Breastfeeding ke suraksha tips: नवजात बच्चों के लिए दूध पिलाते वक्त मां का सो जाना शिशु के लिए घातक साबित हो सकता है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में यह चिंताजनक बात सामने आई है कि एक तिहाई से अधिक माताएं दूध पिलाते समय सो जाती हैं, जिससे नवजातों में सडेन इन्फैंट डेथ सिंड्रोम (SIDS) का खतरा बढ़ जाता है। शोध के प्रमुख लेखक फर्न हॉक ने कहा कि इस स्थिति में मां और शिशु दोनों के सोने से जोखिम बढ़ता है और इससे बच्चे की जान तक जा सकती है।
Breastfeeding ke suraksha tips:16 अस्पतालों में 1250 माताओं पर शोध
यह शोध अमेरिका के 16 अस्पतालों में 1250 माताओं पर किया गया, जिसमें तीन महीने तक नवजात शिशुओं की निगरानी की गई। अध्ययन में पाया गया कि लगभग 28% माताएं दूध पिलाते समय कभी-कभी या अक्सर सो जाती हैं। साथ ही, 80% माताओं का सोना एक स्वाभाविक प्रक्रिया के कारण होता है।
मामले जिनमें बच्चों की मौत हुई
1. पुडुचेरी (2018): एक माँ अपनी दो माह की बच्ची को लेटकर दूध पिला रही थी और सो गई, जिससे दूध बच्ची की श्वास नलिका में चला गया और उसकी मौत हो गई।
2. अमेरिका, इंडियाना (2020): भारतीय मूल की एक महिला बच्चे को दूध पिलाते हुए सो गई, जिससे दो सप्ताह के शिशु की जान चली गई। इस घटना के बाद मामला अदालत में है।
Breastfeeding ke suraksha tips: सुरक्षित दूध पिलाने के तरीके
1. लेड बैक पोजिशन: शिशु को सीने और पेट के बल लिटाकर, मां पीछे की ओर आराम से बैठ सकती हैं और बच्चे को दूध पिला सकती हैं।
2. क्रेडल होल्ड: बच्चे को गोद में लेकर उसके सिर को हाथ से सहारा दें और उसे दूध पिलाएं।
3. साइड लाइंग पोजिशन: बेड पर सोते हुए अपने सिर को हाथ से सहारा दें और बच्चे को आराम से दूध पिलाएं।
Breastfeeding ke suraksha tips:सावधानियां जो अपनाना जरूरी है:
शिशु को तकिया या कंबल से ढंकने की कोशिश न करें।
दूध पिलाते समय अच्छी तरह से खुली हवा का ध्यान रखें।
शिशु को दूध पिलाने के लिए कभी भी ज़बरदस्ती न करें।
दूध पीते वक्त बच्चे का सिर बार-बार न हटाएं।
दूध पिलाते समय शिशु का सिर पीछे से न दबाएं।
यह शोध माताओं के लिए चेतावनी है कि दूध पिलाते समय सतर्कता बरतें, ताकि अनजाने में शिशु के जीवन को खतरे में न डाला जाए।