cji chandrachud: मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने पीएम मोदी संग गणेश पूजा पर खोली बातों की पोटली, बताया क्यों होती हैं ऐसी मुलाकातें

cji chandrachud: नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग गणेश पूजा को लेकर चल रही चर्चाओं पर खुलकर बातचीत की। यह मुलाकात और पूजा उस समय चर्चा का विषय बनी जब प्रधानमंत्री मोदी ने उनके घर जाकर पूजा में हिस्सा लिया, जिसे बाद में एक वीडियो के जरिए सार्वजनिक किया गया। विपक्षी दलों ने इसे लेकर आपत्ति जताई, लेकिन हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान खुद मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने इसे लेकर अपनी ओर से सफाई दी और बताया कि इस प्रकार की मुलाकातों का उद्देश्य और उनके पीछे की पारदर्शिता क्या है।

cji chandrachud: न्यायपालिका की बजट प्रक्रिया और राज्य से मिलने वाली सहायता का ज़िक्र

मुख्य न्यायाधीश ने अपनी बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के साथ नियमित बैठकें करना और उनके साथ संवाद करना एक परंपरा रही है, जो देश की राजनीतिक प्रणाली की परिपक्वता को दर्शाता है। इस बातचीत में आपने न्यायपालिका को मिलने वाले बजट और अन्य सहायता के मामलों पर चर्चा की, जिसमें राज्य सरकारों के साथ मिलने वाले न्यायिक कार्यों के संचालन के लिए आवश्यक बजट पर निर्भरता की जानकारी दी।

न्यायपालिका का बजट राज्य सरकार से आता है और यह न्यायाधीशों के व्यक्तिगत हित के लिए नहीं है, cji chandrachud ने कहा। आपने बताया कि न्यायालय भवनों के निर्माण, जिलों में न्यायाधीशों के आवासों की व्यवस्था और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस प्रकार की बैठकों की ज़रूरत होती है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन बैठकों में न्यायिक मामलों पर कोई चर्चा नहीं होती है, बल्कि यह सब एक पारदर्शी और औपचारिक प्रक्रिया का हिस्सा है।

cji chandrachud: नियमित मुलाकातों का महत्व और उनकी प्रक्रिया

मुख्य न्यायाधीश ने यह भी बताया कि जब आप इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे, तब भी राज्य के मुख्यमंत्री के साथ नियमित बैठकें होती थीं, जिनका उद्देश्य न्यायिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना था। आपने बताया कि मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के बाद, वह मुख्यमंत्री के घर जाते हैं और फिर मुख्यमंत्री मुख्य न्यायाधीश के घर आते हैं। इन बैठकों में एजेंडा तय होता है, जिसमें चल रहे प्रोजेक्ट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर की प्राथमिकताओं को निर्धारित किया जाता है। ऐसा नहीं करने पर काम अधूरा रह जाता है।

cji chandrachud: संवाद की परिपक्वता का संकेत: मुख्य न्यायाधीश का संदेश

मुख्य न्यायाधीश cji chandrachud ने बताया कि न्यायपालिका और राजनीतिक व्यवस्था के बीच संवाद की परिपक्वता का यह एक महत्वपूर्ण संकेत है, जिससे न्यायपालिका के प्रति सम्मान का भाव बना रहता है। आपने बताया कि राजनीतिक नेता भी न्यायपालिका के निर्णयों के प्रति संवेदनशील रहते हैं और उनके साथ कोई समझौता नहीं करते हैं। आपने कहा कि राजनीतिक वर्ग न्यायपालिका का सम्मान करता है और समझता है कि उनके बीच संबंध जरूरी हैं ताकि न्यायिक प्रक्रियाएं बिना किसी बाधा के संचालित हो सकें।

cji chandrachud: पीएम मोदी के साथ पूजा का मामला और उस पर बवाल

पीएम मोदी के साथ गणेश पूजा का यह मामला तब चर्चा में आया जब प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश का एक वीडियो सामने आया जिसमें पीएम मोदी को पूजा में हिस्सा लेते हुए दिखाया गया। इस वीडियो के सार्वजनिक होने के बाद, शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे, संजय राउत और राज्यसभा सांसद मनोज झा जैसे विपक्षी नेताओं ने इसे लेकर सवाल उठाए थे। इस पर cji chandrachud ने कहा कि प्रधानमंत्री का मुख्य न्यायाधीश के साथ पूजा में भाग लेना उनके विचार में गलत नहीं है, लेकिन वहां कैमरा होने से विवाद को हवा मिली।

cji chandrachud:मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि प्रधानमंत्री का उनसे मिलना या पूजा करना एक निजी मामला हो सकता है, लेकिन इस बात की गारंटी दी जा सकती है कि इस प्रकार की मुलाकातों में न्यायिक मामलों पर कोई चर्चा नहीं होती है। आपने जोर दिया कि यह मुलाकातें पारदर्शी और उचित होती हैं, जिनका उद्देश्य सिर्फ संस्थागत संबंधों को मजबूत करना है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया: भाजपा का बचाव और विपक्ष की आलोचना

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता भूपेंद्र यादव ने इसे धार्मिक मामले से जोड़ा और विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे धार्मिक प्रतीकों को लेकर दोहरा मापदंड अपना रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी 2009 के इफ्तार पार्टी का उदाहरण देते हुए कहा कि तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था, जिसमें उस समय के मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने भी हिस्सा लिया था। ऐसे में प्रधानमंत्री का पूजा में हिस्सा लेना गलत नहीं है।

cji chandrachud: मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने पीएम मोदी संग गणेश पूजा पर खोली बातों की पोटली, बताया क्यों होती हैं ऐसी मुलाकातें
cji chandrachud: मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने पीएम मोदी संग गणेश पूजा पर खोली बातों की पोटली, बताया क्यों होती हैं ऐसी मुलाकातें

रिटायरमेंट से पहले मुख्य न्यायाधीश का आखिरी संदेश

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जिनका कार्यकाल 10 नवंबर को समाप्त होने वाला है, ने अपने रिटायरमेंट से पहले यह स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश के बीच इस प्रकार की बैठकों को नकारात्मक दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। आपके अनुसार, न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच संवाद की यह प्रक्रिया भविष्य में भी सुचारू रूप से चलेगी। आपने कहा कि इन मुलाकातों में न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच सहयोग का माहौल होता है जिससे न्यायिक प्रणाली का विकास हो सके।

न्यायिक प्रणाली का भविष्य: सीजेआई के बदलते वक्तव्य और संभावनाएं

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, जो cji chandrachud के बाद सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे, उनके नेतृत्व में भी यह अपेक्षा की जा रही है कि न्यायपालिका की पारदर्शिता और उसके प्रति जनता का विश्वास बना रहेगा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के इस बयान ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और उसके प्रति सम्मान के महत्व को और भी गहरा कर दिया है।

cji chandrachud के इस बयान ने न केवल राजनीतिक वातावरण को शांति की दिशा में संकेत दिया है, बल्कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच एक परिपक्व संवाद की भी नींव रखी है। उम्मीद की जा सकती है कि इस प्रकार के सकारात्मक संवादों से भविष्य में न्यायिक व्यवस्था और भी सुदृढ़ होगी।

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