PMMSY: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना! जानें मछली पालन से बंजर भूमि में भी कैसे पाएं 6 लाख रुपये प्रति एकड़ की आय

Anita Khatkar
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PMMSY: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) ने देश के किसानों और मछली पालन व्यवसाय से जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना के माध्यम से किसानों को 40 से 60 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता दी जा रही है, जिससे वे मछली पालन के क्षेत्र में नए अवसर तलाश रहे हैं और अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में न सिर्फ किसानों की आजीविका में सुधार कर रही है, बल्कि उन्हें खेती के अलावा अतिरिक्त आय के स्रोत प्रदान कर रही है।

PMMSY: झींगा मछली पालन से लाखों की कमाई

इस योजना के तहत विशेष रूप से उन गांवों में मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जहां बरसात का पानी रुका रहता है या भूमि बंजर पड़ी होती है। मछली पालन से किसानों को बड़ा आर्थिक लाभ हो सकता है। झींगा मछली पालन से किसान प्रति एकड़ 5 से 6 लाख रुपये तक की आमदनी कमा सकते हैं। PMMSY विशेष रूप से उन किसानों के लिए बेहद लाभकारी है जो पारंपरिक खेती से हटकर नई संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं और अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं।

PMMSY: सभी वर्गों के लिए अनुदान की सुविधा

PRADHAN MANTRI MATSYA SAMPADA YOJANA के अंतर्गत सभी वर्गों के किसानों को वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति और महिला मछली पालकों को 60 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है, जबकि सामान्य वर्ग और OBC किसानों को 40 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता मिलती है। यह योजना न केवल मछली पालन को प्रोत्साहित करती है, बल्कि महिलाओं और पिछड़े वर्गों को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस योजना के तहत किसान निजी भूमि पर या पट्टे पर भूमि लेकर मछली पालन से जुड़ी इकाइयाँ जैसे फीड हैचरी, तालाब निर्माण, बायोफ्लॉक, आरएएस (री-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम), फीड मिल और कोल्ड स्टोर जैसी इकाइयाँ स्थापित कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें वित्तीय सहायता के साथ-साथ तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाती है, ताकि उनका व्यवसाय सफलतापूर्वक चल सके।

प्रशिक्षण से मिलेगा अधिक लाभ

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत किसानों को समय-समय पर मछली पालन से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जाता है। किसान मछली पालन शुरू करने से पहले मिट्टी और पानी की जांच अवश्य करवा लें, ताकि उनकी इकाई सफलतापूर्वक संचालित हो सके। प्रशिक्षण सत्रों में मछली पालन की आधुनिक तकनीकों, फीड की गुणवत्ता और तालाब निर्माण के विषयों पर विशेष जानकारी दी जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और मछली पालन के माध्यम से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है।

मत्स्य पालन से बढ़ती आय और रोजगार के अवसर

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य मछली पालन के माध्यम से किसानों की आय को दोगुना करना और नए रोजगार के अवसर पैदा करना है। PMMSY मछुआरों और मछली किसानों को सामाजिक, आर्थिक और शारीरिक सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें नई तकनीकों से जोड़ने का काम भी कर रही है।

मछली उत्पादन में बढ़ोतरी के लक्ष्य

सरकार ने 2024-25 तक मछली उत्पादन को 22 मिलियन मीट्रिक टन तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जबकि 2018-19 में यह आंकड़ा 13.75 मिलियन मीट्रिक टन था। इसके साथ ही, देश में एक्वाकल्चर उत्पादकता को 3 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 5 टन प्रति हेक्टेयर करने का लक्ष्य भी रखा गया है। इससे देश में मछली की खपत को भी बढ़ावा मिलेगा, जो वर्तमान में प्रति व्यक्ति 5 किलो है और इसे बढ़ाकर 12 किलो प्रति व्यक्ति तक करने की योजना है।

मत्स्य पालन क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा

 

PMMSY: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना! जानें मछली पालन से बंजर भूमि में भी कैसे पाएं 6 लाख रुपये प्रति एकड़ की आय
PMMSY: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना! जानें मछली पालन से बंजर भूमि में भी कैसे पाएं 6 लाख रुपये प्रति एकड़ की आय

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देना और इस क्षेत्र में उद्यमिता को प्रोत्साहित करना है। इसके तहत मछली पालन व्यवसाय में निजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएँ भी लाई गई हैं। PMMS योजना के तहत, सरकार का लक्ष्य है कि 2024-25 तक इस क्षेत्र के निर्यात को 1 लाख करोड़ रुपये तक दोगुना किया जाए, जो 2018-19 में 46,589 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, मछली उत्पादन में होने वाले 20-25% पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान को घटाकर 10% तक लाने की भी योजना है।

PMMSY Success Story: महिला सशक्तिकरण और सफलता की कहानियाँ

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना ने न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद की है, बल्कि महिलाओं को भी सशक्त बनाया है। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की सपना देवी एक उदाहरण हैं, जिन्होंने इस योजना के तहत 0.5 हेक्टेयर तालाब लीज पर लिया और मछली पालन से पहले ही वर्ष में 1.93 लाख रुपये का मुनाफा कमाया। इस सफलता ने उन्हें न सिर्फ आत्मनिर्भर बनाया बल्कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया। सपना देवी की तरह देशभर में कई महिलाओं को इस योजना से आर्थिक आजादी मिल रही है।

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