Dengue Transmitted: डेंगू, एडीज मच्छर के काटने से फैलने वाला एक वायरल संक्रमण, पिछले कुछ वर्षों में देश में एक गंभीर स्वास्थ्य संकट के रूप में उभरा है। जहां मलेरिया पहले से ही मच्छर जनित बीमारियों में प्रमुख था, वहीं अब डेंगू का प्रकोप शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में विकराल रूप ले चुका है। यह न केवल शारीरिक कष्ट का कारण बनता है, बल्कि देश की स्वास्थ्य प्रणाली पर भारी दबाव भी डालता है, जिससे इस बीमारी का नियंत्रण और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
मलेरिया और डेंगू: दोनों मच्छर जनित, लेकिन अलग लक्षण और प्रभाव
हालांकि मलेरिया और डेंगू दोनों ही मच्छरों के जरिए फैलते हैं, लेकिन इनकी उत्पत्ति, लक्षण और प्रभाव एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। मलेरिया एक परजीवी द्वारा फैलता है, जबकि डेंगू एक वायरस के कारण होता है। मलेरिया में तेज बुखार, कंपकंपी और पसीना जैसे लक्षण होते हैं, जबकि डेंगू में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द के साथ त्वचा पर लाल चकत्ते दिखते हैं।
मलेरिया का इलाज संभव है, इसके लिए औषधियां उपलब्ध हैं जैसे क्लोरोक्विन और आर्टेमीसिनिन। वहीं, डेंगू के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है। डेंगू का इलाज मुख्यतः लक्षणों को प्रबंधित करने पर निर्भर करता है, जिसमें बुखार और दर्द से राहत के उपाय और तरल पदार्थों का संतुलन बनाए रखना प्रमुख होता है। गंभीर मामलों में डेंगू हेमोरेजिक फीवर और डेंगू शॉक सिंड्रोम जानलेवा साबित हो सकते हैं।
Dengue Transmitted: शहरी क्षेत्रों में डेंगू का बढ़ता प्रकोप
डेंगू अब केवल ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि शहरी इलाकों में तेजी से फैल रहा है। अनियंत्रित शहरीकरण, जलभराव और स्वच्छता की कमी इसके प्रसार के प्रमुख कारण हैं। एडीज मच्छर साफ पानी में पनपता है, जो घरों के आसपास खुले में रखे पानी के बर्तनों में पाया जाता है। मानसून के मौसम में डेंगू का प्रकोप विशेष रूप से ज्यादा देखने को मिलता है।
स्वास्थ्य तंत्र पर दबाव और जागरूकता की आवश्यकता
डेंगू के कारण अस्पतालों में बिस्तरों की कमी, रक्त प्लेटलेट्स की भारी मांग और इलाज के खर्च ने इस बीमारी को और जटिल बना दिया है। डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करना बेहद जरूरी है। इसके लिए स्वच्छता अभियान, जलभराव रोकने और घरों के आस-पास साफ-सफाई बनाए रखने के उपाय जरूरी हैं। मच्छरदानी का उपयोग, पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना और मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल भी डेंगू से बचने के प्रभावी उपाय हैं।

सरकार को भी इस दिशा में सक्रिय होकर डेंगू से जुड़ी जागरूकता फैलानी चाहिए। साथ ही, टीकाकरण और अनुसंधान पर जोर देना चाहिए ताकि डेंगू के लिए प्रभावी उपचार विकसित किए जा सकें।
डेंगू का बढ़ता प्रकोप यह स्पष्ट करता है कि अब मलेरिया से ज्यादा ध्यान इस बीमारी पर देना आवश्यक है। यह एक स्वास्थ्य संकट के साथ-साथ सामाजिक समस्या भी बन चुकी है, जिसका समाधान जागरूकता और एकजुट प्रयासों के जरिए ही संभव है। समय रहते अगर Dengue पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो इसके आगे आने वाले परिणाम और भी गंभीर हो सकते हैं।