योजना के तहत किसानों को कृषि ऋण मिलने में आसानी होगी और अन्य कृषि सेवाओं में भी सुविधा मिलेगी।
  • यह परियोजना केंद्र सरकार ने भारत के भूमि अभिलेखों को डिजिटल बनाने और एकीकृत भूमि अभिलेख प्रबंधन प्रणाली प्रदान करने के लिए 2008 में आरंभ की थी।
Bhu Aadhaar cards will be made for citizens in the country, know the benefits of Bhu Aadhaar.
Bhu Aadhaar cards will be made for citizens in the country

Bhu-Aadhar Card :आईटी आधारित सिस्टम स्थापित किया जाएगा

केंद्र सरकार के नए आम बजट के मुताबिक, शहरी इलाकों में भूमि अभिलेखों को जीआईएस मैंपिग के साथ डिजिटल किया जाएगा। संपत्ति रिकार्ड प्रशासन, अपडेशन और टैक्स प्रशासन के लिए एक आईटी आधारित सिस्टम स्थापित किया जाएगा। इससे शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति (Bhu-Aadhar Card 2024) में सुधार करने मे यह परियोजना सहायक होगी।

 

भू-आधार कैसे काम करेगा ?

  • सबसे पहले भूखंड को जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल करके जियोटैग किया जाएगा, ताकि इसकी स्पष्ट रुप से भौगोलिक स्थिति की पहचान की जाए।
  • इसके बाद सर्वेक्षणकर्ता भूखंड की सीमाओं का भौतिक सत्यापन और माप करते हैं।
  • फिर इसके बाद भूखंड के लिए भूमि मालिक का नाम, उपयोग श्रेणी, इलाके आदि जैसे डिटेल्स् से संबधित जानकारियों को कॉलेक्ट करेंगे।
  • इस प्रकार सभी कॉलेक्टिंग डिटेल्स को फिर भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली में दर्ज किए जाएंगे।
  • फिर इसके बाद सिस्टम स्वचालित रुप से भूखंड के लिए 14 अंकों का भू-आधार संख्या तैयार कि जाएगी, जो डिजिटल रिकॉर्ड से जुड़ी होगी।

 

भू-आधार के लाभ जानें

  • भू-आधार आपकी भूमि-स्तर मानचित्रण और माप के माध्यम से स्पष्ट रुप से भूमि अभिलेख को सुनिश्चित करेगा।
  • भू-आधार के तहत ही आपके भूखंड पहचान में त्रुटियां दूर होगी, जो अक्सर भूमि संबधित झगड़ो से निजात दिलाएगा।
  • भू-आधार से आप लिंक करके भूमि अभिलेखों तक ऑनलाइन पहुंच सक्षम होगी।
  • भू-आधार के तहत आपके भूखंड से संबंधित संपूर्ण इतिहास और स्वामित्व विवरण को ट्रैक किया जाएगा।
  • भू-आधार के तहत आपके निति निर्माण के लिए केंद्र सरकार को भूमि रिकार्ड यानि डाटा मिल सकेगा।
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