UGC DEB ID: नई दिल्ली: उच्चतर शिक्षा में ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग को बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत प्रत्येक विद्यार्थी को एक यूनिक डेब आईडी (डेटा एजुकेशन ब्यूरो आईडी) दी जाएगी, जिससे फर्जी दाखिलों पर रोक लगेगी और बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों पर निगरानी रखना आसान होगा।
UGC DEB ID से मिलेगा फर्जी दाखिलों पर नियंत्रण
यूजीसी का यह कदम फर्जी दाखिलों को रोकने में अहम साबित होगा। डेब आईडी से हरेक छात्र का डेटा यूजीसी के पास होगा, जिससे उसकी पढ़ाई का रिकार्ड सुरक्षित रहेगा। अगर कोई छात्र बीच में कोर्स छोड़ता है, तो उसकी जानकारी यूजीसी के पास रहेगी और ऐसे ड्रॉपआउट्स पर नजर रखी जा सकेगी। इस कदम से छात्रों को फर्जी संस्थानों में दाखिला लेने से बचाया जा सकेगा।
सभी संस्थानों को 30 नवंबर तक डेटा अपलोड करने के निर्देश
यूजीसी ने सभी उच्चतर शिक्षा संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वे 30 नवंबर 2024 तक छात्रों का डेटा डेब पोर्टल पर अपलोड कर दें। इस डेटा के माध्यम से छात्रों को फर्जी संस्थानों में दाखिला लेने से रोका जा सकेगा और उच्चतर शिक्षा में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा नौकरी देने वाले संस्थानों के लिए डिग्री और मार्कशीट की जांच भी सरल हो जाएगी।
शिक्षा सुधार में अहम कदम, आजीवन मान्य रहेगी आईडी
यूजीसी के अनुसार, डेब आईडी एक बार बनने के बाद आजीवन मान्य रहेगी और इसे कभी भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। हरियाणा में हर साल लगभग डेढ़ लाख छात्र ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग के माध्यम से पढ़ाई करते हैं और यूजीसी का यह कदम ऐसे छात्रों को लाभ पहुंचाएगा। यह आईडी उच्चतर शिक्षा में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है, जिससे नीति निर्माण में भी सहायता मिलेगी।
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शिक्षाविदों की राय: राहत भरा कदम
काम के साथ पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह एक राहत की खबर है। शिक्षाविदों का मानना है कि इस कदम से उच्चतर शिक्षा में सुधार आएगा और छात्रों को फर्जी संस्थानों से सतर्क रहना आसान होगा।