Study Abroad: भारतीय छात्रों के लिए STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स) में करिअर बनाने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश बेहतरीन विकल्प हैं। ये देश एडवांस रिसर्च, इंटर्नशिप और इमिग्रेशन के अवसर प्रदान करते हैं।
अमेरिका: रिसर्च और इनोवेशन में अग्रणी
प्रमुख यूनिवर्सिटीज: MIT और स्टैनफोर्ड जैसी संस्थानों में अत्याधुनिक लैब्स उपलब्ध हैं।
वर्क वीजा: STEM OPT प्रोग्राम के तहत छात्र ग्रेजुएशन के बाद 3 साल तक काम कर सकते हैं।
रिसर्च हब: उच्च गुणवत्ता वाली रिसर्च और इनोवेशन का बड़ा केंद्र।
ब्रिटेन: डिग्री के बाद इंटर्नशिप और वर्क वीजा
प्रमुख यूनिवर्सिटीज: इम्पीरियल कॉलेज और कैम्ब्रिज STEM की पढ़ाई के लिए बेहतरीन हैं।
वर्क वीजा: दो साल का पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा छात्रों को करिअर शुरू करने में मदद करता है।
इंटर्नशिप: STEM डिग्री के बाद इंटर्नशिप के भरपूर अवसर।
कनाडा: स्थायी निवास का रास्ता
प्रमुख यूनिवर्सिटीज: यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो, ब्रिटिश कोलंबिया और मैकगिल।
वर्क परमिट: पोस्ट-ग्रेजुएट वर्क परमिट छात्रों को 3 साल तक काम करने का मौका देता है।
पाथवे टू PR: वर्क परमिट के बाद रेजीडेंसी हासिल करना आसान।
ऑस्ट्रेलिया: आसान इमिग्रेशन नियम
प्रमुख यूनिवर्सिटीज: यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न, ANU और UNSW।
वर्क एक्सपीरियंस: STEM कोर्स में काम का अनुभव अनिवार्य होता है।
स्थायी निवास: आसान इमिग्रेशन नियमों के चलते PR पाना सरल।
स्कॉलरशिप के अवसर
विदेशों में शिक्षा महंगी हो सकती है, लेकिन कई स्कॉलरशिप इसे सुलभ बनाती हैं:
अमेरिका: Fulbright प्रोग्राम।
ब्रिटेन: Chevening स्कॉलरशिप।
कनाडा: Vanier स्कॉलरशिप।
ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलिया अवॉर्ड्स और यूनिवर्सिटी-आधारित स्कॉलरशिप।
इन योजनाओं के जरिये भारतीय छात्रों को विदेशों में बेहतर शिक्षा और करिअर के अवसर मिलते हैं।