U.S. Democracy Crisis In President Election: अमेरिकी चुनाव के सर्वे से बड़ा खुलासा: ट्रंप-कमाला रैली जोरों पर, लोकतंत्र पर संकट के बादल चीनी-ईरानी हैकर्स का साया!

Anita Khatkar
8 Min Read

U.S. Democracy Crisis In President Election: न्यूयॉर्क: आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल में तनाव और मतदाताओं की चिंता का स्तर बढ़ गया है। न्यूयॉर्क टाइम्स और सिएना कॉलेज द्वारा किए गए सर्वेक्षण के नतीजे इस बात को उजागर करते हैं कि देश का अधिकांश नागरिक लोकतंत्र की मौजूदा स्थिति से संतुष्ट नहीं है। सर्वे के अनुसार, 76% अमेरिकी मानते हैं कि अमेरिका में लोकतंत्र खतरे में है, जबकि 45% का कहना है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सही तरीके से काम नहीं हो रहा है। इसके साथ चीनी और ईरानी हैकर्स भी चुनाव में एक्टिव हो रहे हैं। इस चुनावी समर में विभिन्न दलों के नेताओं की ओर से मतदाताओं के बीच एक ऐसा डर पैदा हुआ है कि क्या वर्तमान हालात में लोकतंत्र सुरक्षित है।

U.S. Democracy Crisis In President Election: लोकतंत्र पर खतरे की गूंज

U.S. Democracy Crisis In President Election: न्यूयॉर्क टाइम के खबर के अनुसार सर्वे में 76% अमेरिकी मतदाता मानते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है, जबकि 20% लोग इससे सहमत नहीं हैं। लगभग आधे अमेरिकी (45%) इस बात से असंतुष्ट हैं कि लोकतंत्र सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। यह सर्वे 20 से 23 अक्टूबर के बीच पूरे अमेरिका में 2,516 वोटर्स पर किया गया था। इस सर्वेक्षण के नतीजे चिंताजनक स्थिति की ओर संकेत करते हैं कि मतदाताओं में लोकतंत्र को लेकर असुरक्षा की भावना गहरी होती जा रही है।

Voter Confidence in US Elections: मतदान प्रणाली में विश्वास पर संदेह

U.S. Democracy Crisis In President Election: 2024 के राष्ट्रपति चुनाव परिणामों को लेकर भी अमेरिकी मतदाताओं के बीच संदेह का माहौल है। सर्वे के अनुसार, 78% मतदाताओं को भरोसा है कि चुनाव निष्पक्ष होंगे, लेकिन 17% मतदाता मानते हैं कि चुनाव परिणाम निष्पक्ष नहीं होंगे। 5% ने इस सवाल पर अपनी राय व्यक्त नहीं की। इस बीच, एक और दिलचस्प तथ्य यह उभर कर आया है कि 10 में से 6 अमेरिकी मतदाताओं को डर है कि ट्रम्प चुनाव परिणामों को स्वीकार नहीं करेंगे, यदि वह हार जाते हैं।

Discontent against power: सत्ता के खिलाफ असंतोष

U.S. Democracy Crisis In President Election: इस सर्वे में 62% मतदाताओं ने माना कि सरकार आम जनता के बजाय अपने फायदे के लिए काम कर रही है। उनका मानना है कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों की भलाई करना नहीं है। वर्जीनिया के सामाजिक कार्यकर्ता ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वह और उनके पति अच्छी खासी कमाई के बावजूद तीन बच्चों के साथ मुश्किल से गुजारा कर पाते हैं। उनके अनुसार अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार की जरूरत है, जिससे आम नागरिकों का जीवन सुगम हो सके।

Emphasis on the need for change after election: बदलाव की आवश्यकता पर जोर

58% अमेरिकी मतदाताओं ने माना कि वर्तमान राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था में बड़े बदलाव की जरूरत है। ये बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि राजनीतिक व्यवस्था के स्तर पर भी अपेक्षित हैं। इस बार के चुनाव परिणामों पर अमेरिका के लोकतंत्र के स्वास्थ्य को लेकर देश भर में मतदाताओं की राय साफ दर्शाती है कि उन्हें मौजूदा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है और बदलाव की चाह बढ़ती जा रही है।

Influence of Foreign Hackers on U.S. Elections: चुनाव में साइबर अटैक की आशंका

U.S. Democracy Crisis In President Election: राष्ट्रपति चुनावों के बीच एक नई समस्या उभर कर सामने आई है – चीनी हैकर्स द्वारा साइबर अटैक। माइक्रोसॉफ्ट के साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों ने बताया कि चीनी हैकर्स का एक समूह, जिसे साल्ट टायफून नाम दिया गया है, ने अमेरिकी टेलीकॉम कंपनियों को निशाना बनाया है। यह माना जा रहा है कि इस समूह का लक्ष्य चुनाव अभियान की गोपनीय जानकारी एकत्रित करना है। अधिकारियों का मानना है कि हैकर्स के निशाने पर राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार और उनके सहयोगी हो सकते हैं।

Who is the target of hackers in US election? हैकर्स के निशाने पर कौन?

माइक्रोसॉफ्ट ने चीनी हैकर्स के लिए टायफून नाम का उपयोग किया है, जबकि ईरानियों के लिए सैंडस्टॉर्म और रूसी हैकर्स के लिए ब्लिजार्ड का नाम दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, हैकर्स ने कई प्रमुख नेताओं, राजनेताओं और प्रभावशाली अमेरिकियों की जानकारी हासिल करने की कोशिश की है। इस घटनाक्रम से संबंधित सुरक्षा अधिकारियों ने अपनी चिंता व्यक्त की है और यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है कि हैकर्स के प्रयास नाकाम हों।

U.S. Democracy Crisis In President Election: अमेरिकी चुनाव के सर्वे से बड़ा खुलासा: ट्रंप-कमाला रैली जोरों पर, लोकतंत्र पर संकट के बादल चीनी-ईरानी हैकर्स का साया!
U.S. Democracy Crisis In President Election: अमेरिकी चुनाव के सर्वे से बड़ा खुलासा: ट्रंप-कमाला रैली जोरों पर, लोकतंत्र पर संकट के बादल चीनी-ईरानी हैकर्स का साया!

क्रिप्टो मार्केट में ट्रम्प का बढ़ता रुझान

U.S. Democracy Crisis In President Election: राष्ट्रपति चुनावों के साथ ही क्रिप्टो करेंसी बाजार में भी भारी उठापटक चल रही है। डिजिटल करेंसी सट्टा बाजार के अनुसार, ट्रम्प के जीतने की संभावनाएं अधिक हैं। अमेरिका के देसी सट्टा बाजार में राष्ट्रपति चुनाव पर लगभग 840 करोड़ रुपये के दांव लगाए गए हैं। इसके अलावा, अरबपति उद्योगपति एलन मस्क ने पोलीमार्केट के अनुमान को सही बताया है, जिससे ट्रम्प के जीतने के आसार पर लोगों का विश्वास और बढ़ गया है।

U.S. Democracy Crisis In President Election: राजनीतिक मतभेदों का बढ़ता असर

ट्रम्प ने हाल के दिनों में अपने विरोधियों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है। उन्होंने चुनाव में भाग ले रहे लोगों और राजनीतिक विरोधियों पर मुकदमा चलाने और उन्हें जेल भेजने की धमकी भी दी है। ट्रम्प के आलोचकों का कहना है कि यदि वह राष्ट्रपति बनते हैं, तो उनका रुख तानाशाही की ओर हो सकता है। इससे जुड़े उच्च पदस्थ अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ट्रम्प की वापसी से लोकतंत्र के लिए खतरनाक स्थिति पैदा हो सकती है।

संभावित परिणामों का सामाजिक और राजनीतिक असर

ट्रम्प के समर्थकों के उत्साह और उनके विरोधियों की चिंता से स्पष्ट है कि इस बार का चुनाव अमेरिका में राजनीतिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। लोकतंत्र, साइबर हमलों और शासन व्यवस्था पर उठे सवालों के बीच अमेरिकी नागरिकों के सामने इस चुनाव में सही विकल्प चुनने की चुनौती है।

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