Supreme Court Digital: नई दिल्ली: भारत के चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ 10 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, लेकिन जाते-जाते वह सुप्रीम कोर्ट को पूरी तरह डिजिटल बनाने का एक अनमोल तोहफा दे रहे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट 24 घंटे ऑनलाइन काम करता है, जिसमें केस फाइलिंग, फीस जमा करना और जल्दी सुनवाई का अनुरोध करना शामिल है।
Supreme Court Digital: क्या है सुप्रीम कोर्ट का डिजिटलीकरण प्रोजेक्ट?
सुप्रीम कोर्ट ने पेपरलेस कार्यप्रणाली की ओर कदम बढ़ा दिया है, जिससे अब हर काम ऑनलाइन हो गया है। इस डिजिटल प्रोजेक्ट के तहत भारत सरकार ने तीसरे चरण के लिए 7,210 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है, जो 2023 से 2027 तक चलेगा। डिजिटलीकरण का प्रमुख उद्देश्य न्यायपालिका को तेज और सुलभ बनाना है, और इसके लिए चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के नेतृत्व में इसे गति दी गई है।
Supreme Court Digital: 24×7 केस फाइलिंग और अन्य सुविधाएं
सुप्रीम कोर्ट की डिजिटल प्रणाली के तहत, अब वकील और याचिकाकर्ता कभी भी केस दाखिल कर सकते हैं और कोर्ट फीस जमा कर सकते हैं। इसके अलावा, मामले में जल्दी सुनवाई की मांग के लिए सीधे चीफ जस्टिस को ईमेल भेजा जा सकता है। यह सुविधा मुकदमों की सुनवाई को और पारदर्शी और सुगम बना रही है।
Supreme Court Digital: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई में शामिल होने का विकल्प
कोरोना महामारी के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई शुरू हुई थी, जिसे बाद में स्थाई बना दिया गया। आज वादी और वकील देशभर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में शामिल हो सकते हैं, जिससे समय और यात्रा का खर्च भी बचता है।
Supreme Court Digital: वार रूम से हो रही है पूरी प्रक्रिया की निगरानी
सुप्रीम कोर्ट परिसर में एक आधुनिक वार रूम बनाया गया है, जहां से अदालतों में चल रही हर सुनवाई और आने वाले आगंतुकों की पूरी निगरानी होती है। इस वार रूम से 17 अदालतों की रोजाना सुनवाई के 1,100 से अधिक मामलों की देखरेख की जाती है।
सुप्रीम कोर्ट का वैश्विक मुकदमा प्रबंधन में प्रमुख स्थान
सुप्रीम कोर्ट के आईटी हेड के अनुसार, भारतीय सुप्रीम कोर्ट दुनिया का सबसे बड़ा कंटेंट क्रिएटर बन चुका है, जो दुनिया के किसी भी अन्य सुप्रीम कोर्ट से ज्यादा मुकदमों का प्रबंधन करता है। वकील विष्णु शंकर जैन का कहना है कि जस्टिस चंद्रचूड़ के कार्यकाल में ऑनलाइन फाइलिंग प्रणाली ने कोर्ट को राउंड द क्लॉक बना दिया है। केस सुनवाई पर लगते ही इसकी जानकारी एसएमएस और मेल के जरिए दी जाती है, और फैसले की सूचना भी एसएमएस और व्हाट्सएप के माध्यम से मिलती है।
आम जनता के लिए न्याय हुआ सुलभ
डिजिटलीकरण के इस कदम से अब सुप्रीम कोर्ट का न्याय प्रणाली आम जनता के लिए अधिक सुलभ और पारदर्शी हो गई है। जस्टिस चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट का यह डिजिटल परिवर्तन न्यायपालिका में एक नई क्रांति का प्रतीक है, जो इसे भविष्य के लिए तैयार कर रहा है।