जींद : प्रदेश सरकार ने पिल्लूखेड़ा (Pillukhera control area) तहसील में दिल्ली- कटरा एक्सप्रेस हाईवे और नेशनल हाईवे 152डी के आसपास की जमीन को नियंत्रित क्षेत्र घोषित कर दिया है। जिसकी अधिसूचना डीसी कार्यालय में चस्पा की गई है।
खरकगादियां, रिटौली, जामनी, खेड़ी तलौडा, ढाठरथ, पिल्लूखेड़ा, पिल्लूखेड़ा मंडी, भूरायण, कालवा, हाडवा, मोहम्मद खेड़ा सहित कुछ अन्य गांवों का क्षेत्र इसमें शामिल है। घोषित नियंत्रित क्षेत्र का नक्शा बनाकर भी डीसी कार्यालय में नोटिस के साथ चस्पा किया गया है।
घोषित नियंत्रित क्षेत्र में कोई भी निर्माण करने से पूर्व नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग हरियाणा से अनुमति लेनी होगी। यहां CLU (भूमि उपयोग में बदलाव) लेकर ही कालोनी काटी सकता है और औद्योगिक इकाई स्थापित कर सकता है।
बता दें कि दो नेशनल हाईवे के गुजरने की वजह से पिल्लूखेड़ा क्षेत्र में औद्योगिक व व्यावसायिक प्रयोग को लेकर संभावनाएं काफी (Pillukhera control area declare) बढ़ गई हैं। जिसके चलते पिल्लूखेड़ा तहसील में नेशनल हाईवे के साथ लगती जमीन को खरीदने की भी होड़ लगी हुई है।
पिछले साल प्रदेश सरकार ने भी पिल्लूखेड़ा में 3800 एकड़ में औद्योगिक एस्टेट विकसित करने की योजना बनाई थी। जमीन की खरीद को लेकर एचएसआइआइडीसी ने ई भूमि पोर्टल पर मांग भी डाली थी।
अब जुलाई में दोबारा इस प्रस्ताव को एचएसआइआइडीसी ने ई भूमि पोर्टल (E Bhoomi Portal) पर डाला है। प्रस्तावित साइट-1 के लिए खरकगादियां, ढाठरथ, जामनी, खेड़ी तडोला, खेड़ा गांव में नेशनल हाईवे 152-डी और जींद-सफीदों मार्ग पर दो हजार एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। वहीं प्रस्तावित साइट-2 में लगभग 1800 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। जिसमें दिल्ली जम्मू कटरा एक्सप्रेस हाईवे (jammu katra express highway) और जींद-सफीदों रोड पर स्थित जामनी, अमरावली खेड़ा और भूरायण गांव का क्षेत्र शामिल है।
Pillukhera control area declare : चार नेशनल हाईवे से जुड़ा पिल्लूखेड़ा क्षेत्र, रेलवे लाइन भी गुजर रही
निर्माणाधीन जींद-सोनीपत ग्रीन फील्ड हाईवे (Jind sonipat Greenfield highway) और पानीपत-डबवाली फोरलेन (panipat dabwali highway) भी पिल्लूखेड़ा ब्लाक के गांवों से गुजरते हैं। ऐसे में चार नेशनल हाईवे के जुड़ाव के साथ-साथ जींद-पानीपत मार्ग और जींद-पानीपत रेलवे लाइन के चलते पिल्लूखेड़ा से चारों तरफ किसी भी जिले में और दिल्ली व चंडीगढ़ आना-जाना आसान हुआ है। इसके कारण यहां पर बड़े उद्योग स्थापित किए जा सकते हैं।
जमीन के भाव में उछाल (Pillukhera control area)
पिछले साल जब प्रदेश सरकार ने पिल्लूखेड़ा क्षेत्र (Pillukhera control area) में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने के लिए योजना बनाई थी और ई-भूमि पोर्टल पर 3800 एकड़ जमीन की मांग डाली थी। तभी से संबंधित गांवों में जमीन के भाव बढ़ने को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी।
किसानों का कहना है कि जो एकड़ जमीन पहले 30 से 35 लाख रुपये की थी। अब उसके भाव 80 लाख से एक करोड़ रुपये तक पहुंच चुके हैं। अगर कालोनी काटने या उद्योग इकाई लगाने के लिए बाहर से पार्टियां आती हैं, तो भाव और बढ़ सकते हैं।
सरकार की अच्छी पहल, पूरे क्षेत्र को मिलेगा फायदा (Pillukhera control area)
पिल्लूखेड़ा के सरपंच अनिल कुंडू ने कहा कि नेशनल हाईवे निकलने से पिल्लूखेड़ा क्षेत्र में जमीन की कीमत बढ़ गई है। पहले के मुकाबले जमीन के भाव दोगुना हो चुके हैं। क्षेत्र में उद्योग स्थापित होंगे, तो युवाओं को रोजगार मिलेंगे। जमीन के भाव बढ़ने से किसानों को भी सीधे तौर पर फायदा होगा और क्षेत्र का विकास होगा। सरकार की ये अच्छी पहल है।
कालोनी काटने व निर्माण के लिए लेनी होगी सीएलयू
जिला नगर योजनाकार (DTP) गुंजन वर्मा ने वर्मा ने बताया कि पिल्लूखेड़ा तहसील का क्षेत्र प्रदेश सरकार ने नियंत्रित घोषित किया है। जिसका नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। विभाग की वेबसाइट पर भी इसकी पूरी जानकारी डाली गई है।
प्रदेश सरकार की पिल्लूखेड़ा क्षेत्र को लेकर सरकार ने योजना बनाई है। नियंत्रित क्षेत्र में कोई भी सीएलयू (CLU) लेकर कालोनी काट सकता है, औद्योगिक इकाई स्थापित कर सकता है। बगैर अनुमति के नियंत्रित क्षेत्र में किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता।